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अफगानिस्तान से भी बढ़ा जम्मू-कश्मीर में खतरा, पश्तून थे मारे गए दो आतंकी! क्या बोली पुलिस

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REPORT BY SAHIL PATHAN

अफगानिस्तान से भी बढ़ा जम्मू-कश्मीर में खतरा, पश्तून थे मारे गए दो आतंकी! क्या बोली पुलिस
जम्मू-कश्मीर के सुजवां में सीआईएसएफ की बस पर हुए आतंकी हमले के बाद मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकवादी मारे गए थे। इन आतंकियों को लेकर जम्मू-कश्मीर पुलिस का कहना था कि ये आतंकी पाकिस्तान से आए थे, लेकिन अब इनकी पहचान सामने आ रही है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अब संदेह जताया है कि ये दोनों आतंकी अफगानिस्तान से आए हो सकते हैं। इसकी वजह यह है कि इन दोनों आतंकियों को शरण देने के आरोप में जिन दो लोगों को अरेस्ट किया गया है, उनका कहना है कि ये पश्तो भाषा में बात कर रहे थे। इससे संदेह यह जताया जा रहा है कि ये आतंकी या तो पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के रहने वाले थे या फिर अफगानिस्तान से आए थे।
इस बीच जम्मू-कश्मीर पुलिस ने दो और लोगों को गिरफ्तार किया है। इन लोगों पर आरोप है कि ये आतंकियों को सीमा से सुजवां तक लेकर आए थे।  अधिकारियों ने रविवार को बताया कि चालक बिलाल अहमद वागे और उसके सहायक इश्फाक चोपान को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले से पकड़ा गया। इससे पहले पुलिस ने मुठभेड़ के संबंध में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था तथा एक अन्य को हिरासत में लिया था। वागे और चोपान पर पश्तो भाषा बोलने वाले जेईएम के दो आतंकवादियों को मुठभेड़ से एक दिन पहले सांबा जिले के सुपवाल से जम्मू में सुजवां तक लाने का आरोप है। ये आतंकवादी सीमा पार करके पाकिस्तान या अफगानिस्तान से आए थे।


पीएम नरेंद्र मोदी के सांबा दौरे से दो दिन पहले सीआईएसएफ पर हुए आतंकी हमले और उसके बाद मुठभेड़ के बाद सुरक्षा एजेंसियों की चिंताएं बढ़ गई थीं। जांच में यह भी बात भी सामने आई थी कि ये आतंकवादी पीएम नरेंद्र मोदी को सांबा के अपने दौरे को रद्द करने के लिए मजबूर करना चाहते थे। गौरतलब है कि अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से ही चिंताएं जा रही थीं कि जम्मू-कश्मीर में इसका असर हो सकता है। ऐसे में यदि सुजवां में अटैक करने वाले दो आतंकवादी यदि अफगानी मूल के पाए जाते हैं तो यह चिंता की बात होगी।

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