NATIONAL NEWS

आरएसवी: शिक्षकों, बच्चों एवं अभिभावकों से जुड़ी विभिन्न समस्याओं पर विशेषज्ञों से हुई चर्चा

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

बीकानेर। आरएसवी ग्रुप ऑफ स्कूल्स तथा पर्यावरण पोषण यज्ञ समिति के संयुक्त तत्वाधान में माता कौशल्या देवी की स्मृति में तीन दिवसीय विशेष कार्यक्रम का प्रारंभ मंगलवार को होटल पाणिग्रहण में हुआ। कार्यक्रम का प्रारंभ गीता एवं वेदों के मर्मज्ञ आचार्य स्वामी प्रद्मुन, मुनि सत्यजीत, मुनि ऋतमा के सान्निध्य और निर्देशन में यज्ञ से हुआ। कार्यक्रम में यज्ञ का संचालन पर्यावरण पोषण समिति के मंत्री योगेंद्र कृष्ण आर्य ने किया, जिसमें 400 से अधिक दर्शकों की सहभागिता रही। इस अवसर पर फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम भी मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहा, जिसमें शिक्षकों के समक्ष आने वाली विभिन्न समस्याओं पर विशेषज्ञों के साथ संवाद किया गया। इसमें आरएसवी ग्रुप ऑफ स्कूल्स के 450 से अधिक शिक्षकों एवं आमंत्रित अतिथियों के समक्ष नैतिकता का जीवन में महत्व, नीति विषय पर चर्चा तथा विद्यार्थियों को शिक्षा किस प्रकार से प्रदान की जाए पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई। इस अवसर पर मुनी ऋतमा ने अपने प्रजेंटेशन में साइकोलॉजी पर आधारित विभिन्न तथ्यों के आधार पर शिक्षकों को बताया कि विद्यार्थियों की भावनाओं को किस प्रकार से समझा जाए तथा उनकी समस्याओं का निराकरण किया जाए। बच्चों के सही निर्णय पर उन्हें प्रोत्साहित करें साथ ही उन्हें इसके लिए भी तैयार करें कि उनके निर्णय गलत भी हो जाएं तो उनका सामना वह किस प्रकार करें। मुनि सत्यजीत ने नैतिकता मानवीयता एवं शिष्टाचार को स्वयं से जोडऩे हेतु परिभाषित किया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक को अपनी उन्नति में संतुष्ट नहीं रहना चाहिए, अपितु अन्य के लिए भी सोचना चाहिए इसी में समाज का उत्थान है। बदलते शैक्षणिक माहौल में शिक्षकों के समक्ष चुनौतियों पर बोलते हुए आचार्य स्वामी प्रद्युम्न ने चित्त की तीनों स्थितियों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने विद्या, तप चरित्रय को सफल जीवन हेतु आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि जो हम बांटते हैं, वही हमें वापस मिलता है। हम सुख बाटेंगे तो सुख मिलेगा या दु:ख बाटेंगे तो दु:ख मिलेगा। यम की साधना चरित्र की साधना है, इसे आपने यजुर्वेद का उदाहरण देकर प्रस्तुत किया। इस अवसर पर आयोजित प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में शिक्षकों की जिज्ञासाओं का समाधान बड़े ही सहज और विस्तार पूर्वक प्रस्तुत किया गया। तीसरे चरण में गोल मेज सम्मेलन के अंतर्गत आचार्य स्वामी प्रद्मुन, मुनि सत्यजीत, मुनि ऋतमा, आरएसवी ग्रुप ऑफ स्कूल्स के सीएमडी सुभाष स्वामी, पर्यावरण पोषण यज्ञ समिति के ओमप्रकाश मोदी, योगेंद्र कृष्ण आर्य, श्री जैन पीजी कॉलेज के पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. एलएन खत्री, डूंगर कॉलेज संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ. नंदिता, कांग्रेस के प्रवक्ता गजेंद्र सांखला, डीन होम साइंस कॉलेज डॉ. विमला डूकवाल, सेठ तोलाराम बाफना अकादमी के सीईओ डॉ. पीएस वोहरा, कवियत्री मनीषा आर्य सोनी, कवियत्री मोनिका गौड, रंगकर्मी विपिन पुरोहित, युवा कवि शशांक शेखर ने गीता एवं कर्म योग पर अपने विचार रखे तथा विस्तृत रूप से चर्चा की। साय:कालीन सत्र में अभिभावकों की समस्या का समाधान भी प्रस्तुत किया गया, जिसका विषय था बच्चों में संस्कार निर्माण, किशोरवय बच्चों की समस्याएं और अभिभावक बच्चों को कैसे समझें व समझाएं। इसमें लगभग 1000 अभिभावकों के समक्ष बाहर से पधारे विद्वानों ने अपने विचार प्रस्तुत किए तथा कैसे अभिभावक और बच्चों में सामंजस्य उत्पन्न हो तथा वर्तमान युग में आ रही समस्याओं का समाधान किया जा सके इस पर विस्तृत चर्चा की गई। बीकानेर में इस प्रकार के कार्यक्रम की अत्यधिक आवश्यकता थी, जिसे अभिभावकों ने अत्यंत सराहा। कार्यक्रम के अंतिम चरण में उपस्थित दर्शकों के समक्ष बीकानेर के सांसद और केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए इस प्रकार के कार्यक्रमों की सराहना की तथा अध्यापकों और अभिभावकों के दायित्व की भी व्याख्या की। समाज को अध्यापक और अभिभावक मिलकर नई दिशा दे सकते हैं इस पर विशेष जोर दिया। उन्होंने एक भजन भी उपस्थित दर्शकों के समक्ष बड़े ही रोचक अंदाज में प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के अंत में आरएसवी ग्रुप के सीएमडी सुभाष स्वामी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!