कहीं ISI की ‘फूफी’ तो नहीं सीमा हैदर:फोन तोड़ने की बात कबूली, डेटा डिलीट करने पर बोली- मुझे याद नहीं
यूपी ATS बीते 2 दिन से पाकिस्तान से आई सीमा हैदर और उसके प्रेमी सचिन से पूछताछ कर रही है। कुल 18 घंटे की पूछताछ में सीमा कुछ सवालों के जवाब देने से बचती रही। सीमा न तो ये बता रही है कि उसने अपना पाकिस्तानी सिम क्यों तोड़ा था, न ही फोन से डेटा डिलीट करने पर कोई जवाब दे रही है।
IB यानी इंटेलिजेंस ब्यूरो इस बात की छानबीन भी कर रहा है कि कहीं सीमा पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI की ‘फूफी’ तो नहीं है। दरअसल, पिछले कई हनीट्रैप केसेज की छानबीन में सामने आया है कि जासूसी के लिए भारतीय मर्दों को फंसाने वाली लड़कियों को ISI ने ‘फूफी’ कोडनेम दिया है।
UP-ATS दो दिन में सीमा और सचिन से 18 घंटे पूछताछ कर चुकी है। ये पूछताछ नोएडा के एक सेफ हाउस में की गई।
इस दौरान पैसों के लेनदेन को ‘फल’ कोडनेम दिया गया है। भारतीय एजेंसियां सीमा के भारत पहुंचने के पूरे रूट को ट्रैक कर रही हैं। इस दौरान वो किन-किन लोगों से मिली थी, उन्हें भी ढूंढ रही हैं।
सबसे पहले पढ़िए सीमा ने ATS को क्या जवाब दिए
यूपी ATS के सूत्रों के मुताबिक, सीमा से SP रैंक के अधिकारी ने पूछताछ की है। इस दौरान IB के अफसर भी मौजूद थे।
सवाल: (दोनों पासपोर्ट दिखाते हुए) इसमें असली कौन सा है?
सीमा हैदर: मैं 10 दिन से बता रही हूं कि पहले पासपोर्ट में सिर्फ सीमा लिखा था, जिससे दिक्कत आ रही थी। इसलिए, दूसरा पासपोर्ट सीमा गुलाम हैदर के नाम से बनवाया था। दोनों असली हैं।
सवाल: क्या तुम्हारे भाई और चाचा जो पाकिस्तान आर्मी में हैं, उन्होंने तुम्हें यहां भेजा है या ISI ने भारत भेजा है?
सीमा हैदर: मैं अपने भाई और चाचा से कई साल से नहीं मिली हूं। ISI क्या होता है, ये तो मुझे इंडिया आने के बाद टीवी देखने से पता चला है। चैनल मुझे ISI एजेंट बता रहे हैं। मैं सिर्फ सचिन के लिए ही नेपाल के रास्ते भारत आई हूं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये फोटो सीमा के भाई आसिफ की है। जांच एजेंसियों को इनपुट मिला है कि आसिफ और सीमा के चाचा गुलाम अकबर पाकिस्तानी सेना में हैं। आसिफ की तैनाती कराची में है।
सवाल: तुम कराची में रहती हो, पाकिस्तान में पैदा हुईं और ISI का नाम नहीं सुना, ये कैसे हो सकता है। तुम्हारे घर वाले पाकिस्तानी फौज में हैं, तुम स्मार्टफोन चलाती हो, पबजी जैसे गेम खेलती हो, लेकिन ISI के बारे में नहीं सुना?
सीमा हैदर: आधी लाइफ बच्चे पैदा करने और पालने में बीत गई। 5 साल से मैं सिर्फ टाइम काटने के लिए पबजी गेम खेलती थी। ऐसे में इस जैसे वर्ड सुनने का टाइम ही नहीं मिला।
सवाल: वर्ड सुनने का टाइम नही मिला, इंग्लिश तो बहुत अच्छी है तुम्हारी, कहां और कब सीखी? तुम तो सिर्फ 5वीं तक पढ़ी हो न?
सीमा हैदर: मैंने जो भी सीखा है, वो 2019 के बाद ही सीखा। जब से पबजी खेलना शुरू किया था। इसमें पढ़े-लिखे लड़कों के साथ खेलती थी, तो उन्हीं से बातों-बातों में सीख लिया।
(ATS के अधिकारी ने पेज पर इंग्लिश में कुछ लाइन लिखीं और सीमा से पढ़ने के लिए कहा। सीमा ने तुरंत उन्हें पढ़ लिया। )
सवाल: उर्दू, अरबी और सिंधी के अलावा तुम हिंदी-अंग्रेजी भी अच्छे से बोल रही हो। इसकी ट्रेनिंग तुम्हें किसने दी? क्या किसी ने कहा था कि भारत जाकर हिंदी में बात करना? शरण, अनर्थ, जैसे मुश्किल शब्द भी अच्छे से बोलती हो।
सीमा हैदर: मुझे किसी ने कुछ नहीं सिखाया है। कई बार कह चुकी हूं कि मैं सिर्फ अपनी मोहब्बत के लिए यहां आई हूं। न किसी ने मुझे ट्रेनिंग दी और न ही किसी ने भेजा है। सचिन से बात करते-करते मैं हिंदी सीख गई हूं।
सीमा पहली बार 10 मार्च को सचिन से मिलने नेपाल आई थी। भारत आने के बाद से वो ग्रेटर नोएडा के रबूपुरा में सचिन के साथ रह रही है।
सवाल: सचिन मीणा तो खुद ही हिंदी ठीक से नहीं बोलता है, वेस्टर्न UP की हिंदी बोलता है। तुम तो शुद्ध हिंदी बोल रही हो।
सीमा हैदर चुप रही, कोई जवाब नहीं दिया ।
सवाल: तुमने 4 जुलाई को पुलिस से कहा था कि नेपाल से बस के जरिए तुम सचिन के पास आई, तो तुम्हारा मोबाइल काम नहीं कर रहा था। इसलिए बस ड्राइवर के फोन से सचिन को कॉल कर रही थी। नोएडा पुलिस को तुम्हारे पास से 4 मोबाइल और 4 सिम मिले हैं। इतने मोबाइल तुम्हारे पास क्यों हैं। एक टूटा हुआ फोन भी है, उसे तोड़ा क्यों था?
सीमा हैदर: नेपाल से भारत आने के बाद मेरा पाकिस्तान का सिम काम नहीं कर रहा था। मैं सचिन के पास आई थी, तब उन्होंने मुझे नया सिम लाकर दिया था। मोबाइल इसलिए तोड़ दिया था क्योंकि मैं नहीं चाहती थी कि पाकिस्तान के लोग मुझे ट्रेस कर सकें।
सवाल: सचिन ने तो एक सिम लाकर दिया था, बाकी सिम कहां से आए?
सीमा हैदर: मुझे याद नहीं है।
सवाल: तुमने सभी सिम को अलग-अलग मोबाइल में लगाया और सभी में वॉट्सऐप चला रही थी। वॉट्सऐप पर प्रोफाइल फोटो किसी लड़की की है। एक दूसरे वॉट्सऐप पर कश्मीर के पहाड़ों की तस्वीर है? ये सब करने के पीछे क्या वजह है?
सीमा हैदर: मैंने कोई वॉट्सऐप अकाउंट नहीं बनाया और न ही कोई फोटो लगाई है।
सवाल: दो बार दुबई होते हुए नेपाल आने में बहुत पैसा खर्च हुआ होगा। इतना पैसा कहां से आया? अगर किसी ने तुम्हारी मदद की है। तो सच बता दो, हम लोग न तुम्हें पाकिस्तान भेजेंगे और न ही जेल। कोशिश करेंगे कि भारतीय नागरिकता दिलवा दें।
सीमा हैदर: कुल 7 लाख रुपए खर्च हुए, दो बार आने-जाने में। मैंने एक घर बेचा था, जो मेरे ही नाम था। उस घर में मैं रहती नहीं थी। मैंने अपने जेवर बेचकर गुलाम (पति) को दुबई भेजा था, तो खुद के लिए भी पैसे का जुगाड़ कर सकती हूं। कई बार कह चुकी हूं कि किसी ने मेरी मदद नहीं की है। अपनी मर्जी से भारत आई हूं।
सवाल: क्या सचिन के अलावा भी भारत में किसी को जानती हो?
सीमा हैदर: हां, लेकिन ठीक से नहीं। पाकिस्तान में थी, तब सचिन को जानने से पहले पबजी गेम और फेसबुक के जरिए कुछ लड़कों से चैट होती थी, लेकिन टाइम पास के लिए। न ही मैंने अपने बारे में उन्हें कुछ बताया और न ही उनके बारे में कुछ पता है। हां, सभी दिल्ली के रहने वाले थे।
सवाल: तुम्हारी असली उम्र क्या है। तुम 27 साल बताती हो। शादी के सर्टिफिकेट के हिसाब से 29 साल है और दोनों पासपोर्ट के हिसाब से 21 साल?
सीमा हैदर: मैं 27 साल की ही हूं। पासपोर्ट में कुछ गड़बड़ हो गई थी। पाकिस्तान में हर जगह पैसा चलता है। न दो तो कुछ न कुछ गलत कर ही देते हैं। गुलाम से शादी जल्दबाजी में हुई थी, तो शायद लिखने में कुछ गलती हो गई होगी।
ये पाकिस्तान में बना सीमा का पहचान पत्र है। इसमें उसकी डेट ऑफ बर्थ 1 जनवरी 2002 लिखी है। इसके हिसाब से सीमा की उम्र 21 साल है।
सवाल: तुम्हारा भारत आने का असली मकसद क्या है?
सीमा हैदर: मैं पाकिस्तान से 4 बच्चों को लेकर सिर्फ और सिर्फ सचिन के लिए आई हूं। मुझे पहले से पता था कि यहां आने पर ये सब होगा ही। इसलिए मैं और सचिन किराए के मकान में रह रहे थे। मैं थक गई हूं अब।
8 मई का नया मोबाइल लिया, 8 मई को ही नया पासपोर्ट बना
सीमा हैदर के पास से मोबाइल फोन का एक बिल मिला है। इस पर 8 मई की तारीख लिखी है। 8 मई को ही सीमा का पासपोर्ट जारी हुआ है। ठीक दो दिन बाद यानी 10 मई को उसने पाकिस्तान छोड़ दिया।
पाकिस्तान में सीमा ने एक मोबाइल भारत आने से पहले खरीदा था। ये उसका बिल है। इस पर मोबाइल की कीमत 70 हजार रुपए और तारीख 8 मई लिखी है।
13 मई को वो सचिन के पास नोएडा में थी। उसने शारजाह और नेपाल में भी कथित तौर पर सिम खरीदे, लेकिन वो कहां गए इस बारे में बताने से बच रही है। सीमा ने अब तक ये भी नहीं बताया है कि वो सचिन को कॉल किसके हॉटस्पॉट से कर रही थी।
नेपाल में फर्जी नाम से ठहरे थे सीमा-सचिन
छानबीन में सामने आया है कि सीमा ने भारत में अवैध रूप से एंट्री लेने के पहले नेपाल के न्यू विनायक होटल में 7 दिन गुजारे थे। सीमा और सचिन दोनों ही इस होटल में साथ ठहरे थे। काठमांडू के न्यू विनायक होटल के रिसेप्शनिस्ट गणेश रोकामगर ने बताया है कि यहां के कई होटल ठहरने वालों से ID नहीं लेते, सिर्फ रजिस्टर में एंट्री कर लेते हैं।
सचिन और सीमा काठमांडू के इसी होटल में रुके थे। दोनों मार्च में यहां आए थे और फर्जी नाम से कमरा बुक किया था। होटल के मालिक ने इसकी पुष्टि की है।
सूत्रों के मुताबिक, IB के कुछ अधिकारी इस होटल में जांच के लिए गए थे। खास बात ये पता चली है कि होटल के एंट्री रजिस्टर में सीमा और सचिन का नाम नहीं है। दोनों ने नकली नाम से रूम लिया था।
होटल के रिसेप्शनिस्ट ने बताया कि सचिन ने ये कहा कि कुछ देर में उसकी बीवी आने वाली है। इसके बाद एक लड़की आई और दोनों 7 दिन तक यहां रहे। होटल रिसेप्शनिस्ट के परिवार के साथ सीमा और सचिन का अच्छा मेलजोल हो गया था, लेकिन कभी किसी को शक नहीं हुआ कि सीमा पाकिस्तानी है।
भारत-नेपाल बॉर्डर पर ह्यूमन ट्रैफिकिंग गैंग की जांच तेज
खुफिया एजेंसियों के सूत्रों ने बताया है कि IB की नजर भारत-नेपाल सीमा पर एक्टिव ह्यूमन ट्रैफिकिंग गैंग पर भी है। IB की टीम ये पता लगाने में जुटी हुई है कि क्या सीमा हैदर ने भारत में आने के लिए ऐसी किसी गैंग की मदद ली थी।
IB के लिए ये पहेली बनी हुई है कि पाकिस्तान में रहते हुए सीमा हैदर को कैसे पता चला कि भारत में नेपाल के किस पॉइंट से दाखिल होने पर SSB को चकमा दिया जाया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, ऐसा लगता है कि सीमा ने पूरी तैयारी के साथ ऐसा हुलिया बनाया कि वह ग्रामीण भारतीय महिला लगे, ना की किसी बाहरी देश की।
अवैध रूप से भारत में घुसने के बावजूद सीमा का सहज होना जांच एजेंसियों के शक की वजह बन गया है। एक्सपर्ट का मानना है कि ऐसा मजबूत ट्रेनिंग से ही हो सकता है।
भारतीय एजेंसियों को पता है कि नेपाल में ISI का बड़ा नेटवर्क है। अग्निवीरों की भर्ती मामले में भी ISI की भूमिका सामने आई थी। तब भी ISI के ऑपरेटर नेपाल के पूर्व अफसरों और जवानों से मिले थे, जो भारतीय फौज से रिटायर होने के बाद वहां बस गए हैं। ऐसे में सीमा को तैयार करना ISI के लिए नेपाल में मुश्किल काम नहीं था।
सीमा के जवाबों से बढ़ रहा है शक
UP ATS का सीमा पर शक इसलिए बढ़ रहा है, क्योंकि टीवी पर दिए इंटरव्यू में सीमा हैदर ने खुद को गरीब लड़की बताया, लेकिन जिस तरह से सीमा के पास से 5 मोबाइल, 2 पासपोर्ट मिले और उसने फ्लाइट की टिकट और होटल बुक किए ये सवाल खड़े कर रहा है।
इसी वजह से सीमा के फाइनेंशियल बैकग्राउंड को भी खंगाला जा रहा है। सीमा से पूछा जा रहा है कि गरीब होने के बाद भी उसने ये सब कैसे मैनेज किया। सीमा हैदर का हिंदी बोलना भी चौंकाने वाला है। पाकिस्तान में लगभग हर शख्स उर्दू बोलता है। वहां की उर्दू और भारत में बोली जाने वाली उर्दू में भी काफी फर्क है।
सीमा बोलचाल में हिंदी के ऐसे मुश्किल शब्दों का इस्तेमाल करती है, जिन्हें बिना पढ़े-लिखे सीखना मुश्किल है। ATS ने बार-बार जोर देकर सीमा से ये पूछा कि वो इतनी अच्छी हिंदी कैसे बोल लेती है? साथ ही वो हिंदू रीति-रिवाजों के बारे में भी इतने अच्छे से कैसे जानती है।
सीमा ने कहा है कि उसने सचिन से नेपाल में शादी की है। अगर शादी को कोर्ट की मान्यता मिल जाती है तो उसे कुछ शर्तों के साथ लॉन्ग टर्म वीजा मिल सकता है।
पूछताछ की वीडियो रिकॉर्डिंग NIA को भी भेजी गई
सीमा हैदर से पूछताछ का वीडियो नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी यानी NIA को भी भेजा गया है। जानकारी के मुताबिक, ATS सीमा के किसी भी जवाब से संतुष्ट नहीं है। वो हर सवाल सुनते ही अपने जवाब सामने रख दे रही थी।
पूछताछ के दौरान उसने एक बार भी अपने बच्चों के बारे में नहीं पूछा। उसके दो बच्चे उसी के साथ लाए गए थे और अलग कमरे में रखे गए थे। सीमा ने दोनों ही दिन एक ही जवाब दिए। उसमें एक भी लाइन इधर से उधर नहीं थी। वो बिल्कुल घबराई हुई नहीं थी।
सीमा हैदर मामले पर उत्तर प्रदेश पुलिस के ADG लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा, ‘पूछताछ हो रही है। ATS और एजेंसी अपना कम कर रही हैं। दो देशों के बीच की बात है। डिपोर्ट करेंगे या नहीं, ये एजेंसी देखेगी। ये सुरक्षा में चूक का मामला नहीं है। नेपाल बॉर्डर खुले हुए हैं। किसी के चेहरे पर नहीं लिखा है कि वो पाकिस्तानी है।’
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