कांग्रेस को बीजेपी से 10 लाख ज्यादा वोट:सेमीफाइनल बीजेपी जीती, लेकिन फाइनल के लिए करनी होगी कड़ी मेहनत
‘विधानसभा चुनाव के परिणामों की गूंज दूर तक जाएगी। पूरी दुनिया में इन चुनावों की गूंज सुनाई देगी। कुछ लोग तो कह रहे हैं आज की इस हैट्रिक ने 2024 की हैट्रिक की गारंटी दे दी है।’
रविवार को बीजेपी मुख्यालय दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी ने ये बात कही। दरअसल, 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मिली जीत के बाद पीएम मोदी बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे।
उनके इस बयान को सोशल मीडिया पर शेयर कर लोग कह रहे हैं कि 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को जीतने से कोई नहीं रोक सकता है। जबकि एक सच्चाई ये भी है कि 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बीजेपी से 10 लाख से ज्यादा वोट मिले हैं।
सेमीफाइनल जीतने वाली बीजेपी के लिए 2024 में फाइनल जीतना किन 4 वजहों से आसान नहीं है…
सबसे पहले 5 राज्यों में कांग्रेस और बीजेपी के वोट
ओवर ऑल 5 राज्यों में कांग्रेस कमजोर जरूर हुई है, लेकिन उसकी साख अब भी मजबूत है। 2024 चुनाव से पहले विधानसभा चुनाव के परिणाम को बीजेपी के लिए वॉक ओवर कहना बिल्कुल सही नहीं है।
अब उन 4 वजहों को समझते हैं, जिनके कारण 2024 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस बीजेपी की हैट्रिक को रोक सकती है…
1. हिंदी पट्टी के तीन राज्यों में कांग्रेस को 40% से ज्यादा वोट
चुनाव आयोग के मुताबिक 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बीजेपी से 10.55 लाख वोट ज्यादा मिले हैं। अगर सिर्फ हिंदी पट्टी के तीन बड़े राज्यों की बात करें तो मध्य प्रदेश को छोड़कर राजस्थान और छत्तीसगढ़ में वोटों का अंतर भी ज्यादा नहीं है। कांग्रेस को तीनों ही राज्यों में 40% से ज्यादा वोट मिले हैं।
- मध्य प्रदेश में बीजेपी से कांग्रेस को 8% कम, छत्तीसगढ़ में 4% और राजस्थान में 2% कम वोट मिले हैं। यही वजह है कि 2024 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए वोट प्रतिशत बढ़ाना ज्यादा मुश्किल नहीं होगा।
- हालांकि इन तीनों राज्यों में कांग्रेस को कुल 3,98,42,115 लोगों ने वोट दिया। वहीं, BJP को 4,48,75,952 लोगों ने वोट दिया। यहां बीजेपी को 50 लाख ज्यादा वोट मिले।
- तेलंगाना में कांग्रेस को बीजेपी से 60 लाख और मिजोरम में 1 लाख से ज्यादा वोट मिले। इन राज्यों में कांग्रेस 2018 के बाद चुनावी दौड़ से बाहर होने के कगार पर थी। यहां इतना ज्यादा वोट मिलना कांग्रेस के लिए राजनीतिक रूप से दोबारा एक्टिव होने के संकेत हैं।
दूसरी वजह: तीन राज्यों में हार के बावजूद 2 बार केंद्र में बनाई सरकार
- 2003 के बाद से ही मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव के कुछ महीनों बाद ही लोकसभा चुनाव हो रहे हैं।
- 2018 में इन तीनों राज्यों में बीजेपी को हार मिली और कांग्रेस ने सरकार बनाई थी। कुछ महीने बाद होने वाले 2019 लोकसभा चुनाव में तीनों राज्यों की कुल 65 सीटों में से 61 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली।
- इसी तरह, 2003 में कांग्रेस इन तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव हार गई थी। कुछ महीने बाद ही 2004 में लोकसभा चुनाव हुए। इस चुनाव मे कांग्रेस को पूरे देश में अप्रत्याशित जीत मिली।
- मतलब साफ है कि तीनों राज्यों की विधानसभा चुनाव में जीतने वाली पार्टी जरूरी नहीं है कि लोकसभा चुनाव में भी जीत हासिल कर ले। 2023 में तीन राज्यों में मिली हार के बाद 2024 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन कर बीजेपी को नुकसान पहुंचा सकती है।
तीसरी वजह: तीन राज्यों में कांग्रेस को घाटा कम और फायदा ज्यादा है
- 2024 लोकसभा चुनाव के लिहाज से बीजेपी के लिए मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ बेहद खास है। तीनों राज्य में कुल 65 लोकसभा सीट हैं। इनमें से 61 सीटों पर बीजेपी के सांसद हैं। सिर्फ तीन सीटों पर कांग्रेस के सांसद हैं। जबकि एक सीट अन्य के पास है।
- 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी की चुनौती इन तीन राज्यों में 61 सीटों को बचाए रखने की है। इसके अलावा 2019 में तेलंगाना में भी बीजेपी चार सीटों पर जीती थी। इस बार बीआरएस और कांग्रेस से इन चारों सीटों को बचाए रखना बीजेपी के लिए आसान नहीं है।
- इसका मतलब यह है कि 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए हासिल करने के लिए सिर्फ 4 सीट है, जबकि खोने का डर ज्यादा है। वहीं, कांग्रेस के पास तीन सीटें हैं, जो अगले लोकसभा चुनाव में बढ़ सकती हैं।
चौथी वजह: विधानसभा चुनाव जितना वोट मिला तो भी बीजेपी को नुकसान
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में कुल मिलाकर 83 लोकसभा सीटें हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को इनमें से 65 सीटें मिलीं। केवल छह सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली थी। बाकी भारत राष्ट्र समिति, मिजो नेशनल फ्रंट और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलिमीन को मिले थे।
अगर 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस को हर विधानसभा क्षेत्र में ठीक उतने ही वोट मिले, जितने 2023 के विधानसभा चुनाव में मिले हैं, तो तीन बड़े राज्यों में आंकड़े इस तरह होंगे…
- इसी तरह तेलंगाना में कांग्रेस को 9 सीटें, बीजेपी को 0, बीआरएस को 7 और AIMIM को 1 सीट पर जीत मिल सकती है।
- मिजोरम में जेएमपी 1 सीट पर जीत हासिल कर सकती है।
कुल मिलाकर इन विधानसभा चुनावों के मुताबिक लोकसभा की 83 सीटों में से बीजेपी को 45 से 46 सीटें और कांग्रेस को 28 सीटें मिल सकती हैं। मतलब साफ है कि विधानसभा नतीजों के मुताबिक फायदे की जगह बीजेपी को 19-20 सीटों का नुकसान हो सकता है। कांग्रेस को 22 सीटों का फायदा हो सकता है। कांग्रेस को बस यह सुनिश्चित करना है कि लोकसभा चुनाव में उसे विधानसभा चुनाव से कम वोट न मिलें।
विधानसभा की तुलना में बढ़ सकते हैं लोकसभा चुनाव में वोट शेयर: प्रोफेसर संजय कुमार
CSDS के प्रोफेसर संजय कुमार का कहना है कि विधानसभा चुनाव 2023 में जितना वोट कांग्रेस को मिला, उतना 2024 लोकसभा चुनाव में मिले तो निश्चित रूप से कांग्रेस को फायदा होगा। हालांकि इसकी उम्मीद कम है क्योंकि ज्यादातर लोकसभा चुनाव में बीजेपी के वोट शेयर बढ़ते हैं।
पिछले चुनाव में भी कांग्रेस के वोट शेयर करीब 35% थे जबकि बीजेपी के 55% थे। 20% का अंतर काफी ज्यादा होता है। इस बार भी लोकसभा चुनाव में विधानसभा की तुलना में बीजेपी को ज्यादा वोट पड़ने की संभावना है।
पॉलिटिकल एक्सपर्ट रशीद किदवई का भी मानना है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी के वोट शेयर बढ़ सकते हैं। इसकी वजह सिर्फ लोकलुभावन योजना नहीं बल्कि संस्कृति, राष्ट्रीयता, नरेंद्र मोदी सरकार की साख, बीजेपी सरकार में लोगों का भरोसा है। हालांकि किदवई मानते हैं कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के पास खोने के लिए कम और पाने के लिए ज्यादा है।
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