कौन हैं सीएम अशोक गहलोत के हमशक्ल नेता जो, अब कांग्रेस से बागी होकर लड़ेंगे निर्दलीय चुनाव
राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की सूची जारी की है। सूरसागर से प्रत्याशी घोषित होने के बाद विरोध के सुर भी उठने लगे। इसको लेकर सीएम गहलोत के हमशक्ल रामेश्वर दाधीच ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और अब निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है।
जोधपुर : राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी ने बीती रात अपने उम्मीदवारों की सूची जारी की। इधर, सूरसागर से प्रत्याशी घोषित होने के बाद विरोध के स्वर उठने लगे हैं। इसको लेकर CM अशोक गहलोत के हमशक्ल कहे जाने वाले और गहलोत के करीबी पूर्व महापौर रामेश्वर दाधीच ने कांग्रेस पार्टी से बगावती तेवर दिखाए हैं। उन्होंने सूरसागर विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर उनकी उपेक्षा करने का आरोप लगाया है। आईए जानते हैं…आखिर कौन हैं गहलोत के हमशक्ल कहे जाने वाले रामेश्वर दाधीच।
कौन हैं गहलोत के हमशक्ल रामेश्वर दाधीच
जोधपुर के पूर्व महापौर रामेश्वर दाधीच कांग्रेस के नेता है। जो सीएम अशोक गहलोत के करीबी है और उनकी शक्ल गहलोत से काफी मिलती-जुलती है। इस कारण उन्हें गहलोत के हमशक्ल के रूप में भी जाना जाता है। वर्ष 2018 में अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें जोधपुर नगर निगम का महापौर बनाया गया। उन्होंने इस विधानसभा चुनाव में सूरसागर विधानसभा से कांग्रेस का टिकट देने की मांग उठाई थी। लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला।
दाधीच ने कहा पार्टी का गलत निर्णय
रामेश्वर दाधीच ने उन्हें टिकट नहीं दिए जाने पर कड़ा आक्रोश जताया है। उन्होंने कहा कि पार्टी की ओर से गलत निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि मैं निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ूंगा और दावा करता हूं कि मेरी जीत भी होगी। मेरे साथ 36 कौम के लोग हैं। उन्होंने सूरसागर विधानसभा के टिकट पर सवाल उठाते हुए कहा कि पार्टी ने एक ही परिवार पर इतनी मेहरबानी क्यों की हैं? सूरसागर से 2018 के प्रत्याशी प्रोफेसर अयूब खान को हारने के बाद आरपीएससी का सदस्य बना दिया गया। वहीं इस बार चुनाव में उनके बेटे शाहबाज खान को टिकट दिया गया। इससे कार्यकर्ता नाराज है।
हमने तो सब कुछ किया, पार्टी ने हमारे लिए क्या किया?
मीडिया से बातचीत करते हुए रामेश्वर दाधीच ने अपनी पार्टी पर सवाल उठाते हुए कहा कि मैंने पार्टी को खून से सींचा है। मैंने पार्टी के लिए घर जला दिया। आखिर पार्टी ने हमें क्या दिया है। कुछ भी नहीं। जबकि बताया गया है कि राजस्थान में पार्टी के हुए सर्वे में सबसे टॉप पर मेरा नाम था। लेकिन वफादारी का मुझे इनाम मिला कि मेरा नाम काट दिया गया और एक ऐसे 26 साल के युवा को टिकट दिया गया है। जिसे कोई जानता नहीं। दाधीच ने कहा अब उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी है। अब वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे।
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