उदयपुर तालिबानी हत्याकांड के गवाह की तबीयत में सुधार:किडनी में इंफेक्शन की बात सामने आई, 24 घंटे बाद खतरे से बाहर हो सकते
उदयपुर के तालिबानी हत्याकांड के मुख्य गवाह राजकुमार शर्मा की तबीयत ऑपरेशन के अब पहले से बेहतर है। उन्हें नली से दूध दिया गया है। ऑपरेशन के बाद दूसरे सीटी स्कैन की रिपोर्ट भी अच्छी आई है। इसमें भी कोई नई ब्लीडिंग नहीं है। हालांकि फिलहाल उन्हें अभी भी वेंटिलेटर पर रखा गया हैं। गुरुवार देर रात और शुक्रवार सुबह उनकी बॉडी में हलचल भी हुई हैं। राजकुमार की हालत स्थिर बनी हुई है।
एमबी हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ आरएल सुमन ने बताया कि राजकुमार के शरीर में थोड़ी हलचल है। सीटी स्कैन की रिपोर्ट संतोषजनक है। किडनी भी सही काम कर रही है। फीडिंग पाइप से खाना दिया जा रहा है। अगले 24 घंटे और निकल जाएंगे वे क्रिटिकल कंडीशन से बाहर होंगे। उन्हें वेंटिलेटर की मदद से ऑक्सीजन दी जा रही है। राजकुमार को एसएसएच में पांचवें फ्लोर पर आईसीयू में रखा गया है। बुधवार रात को उनके किडनी में इंफेक्शन की बात सामने आई थी, उसमें अब सुधार हो गया है।
राजकुमार शर्मा 8 साल से कन्हैयालाल की दुकान में काम कर रहे थे। घटना के बाद से घर पर ही थे।
ताजा सिटी स्कैन की रिपोर्ट्स में ब्रेन या हिस्से में कोई भी नया क्लॉट नहीं मिला है। ऑपरेशन के बाद खून का रिसाव भी रूक गया है। डॉक्टर्स का कहना है कि बॉडी में उम्मीद के अनुरूप रिकवरी हो रही हैं। फिलहाल उन्हें पूरी तरह ठीक होने में थोड़ा समय लगेगा। पेरेलिसिस के चलते शरीर के एक हिस्से में मूवमेंट बेहद कम है। बता दें कि 2 अक्टूबर को राजकुमार शर्मा को ब्रेन हेमरेज हुआ था। इसके बाद उन्हें तुरंत भर्ती करवा दिया गया था। 4 अक्टूबर को ज्यादा तबीयत बिगड़ने पर सीएम के निर्देश पर जयपुर से उदयपुर पहुंचे 2 न्यूरो सर्जन ने ऑपरेशन किया था।
प्रभारी मंत्री रामलाल जाट और जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा भी हॉस्पिटल पहुंचे। दोनों न्यूरोलॉजी यूनिट के डॉक्टर्स से मिले। राजुकमार की रिकवरी को लेकर हाल जाना।
इसके बाद से एमबी अस्पताल में भर्ती हैं। राजकुमार 28 जून को मालदास स्ट्रीट में कन्हैयालाल साहू हत्या के वक्त दुकान में मौजूद थे। उनके सामने ही रियाज और गौस मोहम्मद कपड़े का नाप देने के बहाने दुकान में आए और चाकू से ताबड़तोड वार गला काट दिया था। हालांकि हमले के वक्त राजकुमार दुकान से भागकर बाहर आ गए थे। वे कन्हैया की दुकान पर 8 सालों से सिलाई का काम करते थे। एनआईए ने पूरे केस में राजकुमार और ईश्वर को मुख्य गवाह बनाया है। पिछले महीने ही जयपुर में एनआईए अधिकारियों उनके बयान दर्ज कर दोनों आरोपियों की शिनाख्त करवाई थी। राजकुमार इस केस के बाद से घर पर ही थे। रोजगार नहीं मिलने और कमाई बंद होने से वे मानसिक अवसाद में थे।
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