गर्ल्स हॉस्टल में घुसा लेपर्ड, सवा पांच घंटे बाद ट्रेंकुलाइज:खाना बनाने वाले पर हमले का प्रयास, छात्राओं ने अपने को कमरे में किया बंद
उदयपुर
सीसीटीवी फुटेज में भागता दिखा लेपर्ड।
उदयपुर शहर के हिरणमगरी उप नगरीय क्षेत्र के पास गर्ल्स हॉस्टल में शुक्रवार सुबह 11:30 बजे एक लेपर्ड घुस गया। लेपर्ड को देखकर अफरा-तफरा मच गई। हॉस्टल में मौजूद आठ-दस छात्राओं ने बचने के लिए अपने को कमरे में बंद कर लिया।
लेपर्ड ने हॉस्टल में खाना बनाने वाले व्यक्ति पर हमले का प्रयास किया, लेकिन शोर मचाने पर वह नीचे भाग गया। सूचना पर पुलिस और वन विभाग की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची, साढे़ तीन घंटे तलाश करने के बाद लेपर्ड सीढ़ियों पर दिखाई दिया, इसके बाद सीढ़ियों के नीचे घुस गया। टीम ने सवा पांच घंटे की मशक्कत के बाद 4:45 बजे ट्रेंकुलाइज कर लिया। इस निजी हॉस्टल में करीब 50 छात्राएं रहती हैं। इनमें से अधिकांश छात्राएं कॉलेज गई थीं।
ट्रैंक्युलाइज करने के बाद लेपर्ड को लेकर जाती वन विभाग की टीम।
सेक्टर चार के मनवाखेड़ा क्षेत्र में संचालित परमार्थ गर्ल्स हॉस्टल के इंचार्ज रजत सक्सेना ने बताया- वह हॉस्टल कैंपस में मौजूद थे, तभी करीब 11:30 बजे खाना बनाने वाले राजू तीसरी मंजिल पर लेपर्ड-लेपर्ड शोर मचाने लगा। इसको सुनकर छात्राएं अपने-अपने कमरों में भागने लगीं। शोर मचाने से लेपर्ड भी नीचे की तरफ भाग गया। सीसीटीवी कैमरे में देखा तो लेपर्ड कैंपस में आते हुए दिख रहा था। इस पर पुलिस को सूचित किया गया।
गर्ल्स हॉस्टल के बाहर मौजूद पुलिस की टीम व अन्य लोग।
पुलिस व वन विभाग की रेस्क्यू टीम पहुंची
सूचना पर हिरणमगरी पुलिस और वन्यजीव विभाग की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची। हॉस्टल इंचार्ज और अन्य की ओर से बताए गए स्थानों पर टीम ने मौका देखा। छात्राओं में लेपर्ड की दहशत बनी हुई थी। साढ़े तीन बजे के करीब सीढ़ियों के पास लेपर्ड दिखाई दिया, इसके बाद सीढ़ियों के नीचे जाकर छिप गया। टीम ने सवा पांच घंटे की मशक्कत के बाद लेपर्ड को ट्रेंकुलाइज कर लिया। वन विभाग की टीम लेपर्ड को अपने साथ ले गई। डीएफओ अजय चित्तौड़ ने बताया कि लेपर्ड को एक बार डॉक्टरों की निगरानी में रखा जाएगा। इसके बाद आगे को लेकर निर्णय किया जाएगा।
उदयपुर के हिरणमगरी सेक्टर चार स्थित गर्ल्स हॉस्टल में लेपर्ड आने के बाद बाहर जमा भीड़।
उस समय अधिकांश छात्राएं कॉलेज थी
हॉस्टल इंचार्ज रजत सक्सेना ने बताया- यहां करीब 50 छात्राएं रहती हैं, लेकिन जब यह घटना हुई तब अधिकांश छात्राएं कॉलेज गई हुई थीं। 8-10 छात्राएं हॉस्टल में थीं।
जमा हो गई भीड़
हॉस्टल आबादी क्षेत्र में बना हुआ है। लेपर्ड की सूचना पर आसपास के मकानों और दुकानों से लोग पहुंच गए। बाद में पुलिसकर्मियों ने भीड़ को वहां से हटाया।
उदयपुर के सेक्टर चार स्थित हॉस्टल में लेपर्ड की तलाश में जुटी वन विभाग और पुलिस की टीम।
सीसीटीवी कैमरे में दिखा लेपर्ड
हॉस्टल मालिक हरीश राजानी ने बताया- हमारे पास स्टाफ का फोन आया कि हॉस्टल में लेपर्ड आ गया है। मैं तत्काल हॉस्टल पहुंचा। यहां सीसीटीवी देखा तो उसमें साफ दिखा कि करीब साढ़े तीन से चार फीट का लेपर्ड बालकनी के पास खड़ा था। जो छात्राएं यहां थी, उनको उनके कमरे में और स्टाफ को स्टाफ रूम में सुरक्षित बंद कर दिया गया।
इस दरवाजे में छेद करके लेपर्ड को ट्रैंक्युलाइज किया गया।
दहशत के सवा पांच घंटे
- 11.30 बजे: लेपर्ड का हॉस्टल में खाने बनाने वाले पर हमले का प्रयास।
- 11: 40 बजे: हिरणमगरी पुलिस को सूचना मिली।
- 11.55 बजे :हिरणमगरी पुलिस मौके पर पहुंची।
- 12.10 बजे: वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची।
- 03.00 बजे : लेपर्ड कैंपस में ही यह कंफर्म हुआ।
- 03.45 बजे : लेपर्ड को रेस्क्यू करने की प्रक्रिया शुरू की।
- 04:45 बजे: टीम ट्रेंकुलाइज किया गया।
ऐसे किया ट्रेंकुलाइज : गन प्वाइंट पर लाने के लिए पटाखे फोड़े
जब यह कंफर्म हो गया कि लेपर्ड हॉस्टल के अंदर वाली सीढ़ियों में लेपर्ड है तो उसमें रेस्क्यू करने के लिए पहले अंदर के सारे रास्ते बंद कर ही दिए। सबसे पहले तो दीवार के अंदर छेद किया लेकिन उससे सीधे गन प्वाइंट नहीं मिल रहा था और रेस्क्यू वहां से सफल होते नहीं दिखा तो बाद में तीसरी मंजिल पर जो गेट था वहां तक दूसरे रास्ते से टीम पहुंची। वहां गेट की प्लाई को काटकर छेद कर गन प्वांइट तैयार किया।
बाजार से मंगवाए पटाखे
तैयार गन प्वाइंट पर लेपर्ड का मूवमेंट नहीं था, इसके कारण बाजार से पटाखे मंगाए गए। टीम ने सीढ़ियों के पास पटाखे फोड़ने शुरू किए, शोर से लेपर्ड ने जैसे ही इधर-उधर भागना शुरू किया तो गन प्वाइंट से वन विभाग के शूटर ने उसे ट्रेंकुलाइज कर दिया। बाद में टीम बेहोश लेपर्ड को लेकर बाहर आई और अपनी सुरक्षा में उसे सज्जनगढ़ बायोलोजिकल पार्क लेकर गई।
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