चीन के जासूसी बैलून पर अमेरिका की स्ट्राइक:बाइडेन ने फाइटर पायलट्स को बधाई दी; चीन बोला- हमारे पास भी एक्शन का हक
REPORT BY SAHIL PATHAN
आठ दिन से अमेरिका के ऊपर मंडरा रहे चीन के जासूसी बैलून को US एयरफोर्स ने बुधवार को मार गिराया। US प्रेसिडेंट जो बाइडेन ने एक्शन लेने का आदेश दिया था। इसके बाद अमेरिकी F-22 फाइटर पायलट्स ने बैलून पर स्ट्राइक की। इसके नष्ट हो जाने के बाद बाइडेन ने अपने फाइटर पायलट्स को बधाई दी है।
अमेरिका की इस कार्रवाई पर चीन ने सख्त ऐतराज जताया। कहा- बैलून तबाह करके अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन किया है। अमेरिका यह न भूले कि हमारे पास भी कार्रवाई का अधिकार है और हम जरूरी एक्शन ले सकते हैं।
- जो बाइडेन- बैलून को तबाह करने में हम सफल रहे हैं, मैं इस मिशन को पूरा करने वाले पायलट्स को बधाई देता हूं।
- चीन- अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन किया है। हमारे पास भी कार्रवाई का अधिकार है और हम जरूरी एक्शन ले सकते हैं।
अब सिलसिलेवार ढंग से समझिए पूरा मामला
1. अमेरिका में कब-कब कहां नजर आया बैलून
बैलून को 28 जनवरी को अमेरिकी एयरपोर्ट जोन में दाखिल होते हुए देखा गया था। इसके बाद वह 3 फरवरी को मोटांना क्षेत्र में उड़ता दिखा। यह अमेरिका का एक न्यूक्लियर मिसाइल क्षेत्र है। सेना को शक था कि बैलून जासूसी कर रहा है। यहां की जानकारियां चीन तक पहुंचा रहा है। इसी वजह से उस पर नजर रखी जा रही थी।
2. बैलून एपिसोड का असर क्या हुआ
अमेरिका के आसमान में चीन का जासूसी बैलून आने से दोनों देशों के बीच डिप्लोमैटिक क्राइसिस, यानी कूटनीतिक संकट पैदा हो गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका के फॉरेन मिनिस्टर एंटनी ब्लिंकन ने अपने चीन दौरे को रद्द कर दिया। वो रविवार से दो दिन के चीन दौरे पर जाने वाले थे।
3. चीन ने अमेरिका को क्या जवाब दिया
चीन ने शुक्रवार को अपने बयान में कहा था कि जिसे अमेरिका खुफिया जानकारी इकट्ठा करने वाला जासूसी बैलून कह रहा है वो केवल एक सिविलियन एयरशिप है, जो अपने तय रूट से भटक गया। इसका इस्तेमाल केवल मौसम की जानकारी के लिए होता है।
इसके बाद शनिवार को चीन के विदेश मंत्रालय ने एक और बयान जारी किया। चीन ने कहा कि उसने कभी किसी देश की सीमा या एयरस्पेस का उल्लंघन नहीं किया है। अमेरिका के कुछ नेता और मीडिया इस घटना की आड़ में चीन की छवि बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। इस मामले को शांति से सुलझाया जाना चाहिए।
4. बाइडेन के आदेश पर बैलून को नष्ट किया गया
शनिवार दोपहर को राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि मैंने आदेश दिए हैं कि उस बैलून को तबाह कर दिया जाए। इसके बाद उस बैलून के ऐसे इलाके में आने का इंतजार किया गया जिससे उसे गिराए जाने पर लोगों को कोई खतरा न हो। फिर 2 बजकर 39 मिनट पर पेंटागन के अधिकारियों ने बताया कि कैरोलिना कोस्ट से 6 मील की दूरी पर सभी तरह के एयर ट्रैफिक को बंद कर दिया गया है।जब बैलून 60 से 65 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था उस दौरान अमेरिका के एक F-22 फाइटर जेट ने लैंगले एयर फोर्स बेस से उस पर अटैक कर दिया। अटैक के बाद पेंटागन ने उसका मलबा समुद्र से बाहर निकालने के लिए नेवी और कोस्ट गार्ड को भेजा, ताकि पता चल सके कि बैलून की मदद से चीन ने क्या जानकारी इकट्ठा की थी।
अमेरिका ने आधिकारिक तौर पर नहीं बताया था कि चीन का बैलून कितना बड़ा था। हालांकि, इसका पता लगाने के लिए मिलिट्री ने अपने दो F-22 फाइटर जेट उसके पास भेजे, जिसके बाद ABC न्यूज को एक अधिकारी ने बताया था कि यह बैलून तीन बसों जितना बड़ा है।
सैटेलाइट से जासूसी
CIA के पूर्व अधिकारी माइकल पी मुलरो का कहना है कि गुब्बारा ऐसा कुछ करने में सक्षम नहीं है जो कोई और साधन जैसे कि सैटेलाइट पहले से ही नहीं कर रहे हैं। दोनों देशों के पास कई सैटेलाइट हैं, जिनकी मदद से दोनों पहले ही पूरी सूचनाएं हासिल कर रहे हैं।
सेंटर फॉर स्ट्रैटजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के मुताबिक साल 2000 के बाद से अमेरिका में चीन की जासूसी की 160 घटनाएं सामने आई हैं। चीन ने मोबाइल टॉवर्स पर हुवावे के जासूसी डिवाइस लगाने की साजिश रची थी। ग्रामीण इलाकों को टारगेट बनाते हुए वहां अपने डिवाइस लगाए थे। यह सैन्य ठिकानों की ओर बढ़े तो खुफिया एजेंसियों ने कार्रवाई की।
अमेरिका भी कर रहा चीन की घेराबंदी
अमेरिकी रक्षा विभाग ने गुरुवार को ही फिलिपींस में सैनिक अड्डे बढ़ाने का फैसला किया। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि चीनी सेना को घेरने और ताइवान पर हमले की स्थिति में एक्शन के लिए यह जरूरी है। इससे पहले अमेरिका सहित दुनिया में चीन ने ऐसे थाने बनाए हैं जो अपने नागरिकों की जासूसी कर रहे हैं।
Add Comment