बीकानेर।भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसन्धान केन्द्र (एनआरसीसी) द्वारा आज विश्व बौद्धिक संपदा दिवस (World Intellectual Property Day) मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में पधारीं डॉ. अदिति माथुर, सहायक प्रोफेसर, कृषि व्यवसाय संस्थान, स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर ने कहा कि आमतौर पर सभी सृजक होते हैं परंतु कुछ खास लोग अपनी सृजनात्मकता को सबके सामने उजागर कर पाते हैं। मानव सभ्यता के क्रमिक व सकारात्मक विकास के लिए रचनात्मकता की सोच को बढ़ावा दिया जाना जाना चाहिए। इस दिवस की थीम पर बाते करते हुए डॉ. माथुर ने कहा कि यद्यपि महिलाओं को इंटरप्रेन्योर के रूप में उभरने हेतु समाज में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है परंतु यह बात तय है कि जिस किसी क्षेत्र में महिलाएं अग्रणी हैं, उनकी कार्य निष्पादकता बेहतरीन हैं, अत: समाज में महिलाओं को रचनात्मक गतिविधियों हेतु सहयोग कर प्रोत्साहित किया जाए। वक्ता ने महिलाओं द्वारा विविध क्षेत्रों में नवाचारी प्रयासों की सफलता की कहानियां भी साझा कीं साथ ही सृजनात्मकता हेतु रोजमर्रा की शैली में बदलाव की बात कहीं।
कार्यशाला कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए केन्द्र के निदेशक डॉ.आर्तबन्धु साहू ने कहा कि जीवन में बौद्धिक संपदा के महत्व को दर्शाने के लिए विश्व बौद्धिक दिवस मनाया जाता है तथा 2023 में यह दिवस “महिला और आईपी: त्वरित नवाचार और रचनात्मकता” (“वुमन एण्ड आईपी : ऐक्सेलरैटिंग इनोवेशन एण्ड क्रियटिविटी”) की थीम को लेकर मनाया जा रहा है जो कि अत्यंत महत्वपूर्ण है। डॉ.साहू ने कहा कि किसी भी इंटरप्रेन्योर के द्वारा की गई पहल महत्वपूर्ण होती है। एनआरसीसी द्वारा पश्चिमी राजस्थान में उत्पादित किए जाने वाले मोटे अनाजों के महत्व को उजागर करने के दृष्टिकोण से ऊँटनी के दूध व बाजरा आधारित मिश्रित उत्पाद विकसित किए गए है, इन उत्पादों के व्यवसायीकरण से मानव स्वास्थ्य को लाभ मिलेगा व किसानों की आय में भी बढ़ोत्तरी की जा सकेगी। डॉ.साहू ने मुख्य वक्ता के व्याख्यान का जिक्र करते हुए विविध रूपों में ऊँट की उपादेयता को अधिकाधिक उजागर के लिए वैज्ञानिकों को विशेष सोच के साथ अनुसंधान करने हेतु प्रोत्साहित किया।
इस अवसर पर डॉ्. रीमा राठौड़, उद्यमी,बेजिक फूड, बेवस्ट फूड्स प्राइवेट लिमिटेड, बीकानेर ने संस्था द्वारा विकसित विभिन्न मिलेट उत्पादों का प्रदर्शन करते हुए महिला नवाचार एवं रचनात्मकता पर अपने विचार रखें। वहीं केन्द्र के डॉ.राकेश रंजन, प्रधान वैज्ञानिक द्वारा नवाचार अनुसंधान गतिविधियों पर प्रकाश डाला गया, सीआईएएच के डॉ.मुकेश बेरवाल, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने भी अपने विचार साझा किए। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं कार्यक्रम समन्वयक डॉ. योगेश कुमार ने कार्यक्रम के उद्देश्य एवं महत्व की जानकारी देते हुए कहा कि एनआरसीसी द्वारा हाल ही में ऊँटनी के दूध पाउडर के साथ बाजरा आधारित विभिन्न उत्पाद, कैमल मिल्क चॉकलेट आदि विकसित किए गए, इनके व्यावसायीकरण हेतु ऊँट पालकों को प्रशिक्षण के अलावा दूध की सुलभता हेतु लाईसेंस जारी किए गए हैं। एनआरसीसी के सभी वैज्ञानिक गणों ने विश्व बौद्धिक दिवस पर आयोजित गतिविधि में सक्रिय सहभागिता निभाईं।
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