NATIONAL NEWS

खेतों में कातरा लट का खतरा:40 से 50 दिन तक नुकसान पहुंचाती है फसल को, किसान बचाव में जुटे

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

खेतों में कातरा लट का खतरा:40 से 50 दिन तक नुकसान पहुंचाती है फसल को, किसान बचाव में जुटे

नोखा में मानसून की बारिश भले ही फसलों के लिए लाभदायक हो, लेकिन इसी बीच एक परेशानी किसानों को सताने लग गई है। बारिश के बाद खेत में नमी के चलते यहां कई खेतों में कातरा कीट का असर देखा जा रहा है। यह कीट खरीफ की फसलों में बाजरा, ज्वार, मूंग, ग्वार, मोठ तिल की पाछेती फसलों को हानि पहुंचाता है।

एक सप्ताह पूर्व हुई बारिश के बाद जमीन में नमी आई। जिसके चलते कातरा पनप गया। अब यह कीट उगते हुए अनाज के पौधों के पतों को कुतर जाता है तथा पौधे जल कर नष्ट हो जाते हैं। इसको लेकर नोखा के सोमलसर निवासी श्याम गोपाल जाट ने बताया कि खेत में कातरा पनप रहा है। यहां सोमलसर, दासनु, घटटू, रायसर, नोखा गांव सहित आस-पास में कातरे का हल्का प्रकोप है। अब किसान अपने स्तर पर ही इसकी रोकथाम के उपाय में जुट गए है। जाट ने बताया भादवे की चानणी छट, मरसी कातरो लट की कहावत है। भादवे में इसका प्रकोप कम होगा। किसान अपने स्तर पर बचाव के उपाय कर रहे है, खेतों के चारो ओर खाई खोदकर बचाव के उपाय कर रहे है।

बता दें कि खरीफ में खास तौर से दलहनी फसलों में कातरे का प्रकोप होता हैं। इसकी लट वाली अवस्था ही फसलों को नुकसान करती है। प्रत्येक मादा कीट द्वारा अलग-अलग समूह में 600-700 अंडे फसल या खरपतवार के पत्ते की निचली सतह पर दिए जाते है। इन अंडों से 2-3 दिन में छोटी-छोटी लटें निकलती है जो कि 40-50 दिन तक फसलों को नुकसान पहुंचाती है।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!