एक दिन में 67 सांसद सस्पेंड:लोकसभा के 33 और राज्यसभा के 34 मेंबर्स पर एक्शन, सुरक्षा में सेंध पर हंगामा किया था
नई दिल्ली
स्पीकर ओम बिड़ला ने सदन में कहा कि लोकसभा में घुसपैठ मामले की उच्चस्तरीय जांच चल रही है।
संसद के शीतकालीन सत्र का आज (18 दिसंबर) 11वां दिन है। संसद में सुरक्षा चूक के मसले पर लोकसभा में लगातार चौथे दिन हंगामा हुआ। हंगामा करने वाले 33 सांसदों को स्पीकर ओम बिड़ला ने सस्पेंड कर दिया। इनमें नेता अधीर रंजन चौधरी समेत कांग्रेस के 11 सांसद, तृणमूल कांग्रेस के 9 , डीएमके के 9 और 4 अन्य दलों के सांसद शामिल हैं।
इससे पहले 14 दिसंबर को लोकसभा से 13 सांसद निलंबित किए गए थे। इनमें कांग्रेस के 9, CPI (M) के 2, DMK और CPI के एक-एक सांसद थे। अब तक कुल 46 लोकसभा सांसद पूरे शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित हो चुके हैं। इनके अलावा राज्यसभा सांसद डेरेक ओ’ब्रायन को भी 14 दिसंबर को सस्पेंड किया गया था।
सदन में आज लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कार्यवाही शुरू होते ही 15 मिनट की स्पीच दी। कहा कि घटना पर राजनीति होना दुर्भाग्यपूर्ण है। हंगामा बढ़ा तो सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित हो गई। बाद में यह 2 बजे और फिर कल तक के लिए स्थगित कर दी गई। सांसदों के निलंबन के बाद सदन कल (मंगलवार) तक के लिए स्थगित हो गई।
लोकसभा से कांग्रेस के 11, TMC के 9, DMK के 9 और अन्य दलों के 4 सांसदों को निलंबित कर किया गया।
खड़गे बोले- मोदी सरकार संसद पर हमला कर रही
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सांसदों को निलंबन को लोकतंत्र पर हमला बताया। उन्होंने कहा- पहले घुसपैठियों ने संसद पर हमला किया। अब मोदी सरकार संसद और लोकतंत्र पर हमला कर रही है। निरंकुश मोदी सरकार में 47 सांसदों को निलंबित करके लोकतांत्रिक मानकों को डस्टबिन में फेंका जा रहा है। हमारी मांग है कि गृह मंत्री अमित शाह इस मुद्दे पर दोनों सदनों में बयान दें और इस पर चर्चा हो।
राज्यसभा भी 4:30 बजे तक स्थगित
12 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई। आसंदी पर राजेंद्र अग्रवाल थे। इसी बीच कम्युनिकेशन मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने कम्युनिकेशंस बिल 2023 पेश किया। इस दौरान विपक्षी सांसदों ने फिर नारेबाजी की और तख्तियां लहराईं। अग्रवाल ने विपक्षी सांसदों से बैठने को कहा। हंमागा बढ़ने पर सदन की कार्यवाही शाम 4:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
वहीं, राज्यसभा में भी लोकसभा में घुसपैठ मुद्दे पर हंगामा हुआ। सदन की कार्यवाही पहले 11.30 बजे तक स्थगित की गई। इसके बाद जब कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी की और गृह मंत्री अमित शाह से बयान देने की मांग की।
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने सभापति धनखड़ को चिट्ठी लिखी।
I.N.D.I.A गठबंधन की तरफ से खड़गे की चिट्ठी
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ को लेटर लिखा है। इसमें उन्होंने कहा कि टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन का सस्पेंशन हटा लेना चाहिए। ऐसा करना संसदीय परंपरा का उल्लंघन है।
सदन में नारेबाजी, तख्तियां लाना सही नहीं: स्पीकर
स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि संसद की सुरक्षा चूक मामले में उच्चस्तरीय जांच जारी है। मामले में जांच कमेटी गठित की गई है। पहले भी जब इस तरह की घटनाएं हुईं तो पूर्व स्पीकरों के जरिए ही जांच प्रक्रिया आगे बढ़ी। ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस घटना को लेकर राजनीति हो रही है। सदन में लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत ही चर्चा होनी चाहिए।
सदन में नारेबाजी करना, तख्तियां लाना, विरोध करते हुए वेल में आना, आसंदी के पास आना ठीक नहीं है। देश के लोग भी इस आचरण को पसंद नहीं करते। लोकसभा से जिन सांसदों को सस्पेंड किया गया है, उनका सुरक्षा में चूक मामले से संबंध नहीं है।
संसद के मकर द्वार पर विपक्ष के निलंबित सांसदों ने तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया।
पिछली कार्यवाही (15 दिसंबर) में संसद में सुरक्षा मुद्दे पर बहस हुई थी और हंगामे के चलते दोनों सदनों को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया था। विपक्षी सांसद इस मुद्दे पर गृह मंत्री का जवाब चाहते हैं। कांग्रेस ने PM नरेंद्र मोदी पर डिबेट से दूर भागने का आरोप लगाया है।
वहीं, रविवार 17 दिसंबर को पब्लिश एक इंटरव्यू में PM मोदी ने संसद की घुसपैठ को चिंताजनक बताया था। मोदी ने कहा था कि इस मुद्दे पर डिबेट नहीं जांच होनी चाहिए। इसे लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा- सभी विपक्षी सांसद गृह मंत्री से पूछना चाहते है कि 13 दिसंबर को क्या हुआ था और कैसे हुआ था। PM मोदी इस डिबेट से दूर भाग रहे हैं। मैसूरु से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा की भूमिका पर पर सवाल उठते रहेंगे, जिन्होंने घुसपैठियों को संसद में प्रवेश करने में मदद की।
गांधी प्रतिमा के सामने शुक्रवार को विपक्ष ने प्रदर्शन किया।
शीतकालीन सत्र के पिछले 10 दिन की कार्यवाही में क्या-क्या हुआ…
- पहले दिन- PM मोदी बोले- पराजय का गुस्सा सदन में न निकालें: संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार 4 दिसंबर से शुरू हुआ। लोकसभा में PM मोदी के पहुंचते ही NDA के सांसदों ने उनका जोरदार स्वागत किया था। सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष से कहा था- बाहर मिली पराजय का गुस्सा सदन में मत निकालिए।
- दूसरे दिन- DMK नेता के गोमूत्र स्टेट्स वाले बयान पर हंगामा, बाहर आकर माफी मांगी: दूसरे दिन (5 दिसंबर) लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर आरक्षण संशोधन बिल पेश किया था। चर्चा के दौरान धर्मपुरी से DMK सांसद डॉ. सेंथिल कुमार ने कहा था कि भाजपा की ताकत केवल हिंदी बेल्ट के उन राज्यों को जीतने में ही है, जिन्हें हम आमतौर पर गोमूत्र राज्य कहते हैं। हंगामा बढ़ने के बाद रिकॉर्ड से यह बयान हटा दिया गया था।
- तीसरे दिन- अमित शाह ने लोकसभा में नेहरू की चिट्ठी पढ़ी: तीसरे दिन (6 दिसंबर) लोकसभा में जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) बिल और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) बिल पास हो गए थे। सदन में चर्चा के दौरान अमित शाह ने जवाहर लाल नेहरू को कोट किया था। गृह मंत्री ने कहा- ‘नेहरू ने शेख अब्दुल्ला को लिखा था कि कश्मीर मुद्दा यूएन ले जाना गलती थी।’
- चौथे दिन- भाजपा के रमेश बिधूड़ी ने माफी मांगी; राज्यसभा में धनखड़ ने जताया दुख: चौथे दिन (7 दिसंबर) को लोकसभा में सेंट्रल यूनिवर्सिटी अमेंडमेंट बिल 2023 पास हो गया था। इस बीच, भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने संसदीय समिति से माफी मांगी थी। विशेष सत्र के दौरान में बिधूड़ी ने सपा सांसद दानिश अली पर अपमानजनक टिप्पणी की थी। उधर, राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने वायरल वीडियो पर दुख जताया था।
- पांचवे दिन- लोकसभा से TMC सांसद महुआ मोइत्रा का निष्कासन: संसद के पांचवें दिन महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोप में पहले एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट और फिर निष्कासन प्रस्ताव पेश हुआ। वोटिंग के बाद महुआ की लोकसभा से सदस्यता रद्द होग गई।हालांकि महुआ के खिलाफ सदन में वोटिंग शुरू होते ही विपक्ष ने बॉयकॉट कर दिया था।
- छठे दिन- जम्मू-कश्मीर आरक्षण और पुनर्गठन संशोधन बिल राज्यसभा से पास: गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2023 पेश किए। इसी दिन सुप्रीम कोर्ट ने 370 हटाने के खिलाफ लगी याचिकाओं पर फैसला सुनाया, जिस पर विपक्ष ने दोनों सदन में हंगामा किया। राज्यसभा से वॉकआउट कर गया। इसके बाद बिलों पर वोटिंग हुई और दोनों बिल राज्यसभा से भी पास हो गए।
- सातवें दिन- मुख्य चुनाव आयुक्त-चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति, सेवा शर्तों से जुड़े बिल राज्यसभा से पास: राज्यसभा से मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) और अन्य चुनाव आयुक्तों (ECs) से नियुक्ति से जुड़ा बिल पास हो गया। कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने यह बिल पेश किया था। इसे चुनाव आयोग (चुनाव आयुक्तों की सेवा की शर्तें और कामकाज का संचालन) अधिनियम, 1991 की जगह लाया गया है।
- आठवें दिन- संसद हमले की 22वीं बरसी पर सुरक्षा चूक, विजिटर्स गैलरी से 2 लोग लोकसभा में कूदे: संसद पर आतंकी हमले की 22वीं बरसी पर सदन में विजिटर्स गैलरी से 2 युवक अचानक नीचे कूद गए। उन्होंने सदन में स्प्रे किया, जिससे पीला धुआं फैलने लगा। पुलिस ने दो महिला सहित 5 लोगों को गिरफ्तार किया। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने जांच के आदेश दिए हैं।
- नौवां दिन- लोकसभा से 13, राज्यसभा से एक सांसद पूरे सत्र के लिए सस्पेंड: संसद की सुरक्षा में चूक मामले को लेकर विपक्ष ने दोनों सदनों में हंगामा किया। जिसके कारण लोकसभा से विपक्षी पार्टियों के 14 और राज्यसभा से एक सांसद को पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया गया। बाद में विपक्ष ने कहा कि सस्पेंड हुए DMK सांसद एसआर पार्थिबन संसद आए ही नहीं थे। फिर भी उन्हें सस्पेंड किया गया। इसके बाद पार्थिबन का नाम सस्पेंड किए गए सांसदों की सूची से वापस ले लिया गया।
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