आजाद अमेरिका से 10 बड़े लेसन:अब्राहम लिंकन की क्रांति और लूथर के संघर्ष से सीखिए कामयाबी का मंत्र
भारत में अमेरिका को लेकर हमेशा जिज्ञासा बनी रहती है। अमेरिकी इतिहास से लेकर उनके वर्तमान तक, लोग जानने को उत्सुक रहते हैं।
जब हम कहते हैं कि आधुनिक अमेरिका (300 साल) अनेक क्रांतियों और आंदोलनों की भूमि रहा है, तो उसके पलट अमेरिका में गोरों द्वारा रेड इंडियंस पर अत्याचार, अफ़्रीकी स्लेव्स पर बर्बरता और दुनिया भर में राजनीतिक दखलंदाज़ी के उदाहरण भी दिए जाते हैं।
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लेकिन अमेरिका अपने तौर पर क्रांति, संघर्ष और अंततः स्वतंत्रता की भूमि रही है। हमारे लिए इसमें काफी प्रेरणास्पद बातें हैं। यही आज हम देखेंगे।
अमेरिका में क्रांतियों और संघर्षों के बारे में दस बड़ी बातें
1) 1776: स्वतंत्रता की घोषणा – 4 जुलाई को, महाद्वीपीय कांग्रेस ने स्वतंत्रता की घोषणा को स्वीकृति दी, जिसमें ब्रिटिश शासन से 13 अमेरिकी उपनिवेशों की स्वतंत्रता पर जोर दिया गया और संयुक्त राज्य अमेरिका के जन्म की नींव रखी गई।
लेसन – ब्रिटिश ज़्यादा चतुराई में फंस गए। “प्रतिनिधित्व के बिना कोई कराधान नहीं” का सिद्धांत स्थापित हुआ। ब्रिटिश ताज के खिलाफ विद्रोह!
2) 1783: क्रांतिकारी युद्ध का समापन – पेरिस की संधि पर हस्ताक्षर हुए, जिससे आधिकारिक तौर पर क्रांतिकारी युद्ध समाप्त हो गया और संयुक्त राज्य अमेरिका को ग्रेट ब्रिटेन से स्वतंत्रता मिल गई।
लेसन – बिना संघर्ष कोई भी अधिकार हासिल नहीं हो सकते। और हाँ, आज़ादी कभी दी नहीं जाती, छीनी जाती है।
3) 1863: मुक्ति उद्घोषणा – राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने मुक्ति उद्घोषणा जारी की, जिसमें घोषणा की गई कि कॉन्फेडरेट-आयोजित क्षेत्र के सभी दासों (अफ़्रीकी अश्वेत) को मुक्त किया जाएगा। यह मुक्ति और स्वतंत्रता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। लेकिन ये प्रेजिडेंट का एक एग्जीक्यूटिव आर्डर मात्र था कोई कानून या संविधान संशोधन नहीं।
लेसन – नैतिक रूप से सही काम करने के लिए नैतिक रूप से ईमानदार व्यक्ति की आवश्यकता होती है।
4) 1865: 13वां संशोधन – संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान में 13वें संशोधन को मंजूरी दी गई, जिससे दासता को संवैधानिक रूप से भी समाप्त किया गया और सभी अफ्रीकी अमेरिकियों की सदा के लिए स्वतंत्रता सुनिश्चित की गई। लिंकन अमर हो गए।
लेसन – लिंकन ने सचमुच इसके साथ गुलामी उन्मूलन को पत्थर की लकीर बना दिया। उच्चतम चरित्र और साहस का व्यक्ति।
5) 1870: 15वां संशोधन – 15वें संशोधन को मंजूरी दी गई, जिससे अफ्रीकी अमेरिकी पुरुषों को वोट देने का अधिकार मिला, जिससे उन्हें राजनीतिक स्वतंत्रता और प्रतिनिधित्व की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मिला।
लेसन – बड़ी जीतें अक्सर चरणबद्ध तरीके से मिलती हैं। धैर्य रखें।
6) 1890-1920: मताधिकार आंदोलन – जब महिलाओं ने अपनी स्वतंत्रता और वोट देने के अधिकार के लिए लड़ाई लड़ी तो मताधिकार आंदोलन को गति मिली। 1920 में 19वें संशोधन को मंजूरी दी गई, जिससे संयुक्त राज्य अमेरिका में महिलाओं को मताधिकार प्राप्त हुआ।
लेसन – महिलाएं आज जिस आजादी का आनंद ले रही हैं, उसे बड़ी मुश्किल से हासिल किया गया है। कुछ भी नहीं दिया गया. सब कुछ कठिनाई से कमाया हुआ है।
7) 1955-1968: नागरिक अधिकार आंदोलन – मार्टिन लूथर किंग जूनियर जैसे लीडर्स के नेतृत्व में नागरिक अधिकार आंदोलन ने नस्लीय समानता और अफ्रीकी अमेरिकियों की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी। मोंटगोमरी बस बहिष्कार, वाशिंगटन पर मार्च और 1964 के नागरिक अधिकार अधिनियम के पारित होने जैसी ऐतिहासिक घटनाओं के साथ यह आंदोलन अपने चरम पर पहुंच गया।
लेसन – महात्मा गांधी मार्टिन लूथर किंग जूनियर के संघर्ष के मार्गदर्शक थे। अहिंसक. अटल।
8) 1963 और 1964: मार्टिन लूथर किंग जूनियर का “आई हैव ए ड्रीम” भाषण – मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने वाशिंगटन में मार्च के दौरान अपना प्रतिष्ठित “आई हैव ए ड्रीम” भाषण दिया, जिसमें नस्लीय समानता, स्वतंत्रता और सभी अमेरिकियों के लिए न्याय की कल्पना थी।
और 1964 में – नागरिक अधिकार अधिनियम: 1964 के नागरिक अधिकार अधिनियम पर हस्ताक्षर करके कानून बनाया गया, जो नस्ल, रंग, धर्म, लिंग या राष्ट्रीय मूल के आधार पर भेदभाव पर रोक लगाता है। यह कानून सभी अमेरिकियों के लिए समानता और स्वतंत्रता की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ।
लेसन – मानवता का नैतिक कर्व अंततः सही दिशा में ही झुकता है।
9) 1965: मतदान अधिकार अधिनियम – इस मतदान अधिकार अधिनियम 1965 को कानून में हस्ताक्षरित किया गया, जो मतदान प्रथाओं में नस्लीय भेदभाव को रोकता है और मतदान के अधिकार के लिए मजबूत संघीय सुरक्षा प्रदान करता है। इसका उद्देश्य सभी नागरिकों, विशेष रूप से अफ्रीकी अमेरिकियों की राजनीतिक स्वतंत्रता और समान मतदान अधिकार सुनिश्चित करना था, जिन्हें मतदान में प्रणालीगत बाधाओं का सामना करना पड़ा था।
लेसन – अमेरिका फिर कभी पहले जैसा नहीं रहा। तीन पीढ़ियों पहले इन्हीं अफ़्रीकी-अमेरिकियों को गोरों द्वारा मवेशियों की तरह खरीदा और बेचा जाता था।
10) 2008: बराक ओबामा का चुनाव – बराक ओबामा संयुक्त राज्य अमेरिका के पहले अफ्रीकी अमेरिकी राष्ट्रपति बने, जो नस्लीय समानता की खोज में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी और एक अधिक समावेशी और स्वतंत्र अमेरिका की दिशा में हुई प्रगति का प्रदर्शन था।
लेसन – बड़े से बड़ी बाधा अंततः टूट जाती है।
तो दोस्तों, उम्मीद करता हूँ कि आपको भी जीवन के अपने-अपने संघर्षों से लड़ने का मोटिवेशन मिला होगा।
आज का संडे मोटिवेशनल करिअर फंडा ये है कि अमेरिकी इतिहास के बड़े एपिसोड हमें कुछ बेहद गहन और बढ़िया लेसन देते हैं, जिनसे सीखकर हम अपने संघर्षों में भी आगे बढ़ सकते हैं।
कर के दिखाएंगे!
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