एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित बने वायु सेना के उप प्रमुख, कार्यभार संभाला
मिग-21, मिग-29 और मिराज-2000 जैसे विभिन्न प्रकार के विमानों को उड़ाने का है अनुभव
अपने 23 साल के कार्यकाल में 20 से अधिक प्रकार के विमानों पर 3200 घंटे की उड़ान भरी
नई दिल्ली (New Delhi), 15 मई . एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने सोमवार (Monday) को वायु सेना के उप प्रमुख का पदभार संभाल लिया है. एयर मार्शल एक योग्य फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर होने के साथ-साथ एक एक्सपेरिमेंटल टेस्ट पायलट भी हैं. उन्हें मिग-21, मिग-29 और मिराज-2000 जैसे विभिन्न प्रकार के विमानों को उड़ाने का अनुभव भी है. पिछले 23 सालों से आशुतोष दीक्षित वायुसेना का हिस्सा रहे हैं. अपने अब तक के कार्यकाल में दीक्षित ने 20 से अधिक प्रकार के विमानों पर 3200 घंटे की उड़ान भरी है. उन्होंने ऑपरेशन सफेद सागर और रक्षक में भाग लिया है.
राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र (student) एयर मार्शल दीक्षित को 06 दिसंबर, 1986 को फाइटर स्ट्रीम में कमीशन दिया गया था. वह स्टाफ कोर्स, बांग्लादेश और नेशनल डिफेंस कॉलेज, नई दिल्ली (New Delhi) के स्नातक हैं. एयर मार्शल दीक्षित ने पश्चिमी क्षेत्र में एक फ्रंटलाइन फाइटर बेस मिराज-2000 स्क्वाड्रन की कमान संभाली, जो वायु सेना का प्रमुख फाइटर ट्रेनिंग बेस भी है. उन्होंने इससे पहले वायु सेना मुख्यालय में प्रिंसिपल डायरेक्टर एयर स्टाफ रिक्वायरमेंट, असिस्टेंट चीफ ऑफ द एयर स्टाफ (प्रोजेक्ट्स) और असिस्टेंट चीफ ऑफ एयर स्टाफ (प्लान) के रूप में काम किया है.
वायु अधिकारी दक्षिणी वायु कमान के वायु रक्षा कमांडर भी रह चुके हैं और वायु सेना के उप प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालने से पहले गांधीनगर (Gandhinagar) , गुजरात (Gujarat) में दक्षिण पश्चिमी वायु कमान के वरिष्ठ वायु सेना अधिकारी थे. वह एयरफोर्स के आधुनिकीकरण के प्रभारी होंगे. उप प्रमुख के रूप में वह भारतीय वायु सेना में नई खरीद और आपातकालीन शक्तियों के तहत सेवा के लिए किए जाने वाले अधिग्रहण की देखरेख करेंगे. दीक्षित मुख्यालय में अपने पहले के कार्यकाल के दौरान भारतीय वायु सेना में आधुनिकीकरण और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान का हिस्सा रहे हैं.
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