एक कमरे में मिली चार लाश:मां, बेटे-बेटी की बॉडी बेड और एक महिला की फर्श पर पड़ी थी; पति विदेश में नौकरी करते हैं
इन चारों के शव मिले। ससुराल पक्ष पर मर्डर का आरोप।
दो बहनों और भाई-बहन की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई। मां और बेटे-बेटी के शव कमरे में बेड पर और एक महिला की बॉडी फर्श पर पड़ी मिली। कमरे में चार फंदे भी मिले, जो कटे हुए थे। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने कमरे की वीडियोग्राफी कराई। पुलिस ने मामले में 7 आरोपियों को राउंडअप किया है। मामला डीडवाना के मौलासर इलाके का शुक्रवार देर रात 11 बजे का है।
डीडवाना DSP धर्मपाल पूनिया ने बताया कि थाना इलाके के गांव नुवां में नाजिया (32) पत्नी सलाउद्दीन, साजिया बानो (30) पत्नी लियाकत अली और साजिया की बेटी कनिष्का बानो (7), बेटा अबीर (4) की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। दोनों सगी बहनों का पीहर सीकर के सिंगरावट गांव में है।
इनकी शादी नुवां में 2015 में एक ही परिवार में सगे भाइयों से हुई थी। दोनों बहनें ससुराल में अलग मकान में रह रही थीं। इनके पति सलाउद्दीन और लियाकत सऊदी अरब में काम करते हैं।
7 लोगों पर केस, 6 राउंड अप, सास की तलाश
पीहर पक्ष के लोगों ने ससुराल पक्ष के 7 लोगों के खिलाफ मर्डर का मामला दर्ज कराया। पुलिस ने आरोपी सास मंगेज बानो, ननदोई शौकत खान, मामा ससुर अलादीन खान, मौसा ससुर ताज मोहमद, गोविंद मेघवाल, ननद जमीला बोनो, रिश्तेदार अयूब खान को राउंडअप कर लिया। घटना के समय दोनों महिलाओं के सास-ससुर मौके पर थे।आरोपी सास पड़ोस के मकान में छिपी थी। महिलाओं के पतियों को सऊदी से बुलाया गया है।
मृतकाओं के पिता सीकर के सिंगरावट निवासी पूर्व सैनिक समंदर खान (58) ने मौलासर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। रिपोर्ट में बताया- शादी के कुछ समय तक तो सब ठीक था। इसके बाद दोनों बेटियों के पति, उनकी मां, ननद और अन्य रिश्तेदार दहेज कम देने के ताने देने लगे। कहते थे कि कार नहीं दी, समाज में हमारी नाक कटवा दी।
कनिष्का बानो नुवां के ही स्कूल में पढ़ती थी, जबकि अबीर का एडमिशन नहीं कराया था।
फोन पर तीन तलाक बोला, डाक से नोटिस भेजा
सास मंगेज बानो को 50 हजार रुपए दिए तब भी वह खुश नहीं हुई। फिर दोनों दामाद विदेश में नौकरी करने चले गए। वहीं से दोनों ने बेटियों को फोन पर तीन तलाक बोला और पीहर जाने को कह दिया। लेकिन बेटियां ससुराल में ही रहीं। इसके बाद वे फोन पर धमकियां देने लगे कि हमारा घर छोड़ दो, वरना तुम्हें मरवा देंगे। उनके रिश्तेदार भी बेटियों को तंग करने लगे। उन्होंने बेटियों को घर से निकाल दिया।
10 महीने पहले मैंने मौलासर पुलिस की मदद से राजीनामा कर दोनों बेटियों को ससुराल भेजा। इसके बाद बेटियों को डाक से उनके पतियों ने तलाक के नोटिस भिजवा दिए। बेटियों की सास ने हम पर मामला भी दर्ज कराया। फिर भी बेटियां ससुराल में ही रही थीं।
नाजिया और साजिया दोनों बहनें ससुराल नुंवा में परिवार से अलग रहती थीं।
ससुराल वाले बोले- इनका जीना हराम कर दो
बेटियों की सास मंगेज बानो, ससुर ताजु खां सरदारपुरा, मामा ससुर अल्लादीन खां झाडोद, ननदोई शौकत खान, ननद जमीला बेटियों के पतियों को उकसाते कि ये दहेज की मांग पूरी नहीं कर रहे हैं, इनका जीना हराम कर दो।
ससुराल वालों ने बेटियों को घर से निकाला तो 17 जनवरी को सीकर के धोद थाने में मामला दर्ज करा दिया। इस पर धोद थाने में दोनों पक्षों को बुलाया गया। ननदोई शौकत खान और मामा ससुर अल्लादीन खां ने थाने में ही साफ कहा कि दोनों लड़कियां अगर अब ससुराल आईं तो सही सलामत वापस नहीं लौटेंगी।
पिता ने बताया- धोद थाने में समझाइश के बाद बेटे अशफाक (22) ने दोनों बहनों को ससुराल नुवां छोड़ दिया था। 18 जनवरी की शाम बेटियों से फोन पर बात हुई थी। बेटियों ने बताया कि ससुराल के लोग घर आए हैं। कुछ प्लानिंग कर रहे हैं। जेठानी रुकसाना बानो, अफसाना बानो, नसीम बानो कह रही थीं कि इनको जान से मार दो।
19 जनवरी को बेटियों को फोन किया, लेकिन बात नहीं हो पाई। इसके बाद बेटा अशफाक नुवां गया। वहां से अशफाक ने फोन कर बेटियों और दो बच्चों की मौत की सूचना दी। इसके बाद मौलासर पुलिस को सूचना दी गई। रात 11 बजे पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस की 44 सेकेंड की वीडियोग्राफी में एक छोटे से कमरे में बेड पर तीन शव नजर आए।
मृतक नाजिया, साजिया 6 भाई बहन थे। दोनों के भाई अजरुद्दीन (26), अशफाक (22) हैं। इसके अलावा बहन खेरून्निसा (35) और अनिशा (23) हैं। भाई अजरुद्दीन आर्मी में है और अशफाक ड्राइवर है। पिता समंदर खान (58), मां इस्लाम बनो (55) सीकर के धोद थाना इलाके के सिंगरावट गांव में रहते हैं।
शनिवार सुबह डीडवाना के हॉस्पिटल में पीहर पक्ष के लोगों की भीड़ जुट गई।
परिजनों का धरना, शव लेने से इनकार
डीडवाना के बांगड़ हॉस्पिटल में सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर पीहर पक्ष और समाज के लोगों ने धरना दिया था। परिजनों ने शव लेने और पोस्टमॉर्टम की कार्रवाई से इनकार कर दिया था। आरोपियों को पकड़ने के बाद घरवाले शवों के पोस्टमॉर्टम के लिए राजी हुए।
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