बीकानेर केंद्रीय शुष्क बागवानी संस्थान, बीकानेर एवम अखिल भारतीय शुष्क क्षेत्रीय फल अनुसंधान परियोजना पिछले 30 वर्ष से बेर के क्षेत्र में अनुसंधान द्वारा किस्मो का विकास, उसकी उत्पादन प्रौद्योगिकी व पादप संरक्षण पर कार्य कर रहा है। इसी क्रम में आज दिनांक 08 फरवरी 2024 को संस्थान में बेर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में डॉ. पी. सी. पंचारिया, निदेशक सेरी पिलानी, डॉ. अमित नाथ, सी. आई. पी. एच.ई.टी. लुधियाना, श्री सांवरमल सिंगारिया, निदेशक सिविल हवाई अड्डा, बीकानेर एवम डॉ जगदीश राणे, निदेशक, सी. आई.ए.एच. बीकानेर उपस्थित रहे। कार्यक्रम में कृषि विभाग, कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के विभिन्न संस्थानो के वैज्ञानिक एवम जिले के प्रगतिशील किसानों एवं विद्यार्थीयों ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान अतिथियों ने संस्थान के बेर जननद्रव्य ब्लाक का भ्रमण किया जिसमे संस्थान के बेर वैज्ञानिक डॉ डी. के. सरोलिया ने विस्तृत रूप से जानकारी दी। इसी दौरान अतिथियों ने विभिन्न संस्थानों एवं प्रगतिशील किसानों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया एवं विस्तृत रूप से सभी से चर्चा की।
संस्थान के निदेशक डॉ. जगदीश राणे ने स्वागत उद्बोधन के दौरान संस्थान की अनुसंधान उपलब्धियों के बारे में बताते हुए कहा कि संस्थान के द्वारा विकसित बेर की उन्नत किस्में व उत्पादन तकनीकी को अपनाकर किसान अधिक उत्पादन ले सकते हैं।
श्री सांवरमल सिंगारिया ने किसानों को नवीनतम वैज्ञानिक तकनीकों का उपयोग करने एवं बेर आदि फल के उच्च निर्यात मूल्य वाले उत्पाद बनाने पर जोर दिया।
डॉ अमित नाथ ने तुड़ाई उपरांत मूल्य संवर्धन में उपयोगी विभिन्न उपकरणों, उत्पाद के छंटाई (ग्रेडिंग), दूरस्थ विपणन हेतु उत्पाद की उच्च गुणवत्ता के महत्व की जानकारी दी। डॉ. पी.सी. पंचारिया ने जवान, किसान और वैज्ञानिक को देश का आधार स्तम्भ बताते हुए
कृषि में इलेक्ट्रोनिक उपकरणों एवं ए.आई. जैसे डिजिटल टूल्स के महत्व एवम उपयोग पर प्रकाश डाला।इस अवसर पर वैज्ञानिक कृषक संवाद का भी आयोजन किया गया जिसमे डॉ. डी. के. समादिया, डॉ. ओ. पी. खेदड़, डॉ. बी. डी. शर्मा, श्री जयदीप दोगने, श्री रमेश ताम्बिया, प्रगतिशील किसान श्री सहीराम गोदारा, श्री रामेश्वर खिचड़ एवम श्री राजेंद्र सांखला व अन्य उपस्थित किसानो ने परिचर्चा करते हुए सक्रिय सहभागिता निभाई। कार्यक्रम के अंत में प्रगतिशील किसानों,बेर-प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के विजेता स्कूल के विद्यार्थियों, बेर फल-प्रदर्शनी के विजेता किसानों एवं तकनीकी प्रदर्शनियों को पुरस्कृत किया गया।
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