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एनआरसीसी बीकानेर ने जनजातीय महिलाओं के सम्‍मान में मनाया अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस

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बीकानेर, 7 मार्च 2025 । भाकृअनुप-राष्ट्रीय ऊष्ट्र अनुसंधान केंद्र (एनआरसीसी), बीकानेर द्वारा जनजातीय उप-योजना (टीएसपी) के तहत गांव हजारीगुड़ा, तहसील धरियाबाद, जिला प्रतापगढ़ में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्‍य पर पशु स्वास्थ्य शिविर, कृषक-वैज्ञानिक संवाद तथा महिला सशक्तीकरण पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। एनआरसीसी, बीकानेर द्वारा इंडियन फार्म फॉरेस्ट्री डवलपमेंट को-ऑपरेटिव लिमिटेड (आईएफडीसी), प्रतापगढ़ के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में 100 से अधिक पशुपालक परिवारों ने सहभागिता निभाई। शिविर में पशुपालकों के 627 से अधिक पशुओं, जिसमें गाय, भैंस, ऊँट, बकरी और मुर्गी शामिल थे, लाभान्वित किए गए । कार्यक्रम के दौरान पशुपालकों को तिरपाल, कीटनाशक छिड़काव हेतु बैटरी चालित स्प्रे मशीन, चारा, दाना, खनिज मिश्रण एवं आवश्यक पशु औषधियाँ वितरित की गईं। इसके अतिरिक्त, किसानों को कृषि से संबंधित नवीन तकनीकों, जैविक खेती एवं पशु उत्पादों के मूल्य संवर्धन की जानकारी दी गई।
इस अवसर पर उपस्थित पशुपालकों एवं महिलाओं को संबोधित करते हुए एनआरसीसी, बीकानेर के निदेशक डॉ. एस.के. घोरुई ने कहा कि पशुपालन व्यवसाय को बढ़ावा देने हेतु केंद्र द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने ऊँटनी के दूध के औषधीय महत्व एवं पशुपालन व्यवसाय में महिलाओं की भागीदारी पर जोर देते हुए उन्‍हें आत्मनिर्भर बनने हेतु प्रेरित किया । साथ ही कहा कि पशुपालक, यदि समन्वित कृषि एवं पशुपालन पद्धति की ओर अपना रूझान बढ़ाएं तो इससे उनकी आय में बढ़ोत्तरी की प्रबल संभावनाएं विद्यमान हैं। डॉ.घोरुई ने महिलाओं का पशुपालन एवं कृषि व्यवसाय में योगदान को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि महिलाओं की सक्रिय भागीदारी से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त किया जा सकता है ।
महिला दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में हजारीगुड़ा ग्राम की सरपंच श्रीमती रामकन्या ने भाकृअनुप-एनआरसीसी, बीकानेर द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम को अत्यंत उपयोगी बताते हुए कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में ऐसे कार्यक्रम समय की मांग है तथा इनके माध्‍यम से क्षेत्र के ग्रामीणों की समाजार्थिक स्थिति में महत्‍वपूर्ण रूप से सुधार लाया जा सकता है ।
कार्यक्रम के दौरान एनआरसीसी, बीकानेर के टीएसपी योजना के नोडल अधिकारी डॉ. श्याम सुन्दर चौधरी ने पशुपालकों को पशु स्वास्थ्य सेवाओं एवं उन्नत पशुपालन तकनीकों की जानकारी दी तथा कहा कि केंद्र द्वारा जनजातीय उप-योजना के तहत सतत रूप से पशुपालकों को विभिन्न सुविधाएँ एवं तकनीकी मार्गदर्शन उपलब्ध कराया जा रहा है । पशु चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा पशुओं के गर्भ एवं प्रजनन संबंधी समस्याओं, पोषण, तथा सामान्य स्वास्थ्य देखभाल पर विस्तार से जानकारी दी गई।

श्री देवेंद्र कुमार कर्दम, परियोजना प्रबंधक, आईएफडीसी ने प्रतापगढ़ क्षेत्र में संचालित परियोजनाओं की जानकारी देते हुए रबी-खरीफ फसलों व सब्जी उत्पादन के उपयोग पर चर्चा की। श्रीमती संतोष चौधरी, वरिष्ठ अधिकारी (परियोजना), आईएफडीसी ने उपस्थित महिलाओं को प्रोत्‍साहित करते हुए कहा कि महिलाओं द्वारा अपने अधिकारों और अवसरों की पहचान द्वारा समाज में महत्‍वपूर्ण सुधार लाया जा सकता है । इस दौरान श्री निलेश ने मिट्टी परीक्षण, नैनो उर्वरकों के उपयोग एवं नवीन कृषि तकनीकों पर अपनी बात रखी ।
कृषक-वैज्ञानिक संवाद के दौरान पशुपालकों की पशुओं की बीमारियों, पोषण और उत्पादन से संबंधित समस्‍याओं एवं अपनी जिज्ञासाओं का उचित निराकरण किया गया। इस दौरान ग्रामीण महिलाओं द्वारा सांस्‍कृतिक गीत व लोक नृत्‍य प्रस्‍तुत किया गया तथा वहीं एनआरसीसी, बीकानेर के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी श्री अखिल ठुकराल, सहायक प्रशासनिक अधिकारी श्री राजेश चौधरी, श्री मीतपाल तथा अन्य विशेषज्ञों ने पशुपालकों एवं किसानों को तकनीकी जानकारी प्रदान की और आयोजित गतिविधियों के सुचारू प्रबंधन में महत्‍ती सहयोग प्रदान किया ।

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