REPORT BY SAHIL PATHAN
गुजरात (Gujarat) के मुंद्रा बंदरगाह (Mundra Port) पर पिछले साल पकड़ी गई 2,988 किलो हेरोइन के मामले में जांच एजेंसी (NIA) ने चार्जशीट दाखिल कर दी है. इस मामले में एनआईए ने कुल 16 लोगों को आरोपी बनाया है. इन 16 लोगों में 11 अफगान नागरिक, 4 भारतीय नागरिक और एक ईरानी नागरिक शामिल है. इनमें से 10 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं, जबकि छह आरोपी फरार बताए गए हैं. फरार आरोपियों में 5 अफगानी और एक ईरानी नागरिक है.
पाक आतंकियों से संबंध
theinternalnews.co के मुताबिक इस मामले में एनआईए ने एक बड़ा खुलासा किया है. उसका कहना है कि इस मामले के मुख्य आरोपी और अफगान नागरिक मोहम्मद हुसैन दाद और मोहम्मद हसन दाद के संबंध पाकिस्तान के एक प्रतिबंधित आतंकी संगठन से हैं. एनआईए के मुताबिक इन सभी का लक्ष्य 2,988 किलो हेरोइन को भारत में बेचकर उससे मुनाफा कमाना था. इसके बाद यह पैसा हवाला के जरिए पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के पास भेजा जाता. साफ़ कहें तो इस हेरोइन से होने वाली कमाई का इस्तेमाल भारत के खिलाफ ही किए जाने की योजना थी.
theinternalnews.co के मुताबिक एनआईए ने यह भी बताया है कि हेरोइन को भारत लाने की साजिश एम सुधाकर, डीपी वैशाली और राजकुमार पेरुमल ने अफगानिस्तान के मोहम्मद हुसैन दाद और मोहम्मद हसन दाद के साथ मिलकर रची थी. सुधाकर, वैशाली और पेरुमल तीनों एनआईए की हिरासत में हैं. चेन्नई के रहने एम सुधाकर और डीपी वैशाली पति-पत्नी है और आंध्र प्रदेश में आशी ट्रेडिंग कंपनी चलाते हैं.
जांच एजेंसी के मुताबिक हुसैन दाद और हसन दाद दोनों सगे भाई हैं जिनके संबंध पाकिस्तान के एक कुख्यात आतंकवादी संगठन से बताए जाते हैं. ये दोनों भाई हसन-हुसैन लिमिटेड कंपनी के मालिक हैं. हसन-हुसैन लिमिटेड और आशी ट्रेडिंग कंपनी दोनों मिलकर भारत में ड्रग्स इम्पोर्ट करते थे. जांच के दौरान जांच एजेंसी को यह भी पता चला कि ये लोग पहले भी इन कंपनियों के जरिये ड्रग्स के दो छोटे-छोटे कंसाइनमेंट भारत ला चुके थे और इन्हें दिल्ली और पंजाब में छुपाया गया था. पंजाब पुलिस और राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने अपनी कार्रवाई में ये ड्रग्स बरामद की थी.
सितंबर, 2021 में पकड़ी गई थी हेरोइन
बतादें, यह मामला 13 सितंबर, 2021 का है, तब राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह पर 2,988 किलोग्राम हेरोइन जब्त की थी. यह हेरोइन मुंद्रा पोर्ट पर एक जहाज से बरामद हुई थी. एनआईए के मुताबिक यह हेरोइन अफगानिस्तान के हसन-हुसैन लिमिटेड कंपनी द्वारा भारत में आशी ट्रेडिंग कंपनी को भेजी गई थी. इसे ईरान के बंदर अब्बास पोर्ट पर कंटेनर में चढ़ाया गया था. इस हेरोइन को कागजों पर शरीर पर लगाने वाला पाउडर दिखाया गया था. इस मामले की शुरुआती जांच डीआरआई ने की थी, लेकिन बाद में हो-हल्ला मचने पर यह मामला एनआईए को सौंप दिया गया था. एनआईए ने इस मामले में 6 अक्टूबर 2021 को विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी.
Add Comment