खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने ली मेडिकल कॉलेज पदाधिकारियों के साथ बैठक
प्राप्त सुझावों के आधार पर बनाया जाएगा पीबीएम के विकास का रोड मैप
बीकानेर, 15 जून। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज, पीबीएम एवं संबद्ध अस्पतालों के विकास के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।
एस पी मेडिकल कॉलेज सभागार में शनिवार को अस्पताल के विभिन्न यूनिट हैड व अन्य अधिकारियों के साथ चर्चा करते हुए गोदारा ने यह बात कही। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने कहा कि मरीजों के लिए मेडिकल कॉलेज में नई चिकित्सा सुविधाएं विकसित करने, कमियां दूर करने और तकनीकी अपग्रेडेशन की दिशा में रणनीति प्रयास किए जाएंगे। अस्पताल के विभिन्न यूनिट हैड से वन टू वन चर्चा कर सुझाव लेते हुए गोदारा ने कहा कि सुझावों के अनुसार रोड मैप बनाकर सरकार के समक्ष रखा जाएगा, जिससे आने वाले समय में यहां उपलब्ध सुविधाओं का अपग्रेडेशन हो और नई सुविधाएं विकसित की जा सकें।गोदारा ने कहा कि राज्य सरकार के साथ केंद्र में भी सक्षम स्तर पर इस संस्थान के उत्थान हेतु प्रयास किए जाएंगे ।
सीनियर डॉक्टर भी आउटडोर में बैठें
ट्रॉमा सेंटर की व्यवस्थाएं सुधारने पर फोकस
अस्पताल व्यवस्थाओं की जानकारी लेते हुए
खाद्य एवं नागरिक मंत्री ने कहा कि ड्यूटी के दौरान चिकित्सक अप्रैन अवश्य पहने, नेम प्लेट लगाएं।
ट्रॉमा सेंटर पर विशेष फोकस करते हुए उन्होंने कहा कि स्टाफ बिहेवियर पर विशेष ध्यान दिया जाए। ट्रॉमा सेंटर में रेडियोलॉजिस्ट नियमित रूप से उपलब्ध नहीं होने की शिकायत पर उन्होंने कहा कि पीक आवर्स में एक रेडियोलॉजिस्ट आवश्यक रूप से ट्रॉमा में उपलब्ध रहे। एसोसिएट और असिस्टेंट प्रोफेसर माह में कम से कम एक दिन ट्रॉमा सेंटर में ड्यूटी कर व्यवस्थाएं देखें। उन्होंने इस संबंध में मेडिकल कॉलेज प्राचार्य को आदेश जारी करने के निर्देश दिए।
गोदारा ने कहा कि अस्पताल की व्यवस्थाएं सुधरे, आमजन को और बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिले, इसके लिए वरिष्ठ चिकित्सक अतिरिक्त संजीदगी और संवेदनशीलता से काम करें।
कार्डियोलॉजी विभाग में कार्य व्यवस्था की जानकारी लेते हुए खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री ने कहा कि इको जांच में में लम्बी वेटिंग की शिकायतें आ रही है ऐसे में नई मशीन खरीदने का कार्य प्राथमिकता से संपादित करवाया जाए। सोनोग्राफी जांच में गायनी विभाग भी व्यवस्थाओं में सुधार करें।
उन्होंने कहा कि पीबीएम अस्पताल संभाग का सबसे बड़ा चिकित्सा संस्थान है। यहां मरीजों के संख्या भार को देखते हुए पार्किंग, कैमरा, साफ-सफाई , सौंदर्यकरण के संबंध में भी विशेष ध्यान दिया जाए। मेडिकल कॉलेज में जारी सिविल कार्यों में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। अस्पताल प्रबंधन सिविल कार्यों के गुणवत्तापूर्ण संपादन के लिए निगरानी करें।
गोदारा ने कहा कि इस संस्थान के प्रति आमजन में भरोसा है, यह विश्वास और मजबूत हो इस दिशा में अस्पताल प्रबंधन, जिला प्रशासन तथा सरकार मिलकर काम करेंगे।
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ गुंजन सोनी ने अस्पताल उपलब्ध जांचों, दवा, विभिन्न योजनाओं की क्रियान्वयन, प्रगति ,स्वीकृत व रिक्त पदों की जानकारी, उपलब्ध चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने अस्पताल में क्रेच, नए पद स्वीकृत करवाने और रिक्त पदों को भरवाने सहित विभागीय समस्याओं पर अपनी बात रखी। पीबीएम अस्पताल अधीक्षक डॉ पी के सैनी ने पार्किंग प्रावधान और इंटरकनेक्ट कॉरिडोर की आवश्यकता जताई ।
बैठक के दौरान अस्पताल के विभिन्न यूनिट्स हैड द्वारा फॉरेंसिक रिकॉर्ड के डिजिटाइजेशन, इंटीग्रेटेड हॉस्पिटल मैनेजमेंट सिस्टम , लैब तकनीशियन और लैब असिस्टेंट, नर्सिंग स्टाफ के रिक्त पद भरने, ट्यूमर बोर्ड का गठन करने, आइलेट के संचालन हेतु स्टाफ की नियुक्ति, ई फाइलिंग के लिए नये कंप्यूटर , आईसीयू बेड संख्या बढ़ाने के आदि सुझाव दिए गए। बैठक में उपप्राचार्य मेडिकल कॉलेज डॉ सुरेंद्र वर्मा, अतिरिक्त प्राचार्य रेखा आचार्य सहित वरिष्ठ चिकित्सक व यूनिट हैड उपस्थित रहे।
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