बीकानेर। भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र द्वारा 24 फरवरी को आबू रोड़ के गांव मोरडु में जन जातीय उपयोजना के तहत पशु स्वास्थ्य शिविर एवं कृषक-वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस शिविर में 176 पशुपालकों द्वारा लाए गए 222 गाय, 184 भैंस, 10 ऊँट, 427 भेड़-बकरी कुल 843 पशुओं को उपचार, दवाइयां व उचित सलाह देकर लाभान्वित किया गया।
केन्द्र के प्रधान वैज्ञानिक डाॅ.आर.के.सावल ने संवाद कार्यक्रम में कहा कि पशुपालकों को खेती, पशुपालन इत्यादि संसाधनों में समन्वय की सोच तथा वैज्ञानिक तरीकों से आगे बढ़ाना होगा ताकि कृषि मिश्रित पशुपालन से अच्छा लाभ कमा सकें। डाॅ.सावल ने कहा कि पशुपालन व्यवसाय में पशुओं के पोषण, प्रबंधन, आश्रय स्थल, स्वच्छता, उनके थनों की जांच, मिश्रित आहार तथा लवण आदि की मात्रा का विशेष ध्यान रखना चाहिए ताकि पशुपालक भाई पशुओं से भरपूर उत्पादन ले सकें। उन्होंने शिविर में आए जनजातीय पशुपालकों को केन्द्र के “ऊंटां री बातां‘ रेडियो कार्यक्रम से जुडृने की बात कही ताकि वे विषय-विशेषज्ञों के माध्यम संप्रेषित जानकारी को सुनकर उसका घर बैठे लाभ ले सके।
केन्द्र के वैज्ञानिक डाॅ.शांतनु रक्षित ने संस्थान की प्रसार गतिविधियों एवं नवाचारी प्रयासों की जानकारी देते हुए प्रौद्योगिकियों से जुड़ने हेतु पशुपालकों को प्रेरित किया। इस अवसर पर केन्द्र के पशु चिकित्सा अधिकारी डाॅ.काशीनाथ ने बताया कि शिविर में लाए गए पशुओं में अंतः एवं बाह़य परजीवी रोगों के बचाव हेतु कृमिनाशक दवा पिलाई गई तथा उनमें विभिन्न रोगों की रोकथाम हेतु उचित सलाह प्रदान की गई। साथ ही ऊँटों में सर्रा रोग के बचाव एवं उपचार हेतु टीकाकरण किया गया।
केन्द्र निदेशक डाॅ. आर्तबन्धु साहू ने आबू रोड़ गई एनआरसीसी की इस टीम से समय-समय पर आयोजित गतिविधि संबंधी जानकारी लेते हुए उनका उत्साहवर्धन किया। साथ ही टीम द्वारा सफल कार्य निष्पादन हेतु सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि भारत सरकार की योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचाने हेतु वैज्ञानिकों द्वारा हरसंभव प्रयास किए जाए ताकि इन योजनाओं की सार्थकता सिद्ध की जा सके।
इस अवसर पर केन्द्र की वैज्ञानिक टीम द्वारा पशुओं के खून व मिंगनी के नमूने जांच हेतु लिए गए। पशुपालकों को केन्द्र में निर्मित “करभ पशु आहार’ व खनिज मिश्रण भी वितरित किए गए। केन्द्र के श्री मनजीत सिंह, सहायक मुख्य तकनीकी अधिकारी ने शिविर में पंजीयन, दाना-आहर वितरण आदि कार्याें में सहयोग दिया। वहीं केन्द्र के इस कैम्प में आबू रोड़ पशुपालन विभाग के पशुधन सहायकों ने भी सक्रिय सहयोग प्रदान किया।
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