बीकानेर,मुक़द्दस माह रमज़ान की शुरुआत होने से पहले ख़िदमतगार ख़ादिम सोसाइटी, ज़िला चिकित्सा एवम स्वास्थ्य विभाग और पुलिस प्रशासन की तरफ़ से नशा छोड़ने की मुहिम चलाई गई है। इस नशा मुक्ति अभियान के पोस्टर का विमोचन बीती रात शहर के जामा मस्जिद चौक में किया गया। इस मौक़े पर बीकानेर ज़िला मुख्य चिकित्सा एवम स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. लोकेश गुप्ता मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि नशा किसी भी तरह का हो, ना सिर्फ़ जिस्मानी तौर पर बल्कि ज़ेहनी और रूहानी तौर भी इन्सान को नुक़सान पहुँचाता है और बरबाद कर देता है। डॉ. लोकेश गुप्ता ने नशा छोड़ने के तरीक़ों और नशा छुड़वाने के लिए सरकार द्वारा किये गए इन्तेजामों की जानकारी दी।
विशिष्ट अतिथि के रूप में आये कोटगेट सीओ मनोज कुमार ने नशे के दुष्प्रभावों के बारे में बताते हुए कहा कि किसी भी प्रकार का नशा करना क़ानूनन अपराध है और जार इन्सान ये प्रण ले कि वो ना ख़ुद नशा करेगा और ना ही अपने घर में किसी को करने देगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जामा मस्जिद के पेश इमाम मौलाना डॉ. मुहम्मद असग़र फ़रीदी ने नशा करने को बहुत बड़ा गुनाह और इन्सानियत के प्रति अपराध बताया। मौलाना डॉ. फ़रीदी ने बताया कि अल्लाह के नबी हज़रत मुहम्मद साहब ने फ़रमाया है कि जो शख़्स नशा करता है वो इन्सानियत का दुश्मन है और हम में से नहीं है।
ख़िदमतगार ख़ादिम सोसाइटी के सर-परस्त मक़सूद अहमद ने कहा कि हर शख़्स अपने घर में नज़र रखे और अगर घर में कोई नशा करता है तो उसे सख़्ती से रोके। उन्होंने कहा कि अगर नशा करना है तो तालीम का करें ताकि समाज और देश को उसका फ़ायदा मिल सके।
मुख्य वक्ता डॉ. नासिर ज़ैदी ने कहा कि नशे को हर मज़हब में बहुत बड़ा गुनाह बताया गया है और नशा करने वाले को पाप का भागी माना गया है। डॉ. नासिर ज़ैदी ने विभिन्न धर्म ग्रन्थों का हवाला देते हुए नशे को।ईश्वर के प्रति अपराध बताया।
जामा मस्जिद इलाक़े की ज़िम्मेदार शख़्सियत मुहम्मद रशीद ने सभी आगन्तुकों का धन्यवाद करते हुए बताया कि ख़िदमतगार ख़ादिम सोसाइटी रमज़ान के पवित्र माह में हर मुहल्ले में जा कर नशे के ख़िलाफ़ अभियान चलाएगी और लोगों को जागरूक करेगी।
इस अवसर पर मौजूद सैंकड़ों लोगों को नशा छोड़ने और हर तरह के नशे से दूर रहने की शपथ भी दिलाई गई।
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