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आचार्य तुलसी कैंसर अस्पताल में एएमएल हैप्लॉइड मिसमैच, लिम्फोमा तथा 25वें बोर्नमेरो के हुए सफल ट्रांसप्लाण्ट्स

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दिनांक 2 नवम्बर, बीकानेर। सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज से संबंद्ध उत्तर भारत में कैंसर उपचार हेतु प्रसिद्ध आचार्य तुलसी कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केन्द्र में प्राचार्य एवं नियंत्रक डॉ. गुंजन सोनी तथा निदेशक डॉ. एच. एस. कुमार द्वारा बेहतर चिकित्सकीय प्रबंधन के चलते चिकित्सालय प्रशासन ने ब्लड कैंसर के उपचार में तीन बड़ी उपलब्धियां हासिल की है।
प्राचार्य डॉक्टर सोनी ने बताया कि पीबीएम के आचार्य तुलसी कैंसर अस्पताल में ब्लड कैंसर यूनिट से जुड़ी चिकित्सकों की विशेष टीम द्वारातीन अलग अलग मरीजों को लिम्फोमा, एएमल हैप्लॉइड मिसमैच तथा बोर्नमेरो ट्रांसप्लांट का निःशुल्क उपचार प्रदान कर उन्हें जीवनदान दिया गया है।

आचार्य तुलसी कैंसर अस्पातल के निदेशक डॉ. एचएस कुमार ने बताया बोर्नमेरो ट्रांसप्लांट के माध्यम से मरीज के अस्थि मज्जा में खून बदलने की प्रक्रिया की जाती है इस दौरान मरीज को किमोथैरेपी देकर बोर्नमेरा को कैंसर रहीत की जाती है। लिम्फोमा ट्रांसप्लांट एक ऐसा ट्रांसप्लांट है जो अधिकतर युवाओं को होता है, जिस मरीज के उपचार के पश्चात पुनः ब्लड कैंसर होता है उसके लिए लिम्फोमा ट्रांसप्लांट ही एकमात्र उपचार है। एएमएल यानि एक्यूड माइलॉड ल्यूकिमीया हेप्लॉइड मिसमैच एक ऐसा ब्लड कैंसर है जिसमें ट्रांसप्लांट करना बेहद चुनौती पूर्ण होता है इसमें दुसरे व्यक्ति का ब्लड काम में लिया जाता है।

आचार्य तुलसी कैंसर अस्पताल में मेडिकल ऑनकोलॉजी विभाग के सह आचार्य एवं बोर्नमेरो ट्रांसप्लांट एक्सपर्ट डॉ. पंकज टांटीया ने बताया कि एसपी मेडिकल कॉलेज में बोर्नमेरो ट्रांसप्लांट की शुरूआत वर्ष 2019 में हुई थी इस दौरान छः माह में 6 बोर्नमेरा ट्रांसप्लांट किए गये। वर्ष 2020 में कोरोना काल के दौरान मरीज की आपात स्थिति को देखते हुए सफल बोर्नमेरो ट्रांसप्लांट करके एक मरीज की जान बचाई गई वहीं वर्ष 2021 एवं 2022 के दौरान दो-दो बोर्नमेरो ट्रांसप्लांट हुए । बता दें की वर्ष 2023 में अब तक कुल 12सफल बोर्नमेरो ट्रांसप्लांट किये जा चुके है तथा दिसम्बर माह तक 8 बोर्नमेरो ट्रांसप्लांट करना उपचाराधीन है।

मेडिकल आन्कॉलोजी विभाग के आचार्य एवं बीएमटी इंचार्ज डॉ. सुरेन्द्र बेनिवाल ने बताया कि ऐसे ट्रांसप्लांट्स उपचार अमेरिका में प्रति वर्ष 35 करोड की जनसंख्या में 30,000 मरीजों का किया जाता है जबकी भारत में यह संख्या 140 करोड की आबादी में महज 3000 प्रतिवर्ष ही है अतः इस गैप को पुरा करने के लिए आचार्य तुलसी कैंसर अस्पताल जैस अनेक सेण्टर देशभर में खोले जाने की आवश्यकता रहेगी। यहां पर राजस्थान के मरीजों का निःशुल्क उपचार प्राप्त होता है साथ ही प्रदेश के बाहर के मरीजों हेतु भी उचित दरों पर मरीज का उपचार करवा पाना संभव हो पाता है।

उल्लेखनीय है कि बोर्नमेरो ट्रांसप्लांट का मुख्य भाग स्टेम सेल कलेक्शन है जिसे की अतिरिक्त प्राचार्य डॉक्टर नवरंग लाल महावर, डॉक्टर अरुण भारती एवं डॉक्टर सोनम की ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन टीम ने बखूबी सहयोग कर सफल ट्रांसप्लांट की नींव साबित हुई। आपको बता दें की ये सभी ट्रांसप्लांट गुड़गांव फोर्टिस अस्पताल के कैंसर विभाग के एचओडी डॉक्टर राहुल भार्गव के सहयोग के बिना संभव नहीं था, डॉक्टर भार्गव का सहयोग एक विशेष अनुबंध के तहत प्राप्त हुआ जिनसे आचार्य तुलसी कैंसर अस्पताल के डॉक्टर्स एवं नर्सिंग स्टाफ को भी प्रशिक्षित किया गया ।
पीबीएम अधीक्षक डॉक्टर पी के सैनी ने कहा की आचार्य तुलसी कैंसर अस्पताल में प्राचार्य डॉ गुंजन सोनी की बेहतर मॉनिटरिंग तथा भामाशाहों के सहयोग से कैंसर मरीजों को आधुनिक उपचार का लाभ मिल रहा है, यह उत्तर भारत का श्रेष्ठ कैंसर उपचार केंद्र है

प्राचार्य डॉक्टर गुंजन सोनी ने कहा की अनुभवी चिकित्सकों के सामुहिक प्रयासों तथा मरीजों के आत्मविश्वास की वजह से सफल हुए है। एएमएल हेप्लॉइड मरीज डॉक्टर्स की टीम में 90 दिन तक मॉनिटरिंग में रहा, फिलहाल वो एक दम स्वस्थ है। इस दौरान प्राचार्य डॉ. सोनी ने 25 वें बोर्नमेरो ट्रांसप्लांट के मरीज को डिस्चार्ज किया एवं तीनों उपलब्धि पर समस्त चिकित्सकों प्रेस प्रतिनिधियों के सामने केक काटकर प्रसन्नता व्यक्त की, इसी के साथ पीबीएम संबंद्ध हॉस्पिटल में सभी मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने को लेकर प्रतिबद्ध रहने को कहा।

आचार्य तुलसी कैंसर अस्पताल में कैंसर मरीजों के लिए आधुनिक चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध करवाने हेतु राज्य सरकार के साथ भामाशाह जेठमल बोथरा, सोहन लाल बेद सहित जैन समाज के अन्य भामाशाहों का विशेष सहयोग रहा, वर्तमान में इन भामाशाहों ने ही कैंसर ट्रांसप्लांट सेंटर हेतु मूलभूत चिकित्सकीय उपकरण भेंट किए।

इन डॉक्टर्स एवं कार्मिकों का रहा विशेष सहयोग
कैंसर अस्पताल की विभागाध्यक्ष डॉ. नीति शर्मा, डॉ. शंकर लाल झाखड़, मेडिकल ऑनकोलॉजी की नवीन फैकल्टी डॉ. संदीप भास्कर, अतिमान, गोकूल, डॉ. विकास कालेर, डॉ. सोनिया, डॉ. हेमंत, डॉ. अनिता पारीक, डॉ’.किवी व्यास, डॉक्टर आयुषी, डॉक्टर त्रिलोक, डॉक्टर ऋषि नर्सिंग स्टाफ में इंचार्ज राजकुमार, संदीप, शंकर, मनोज, विकास, राहूल तथा रजत आदि का उपचार के दौरान विशेष सहयोग रहा।

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