NATIONAL NEWS

आज भारत को मिलने जा रहा Aircraft C-295, जानिए कैसे बढ़ेगी इंडियन एयरफोर्स की ऑपरेशन ताकत

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

IAF हुआ और ताकतवर, भारत को मिला पहला C-295 विमान; जानें क्या है खासियत

C-295 Aircraft: 5-10 टन क्षमता वाला यह परिवहन विमान कई स्थितियों में अलग-अलग मिशनों को अंजाम दे सकता है। इसमें 11 घंटे तक उड़ान भरने के साथ-साथ कम जगह पर टेक ऑफ लैंडिंग की विशेषता भी है।

भारत की हवाई ताकत में और इजाफा होने जा रहा है। स्पेन से जल्द ही पहला C-295 सैन्य विमान भारत में लैंड होने वाला है। खबर है कि भारतीय वायुसेना के प्रमुख विमान लेने लिए स्पेन पहुंच चुके हैं। बीते साल सितंबर में भारत ने एयरबस डिफेंस एंड स्पेस से 56 C-295 विमानों की डील की थी, जो Avro-748 विमानों की जगह लेगा।

खास बात है कि स्पेन से भारत को 16 C-295 विमान मिलेंगे। जबकि, बचे 40 विमानों का उत्पादन गुजरात के वडोदरा में किया जाएगा। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस पर 25 सितंबर को विमान लैंड कर सकता है। भारत ने यह डील 21 हजार करोड़ रुपये में की थी। समझौते के तहत 4 सालों में 16 विमान दिए जाने हैं।

अधिकारियों ने जानकारी दी है कि भारत को दूसरा C-295 विमान मई 2024 तक मिल जाएगा। वहीं, सभी 16 विमानों भारतीय वायुसेना को अगस्त 2025 तक मिल जाएंगे। इधर, भारत में ही तैयार होने जा रहा पहला स्वदेशी विमान सितंबर 2026 तक मिलेगा और अन्य 39 विमान अगस्त 2031 तक मिलने के आसार हैं।

पीएम मोदी ने बीते साल 30 अक्टूबर को निर्माण संयंत्र का शिलान्यास किया था। यहां टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड और एयरबस डिफेंस एंड स्पेस एस.ए C-295 विमान तैयार करेंगे। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, ‘यह अपनी तरह की पहली परियोजना है जिसमें एक निजी कंपनी द्वारा भारत में एक सैन्य विमान का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना की कुल लागत 21,935 करोड़ रुपये है। इस विमान का इस्तेमाल नागरिक उद्देश्यों के लिए भी किया जा सकता है।’

विमान की खासियत
रक्षा मंत्रालय ने बताया था कि 5-10 टन क्षमता वाला यह परिवहन विमान कई स्थितियों में अलग-अलग मिशनों को अंजाम दे सकता है। इसमें 11 घंटे तक उड़ान भरने के साथ-साथ कम जगह पर टेक ऑफ लैंडिंग की विशेषता भी है। खास बात है कि यह नियमित रूप से रेगिस्तान से समुद्री वातावरण तक में दिन के साथ-साथ रात के युद्ध अभियानों को संचालित कर सकता है।

C-295, 9 पेलोड या 71 जवानों या 45 पैराट्रूपर्स को ले जाने में सक्षम है। साथ ही है यह 480 किमी प्रतिघंटा की अधिकतम रफ्तार से मिशन को अंजाम दे सकता है।

सरकार ने जानकारी दी थी कि सभी 56 विमान भारतीय डीपीएसयू- भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड में तैयार हुए स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट से लैस होंगे। भारतीय वायुसेना को 56 विमानों की डिलीवरी पूरी होने के बाद, एयरबस डिफेंस एंड स्पेस को भारत में निर्मित विमानों को सिविल ऑपरेटरों को बेचने और उन देशों को निर्यात करने की अनुमति दी जाएगी, जिन्हें भारत सरकार द्वारा मंजूरी दी गई है।


FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!