राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों ने अपने अस्पतालों के बुनियादी ढांचे में विस्तार करने की गति को तेज़ करने के लिए व्यापक कार्य योजना प्रदान की
केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री राजेश भूषण और कोविड-19 के खिलाफ जंग में प्रौद्योगिकी एवं डाटा प्रबन्धन संबंधी सशक्त समूह के अध्यक्ष डॉ. आर. एस. शर्मा ने शनिवार को नई टीकाकरण रणनीति (चरण-3) के प्रभावी क्रियान्वयन के बारे में राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों को दिशा-निर्देश देने और कोविड मरीजों के लिए राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले अस्पतालों और क्लिनिकल सुविधाओं के वर्तमान बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने को लेकर राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों की कार्य योजना की समीक्षा के लिए आयोजित एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
डॉ. आर. एस. शर्मा ने बताया कि को-विन प्लेटफॉर्म अब स्थिर हो गया है, और बिना किसी बाधा के व्यापक स्तर पर काम कर रहा है। 1 मई से शुरू होने वाले टीकाकरण के नए चरण की जटिलताओं को संभालने के लिए यह प्लेटफॉर्म पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों की तरफ से निर्धारित समय पर और सही डाटा अपलोड करने के महत्व पर प्रकाश डाला, क्योंकि किसी भी गलत डाटा की वजह से पूरे सिस्टम इसका नुकसान उठाना पड़ेगा।
01 मई, 2021 से शुरू होने वाली तीसरे चरण की टीकाकरण रणनीति के बारे में राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों को विशेषरूप से निम्नलिखित सलाह दी गई हैं:
निजी अस्पतालों, औद्योगिकी इकाइयों के अस्पतालों, औद्योगिक संघों आदि के साथ संपर्क स्थापित कर मिशन मोड में अतिरिक्त निजी कोविड टीकाकरण केन्द्रों (सीवीसी) का पंजीकरण। संबंधित प्राधिकरणों के साथ समन्वय, पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान विलम्ब से बचने के लिए आवेदन/निवेदन, प्रोसेसिंग और निगरानी के लिए प्रभावी तंत्र विकसित किया जाए।
जिन अस्पतालों ने वैक्सीन की खरीद कर ली है और कोविन प्लेटफॉर्म पर स्टॉक और कीमत की घोषणा कर दी है, ऐसे अस्पतालों की संख्या की निगरानी करें।
कोविन प्लेटफॉर्म पर टीकाकरण स्लॉट की पर्याप्त दृश्यता प्रदान करने के लिए पात्र आबादी का निर्धारित समयानुसार टीकाकरण।
राज्य/ केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों द्वारा वैक्सीन को सीधे कंपनियों से खरीदने के बारे में प्राथमिकता के आधार पर निर्णय लेना।
इस संदेश का अधिक से अधिक प्रचार करें कि 18 से 45 आयु वर्ग के पात्र लोगों के लिए “केवल ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन” की सुविधा उपलब्ध है।
टीकाकरण, एईएफआई रिपोर्टिंग और प्रबन्धन, कोविन के उपयोग के बारे में सीवीसी स्टाफ को प्रशिक्षित करें – प्रशिक्षण कार्यक्रम और वैक्सीन स्टॉक्स संबंधी समाधान निजी सीवीसी को पहले ही प्रदान किया जा चुका है।
सीवीसी पर आने वाली भीड़ के प्रभावी प्रबन्धन के लिए कानून एवं व्यवस्था संबंधी प्राधिकरणों के साथ समन्वय स्थापित करें।
अस्पताल में भर्ती कोविड मरीज़ों के प्रभावी क्लिनिकल उपचार के लिए अस्पातलों के बुनियादी ढांचे में वृद्धि के बारे में राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों को सलाह दी गई कि वे रोज़ाना दर्ज होने वाले कोविड के नए मामलों, कोविड से रोज़ाना होने वाली मौतों और जिनको अस्पताल में भर्ती करने की ज़रूरत है, इन तीनों बिन्दुओं को के आधार पर अपने अस्पतालों और कोविड उपचार संबंधी वर्तमान बुनियादी ढांचे की समीक्षा करें।
बुनियादी सुविधाओं में इजाफा करने के लिए व्यापक कार्य योजना तैयार और उसे कार्यान्वित करने के लिए राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों को निम्नलिखित सलाह दी गईं:
अतिरिक्ति डेडिकेटेड कोविड-19 अस्पतालों की पहचान करें और डीआरडीओ, सीएसआईआर, अथवा सरकारी एवं निजी क्षेत्र की ऐसी एजेंसियों की मदद से फील्ड हॉस्पिटल फैसिलिटी तैयार करें।
ऑक्सीजन बेड, आईसीयू बेड और ऑक्सीजन सप्लाई की पर्याप्त मात्रा सुनिश्चित करें। बेड के आवंटन के लिए सेंट्रलाइज़्ड कॉल सेंटर आधारित सेवा शुरू करें।
उचित प्रशिक्षण प्राप्त पर्याप्त संख्या में कर्मचारियों की तैनाती और मरीज़ों के प्रबन्धन तथा एम्बुलेंस सेवाओं को सशक्त बनाने के लिए डॉक्टर्स और नर्सों को परामर्श।
अतिरिक्त एम्बुलेंस की तैनाती के माध्यम से जिन ज़िलों में बुनियादी ढांचे की कमी है, वहां के मरीजों को रेफर करके अन्य ज़िलों में आसानी से पहुंचाया जा सके।
बेड के आवंटन के लिए सेंट्रलाइज़्ड कॉल सेंटर आधारित सेवा शुरू की शुरुआत।
राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों को निम्नलिखित सलाह भी दी गई हैं:
उपलब्ध बिस्तरों के संबंध में रियल-टाइम रिकॉर्ड तैयार करना और यह सुनिश्चित करना कि आम जनता को ये बेड आसानी से उपलब्ध हों।
कोविड-19 मरीजों की देखभाल के लिए निजी स्वास्थ्य सुविधाओं को टेक-ऑवर करने संबंधी दिशा-निर्देश बनाकर संबंधित सरकारी संस्थाओं को ऐसा करने के लिए सक्षम बनाएं।
बिना लक्षण वाले और हल्के लक्षण वाले मरीज़ों के आइसोलेशन के लिए समर्पित कोविड-19 देखभाल सुविधाओं का विस्तार करें, ताकि जो मरीज़ घर पर आइसोलेट नहीं हो सकते और/ अथवा जो लोग संस्थानगत आइसोलेशन की इच्छा रख रहे हैं, उन्हें ऐसे निर्धारित स्थान पर उचित देखभाल मिल सके।
होम आइसोलेशन वाले मरीजों को टेलिफोन के माध्यम से दवाइयाँ उपलब्ध कराने की व्यवस्था (टेलि-मेडिसिन) प्रदान करें।
प्रशिक्षित डॉक्टर्स की निगरानी में ऑक्सीजन, वेंटिलेटर्स और आईसीयू की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करें, साथ ही स्टेरॉयड्स और अन्य ज़रूरी दवाओं की उपलब्धता और उन तक पहुंच भी सुनिश्चित करें।
बड़े अस्पतालों में अस्पताल परिसर के अंदर ही ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने की दिशा में काम करें।
कोविड-19 से जंग में अपनी ज़िम्मेदारी निभा रही आशा वर्क और अन्य फ्रंटलाइन कर्मचारियों को उचित और नियमित पारिश्रमिक (तनख्वाह) दें।
इस दौरान केन्द्र सरकार द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अस्पतालों के बुनियादी ढांचे का विस्तार करने के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों को दोहराया गया। इनमें केन्द्रीय विभागों/पीएसयू के नियंत्रण में आने वाले अस्पतालों को समर्पित कोविड अस्पताल के रूप में स्थापित करने अथवा अस्पताल परिसर में ही अलग से कोविड ब्लॉक बनाने के बारे में केन्द्र सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देश जैसे कई कदम शामिल हैं। डीआरडीओ और सीएसआईआर- सीबीआरआई के साथ समन्वय स्थापित कर आईसीयू बेड सहित अस्थायी कोविड देखभाल सुविधाओं और अस्थायी अस्पतालों को स्थापित करने की योजना पर भी फिर से बल दिया गया। राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों को कॉर्पोरेट इकाइयों/पीएसयू/सरकारी विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर उनके सीएसआर फंड से अस्थायी अस्पताल और अस्थायी कोविड देखभाल सुविधाएं स्थापित करने के लिए दिशा-निर्देश दिए गए। राज्यों को कोविड-19 सुविधाओं के निर्माण की दिशा में स्वास्थ्य सुविधाओं के पुनरुत्थान के लिए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम का सहयोग लेने की सलाह भी दी गई। राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों को हल्के लक्षण वाले कोविड मरीजों की देखभाल के लिए रेल के कोच को इस्तेमाल करने की सलाह भी दी गई। रेलवे के 16 ज़ोन के अंतर्गत 3816 रेल कोच की उपलब्धता की जानकारी भी राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ साझा की गई।
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