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एमजीएसयू में छात्रों के लिए परिचयात्मक संवाद कार्यक्रम आयोजित

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एमजीएसयू में कुलपति ने छात्रों से किया संवाद ,डाॅ. वोहरा ने दिया उद्यमिता से सफल होने के टिप्स

बीकानेर। महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के मुख्य सभागार में छात्रों के लिए परिचायात्मक संवाद का आयोजन गुरूवार को आयोजित किया गया।
विश्वविद्यालय मीडिया प्रभारी डॉ॰मेघना शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित ने की वहीं मुख्य वक्ता शिक्षाविद्, अर्थशास्त्री डाॅ. पी.एस. वोहरा, विशिष्ट अतिथि कुलसचिव अरूण प्रकाश शर्मा थे।
कार्यक्रम संयोजक अधिष्ठाता छात्र कल्याण अनिल दुलार ने बताया कि विश्वविद्यालय के अध्ययनरत छात्रों से कुलपति के साथ संवाद स्थापित करने हेतु परिचयात्मक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें विश्वविद्यालय अध्ययनतर छात्रों के साथ बीकानेर जिले की विभिन्न काॅलेजों के छात्रों ने भागीदारी की।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता शिक्षाविद्, अर्थशास्त्री डाॅ. पी.एस. वोहरा ने अपने उद्बोधन में कहा कि समाज में विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास को दो प्रकार से प्राप्त किया जा सकता है एक तो विद्यार्थी खुद इसके प्रति जागरूक रहे और दूसरा स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी आदि शिक्षण संस्थान इस हेतु अपनी जिम्मेवारी का निर्वाह बखूबी करें। विद्यार्थियों को अपने भविष्य के लिए सोचना आना चाहिए। इस हेतु उन्हें अपने विकास हेतु स्वयं भी सार्थक पहल करनी चाहिए जिससे उनके सपने पूरे हो सकें। आजकल विद्यार्थी अपनी कम्युनिकेशन स्किल्स को लेकर के चिंतित रहते हैं जिस पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि अगर आपके पास में विषय का कंटेंट है तो किसी भी विषय को आप अच्छे ढंग से प्रस्तुत कर सकते हैं उसमें कम्युनिकेशन कभी बाधा नहीं बनेगा। स्कूल और कॉलेज के बीच में ब्रिज बिल्डिंग की बात करते हुए कहा कि आज स्कूल को पता नहीं कि कॉलेज को क्या चाहिए और कॉलेज को नहीं पता कि स्कूल को क्या चाहिए। इन दोनों के बीच में तालमेल के अभाव ने विद्यार्थियों को काफी नुकसान पहुंचाया है। हमें अपने युवाओं को स्किल्ड बनाने और रोजगार देने के लिए स्कूल और कॉलेज के बीच में एक समन्वय को बनाना बहुत जरूरी है। अंत में उन्होंने कहा कि युवाओं को नौकरियों की दौड़ से बाहर निकल कर उद्यमिता को अपनाना चाहिए जिससे वे मुल्क के विकास में अपना योगदान दे सकें।
कार्यक्रम की शुरूआत में कुलसचिव अरूण प्रकाश शर्मा ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन समय-समय पर होते रहने चाहिए ताकि टीचर-स्टूडेंट के बीच संवाद स्थापित हो सके। इस अवसर पर प्रो. राजाराम चोयल ने कहा कि कुलपति महोदय की यह पहल विश्वविद्यालय में सकारात्मक पहल है जो कि विद्यार्थीयों के लिए हितकारी है। कार्यक्रम का संयोजन करते हुए कॅरिअर काउन्सलर डाॅ. चन्द्रशेखर श्रीमाली ने छात्रों को अपना हैप्पी इंडेक्स अप करते हुए सफलता की ओर बढ़ने की बात कही।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित ने कहा कि परिचायात्मक संवाद आयोजित करने का उद्वेश्य छात्रों को विश्वविद्यालय में हो रहे नवाजार से अवगत कराने के साथ छात्रों के नवाचार के लिए दिए जाने वाले सुझावों को आमंत्रित करना है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय से सम्बद्व सभी छात्र हमारे अपने है उनको उचित मार्गदर्शन देना व जीवन में सफलता प्राप्त हो उसके लिए हम शिक्षक वर्ग प्रतिबद्व है। उन्होंने छात्रों से आव्हान किया कि आप यदि विश्वविद्यालय के प्रगति के लिए कोई भी सुझाव देगें हम उनका आगे बढ़कर स्वागत करेंगे और उनको उचित माध्यम से लागू करने की पूरी कोशिश करेंगे। प्रो. दीक्षित ने कहा कि यह संवाद का पहला स्टेप है जिसमें आप और हम परिचायात्मक संवाद के माध्यम से जुड़ कर विश्वविद्यालय में कुछ नया कर सके। उन्होनें कहा कि आने वाले दिनों में विश्वविद्यालय में आपके लिए कॅरिअर मार्गदर्शन सेमिनार, वर्कशाॅप का आयोजन किया जायेगा साथ ही आपके सर्वागीण विकास के लिए शिक्षा के साथ अन्य कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के अतिरिक्त कुल सचिव डाॅ. बिठ्ठल बिस्सा, प्रो. अनिल कुमार छंगाणी, डाॅ. अभिषेक वशिष्ठ, डाॅ. लीला कौर, प्रभुदान चारण आदि सहित सभी अतिथि व्याख्याताओं के साथ अन्य महाविद्यालय के छात्र उपस्थित थे। कार्यक्रम के समापन पर अनिल दुलार ने धन्यवाद ज्ञापित किया। वहीं कुलपति व कुलसचिव ने मुख्य वक्ता डाॅ. पी.एस. वोहरा का शाॅल व मोमेन्टों देकर अभिनंदन किया।

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