शांति स्थापन कर ऑस्ट्रेलिया और भारत की सेनाओं ने चिड़ासर गांव को आतंकियों से कराया मुक्त, एक्सरसाइज एस्ट्रो हिंद 2022 महाजन फील्ड फायरिंग रेंज
बीकानेर। महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में बने चिड़ासर गांव को भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई सेना ने संयुक्त युद्धाभ्यास में आतंकियों के हमले से मुक्त कराया। आतंकियों के छुपे होने की सूचना मिलते ही सेना के जवान हेलीकॉप्टर में सवार होकर मौके पर पहुंचे और दुश्मनों को ढूंढ निकाला। एक जोरदार बम धमाके की आवाज के साथ दरवाजा टूटा और गोलियां चलने लगी. पलक झपकते ही बहादुर जवानों ने दुश्मनों को नेस्तनाबूद कर दिया. बीकानेर के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में, भारत और ऑस्ट्रेलिया की सेना का युद्धाभ्यास एस्ट्रो हिंद 2022, 28 नवंबर से लगातार जारी है। युद्धाभ्यास के कल अंतिम दिन से पूर्व मीडिया कवरेज में भारतीय सेना के ब्रिगेडियर एसपीएस रावत ने कहा कि यह युद्धाभ्यास ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच संयुक्त युद्धाभ्यास ऑस्ट्रो-हिंद श्रृंखला का यह प्रथम अभ्यास है।दोनों ही देशों की सेनाओं के बीच 28 नवंबर से शुरू हुआ यह द्विपक्षीय प्रशिक्षण अभ्यास 11 दिसंबर तक जारी रहेगा।जिसमे ऑस्ट्रेलियाई सेना की सैकंड डिवीजन की 13वीं ब्रिगेड के सैनिक अपने हथियारों सहित अभ्यास के लिए पहुंचे हैं। इस संयुक्त युद्धाभ्यास में भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व डोगरा रेजीमेंट के सैनिक कर रहे हैं।दोनों देशों के बीच सकारात्मक सैन्य संबंध बनाने के उद्देश्य से यह युद्धाभ्यास किया जा रहा है।इस दौरान दोनों देशों के जवान एक-दूसरे की सैन्य तकनीक और युद्ध कौशल को समझ रहे हैं।मेजर निकलिस रोटन ,कंपनी कमांडर ऑस्ट्रेलियन कॉन्टिजेंट ने इस युद्धाभ्यास को बेहतरीन बताते हुए कहा कि इससे दोनों देशों को एक दूसरे की सैन्य क्षमता और शस्त्रों का ज्ञान हुआ है। इसके साथ ही यह अपने आप में अभिनव प्रयास है। युद्धाभ्यास के कैप्टन नैटीस बैरिस प्लाटून कमांडर, ऑस्ट्रो हिंद2022 ने कहा कि रेत में भारतीय जवानों के साथ ऑस्ट्रेलियाई जवान दिन-रात युद्धाभ्यास कर रहे हैं, विदेशी जवानों के लिए भारतीय भूमि पर यह एक अलग और अनूठा अनुभव है।मेजर रोहित, कंपनी कमांडर डोगरा रेजिमेंट ने कहा कि भारतीय सैनिकों को भी इस युद्धाभ्यास के माध्यम से बहुत कुछ नया जानने को मिला है।
इस युद्धाभ्यास में ऑस्ट्रेलिया के नैनो ड्रोन का भी प्रदर्शन किया गया जिसके बारे में बताते हुए नैनो ड्रोन एक्सपर्ट मनप्रीत शर्मा ने कहा कि यह ड्रोन अपने आप में एक विशिष्ट तरह का ड्रोन है जिसकी कम आवाज तथा विशिष्ट सर्विलेंस पावर के चलते युद्ध क्षेत्र में अपना अलग ही सामरिक महत्व रखता है। इस अवसर पर विभिन्न शास्त्रों का प्रदर्शन भी किया गया। इस युद्धाभ्यास में भारतीय सेना तथा ऑस्ट्रेलियन आर्मी ने
आधुनिक हथियारों की तकनीक समझने के साथ ही दोनों देशों के जवानों ने मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग भी ली। साथ ही स्नाइपर्स ने पीठ पीछे वार करने वाले दुश्मन को अपनी गोलियों से धूल चटाई। उधर डॉग स्क्वॉड ने भी शानदार ढंग से आतंकियों पर हमला बोल उन्हें लहूलुहान कर दिया। इस युद्धाभ्यास में महिला सैनिक भी भाग ले रही हैं।जिसमे ऑस्ट्रेलिया की वूमेन सोल्जर्स ने इंडियन वूमेन सोल्जर्स को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग भी दी।उन्होंने यह टेक्निक बताई कि कैसे पलक झपकते ही दुश्मन को बिना हथियार के हाथों से धूल चटा सकते हैं।
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