‘जनता को बेवजह परेशान करने वाले अधिकारियों पर होगी कार्रवाई’:UDH मंत्री बोले- नगर निकाय में रिक्त चल रहे पद अब नासूर बन गए, इलाज किया जाना जरूरी
जयपुर
राजस्थान के नगर निकाय में रिक्त चल रहे पद अब नासूर बन गए हैं। इनका सही वक्त पर उपचार किया जाना जरूरी है। यह कहना है प्रदेश के यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा का। जो शुक्रवार को जयपुर के मानसरोवर में नारी शक्ति बंधन सम्मान समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे थे। इस दौरान मंत्री खर्रा ने प्रदेश में कछुआ चाल से चल रहे प्रोजेक्ट्स को लेकर नाराजगी भी जाहिर की। इसके साथ ही उन्होंने कहा- अगर किसी अधिकारी ने गलत नोटिस देकर आम जनता को परेशान किया है। ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
नगरीय निकायों में रिक्त चल रहे पदों को लेकर यूडीएच मंत्री ने कहा- एक फुंसी शरीर पर होती है। उसका तत्काल इलाज हो जाता है। अगर वो फोड़े का रूप ले लेती है तो सप्ताह 15 दिन लग जाते हैं। यदि वो नासूर बन जाती है। इलाज में काफी समय लगता है। इस नासूर का इलाज करके छोड़ेंगे।
मंत्री खर्रा ने कहा- प्रदेश के विभिन्न शहरों में इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को लेकर काफी शिकायतें मिली हैं। उन्हें तो रोक रखा है। जबकि कुछ योजनाएं कछुआ चाल से चल रही हैं। इस संबंध में सभी विभागों से जानकारी ली जा रही है। इसको लेकर अधिकारी मॉनिटरिंग में भी जुट गए हैं। ऐसे में जल्द ही विभागीय समीक्षा के बाद आने वाले समय में इसको लेकर सुखद परिणाम देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि जयपुर में द्रव्यवती नदी में भी सफाई का कार्य शुरू कर दिया गया है। इसका सकारात्मक असर जल्द नजर आएगा।
जयपुर मेट्रो के विस्तार को लेकर भारत सरकार से हुई चर्चा
उन्होंने कहा कि जयपुर में मेट्रो विस्तार को लेकर भारत सरकार से भी चर्चा हुई है। प्रदेश में भी चर्चा हुई है। जल्द ही इस प्रोजेक्ट को फाइनल कर निर्माण कार्य शुरू करवाएंगे। इसके साथ ही जिस तरह बेंगलुरु ने आईटी सिटी को लेकर अपनी पहचान बनाई है। उसी तरह जयपुर में भी आईटी सिटी की परिकल्पना को साकार करेंगे। जयपुर में जब उसे जब मूर्त रूप देंगे। निश्चित रूप से निवेश होगा। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। राजस्थान को आर्थिक रूप से उसका फायदा भी मिलेगा।
मंत्री झाबर सिंह खर्रा शुक्रवार को जयपुर की मानसरोवर में नारी शक्ति बंधन सम्मान समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे थे।
जनता को परेशान करने वाले पर कार्रवाई होगी
खर्रा ने कहा- अगर किसी अधिकारी ने गलत नोटिस देकर आम जनता को परेशान किया है। ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकारी जमीन पर अतिक्रमण के मामले सामने आए हैं। उनकी जानकारी जुटाई जा रही है। बहुत से मामले हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी लंबित हैं। उस पर भी प्रभावी पैरवी करते हुए सरकार के पक्ष में फैसला करने का प्रयास करेंगे। ताकि सरकारी जमीन को फिर से हासिल कर सकें।
जहां जरूरी होगी, नई अन्नपूर्णा रसोई शुरू होगी
मंत्री खर्रा ने कहा- बीजेपी सरकार बनने के साथ ही अन्नपूर्णा रसोई की प्रॉपर मॉनिटरिंग हो रही है। ताकि उसकी गुणवत्ता बनी रहे। इसकी जांच के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों को वहां नियमित जाकर गुणवत्ता की जांच करते रहना चाहिए। अन्नपूर्णा रसोइयों की संख्या बढ़ाने को लेकर भी जनप्रतिनिधियों से प्रस्ताव मांगे गए हैं। जहां वास्तविकता में आवश्यकता होगी। वहां नई अन्नपूर्णा रसोई भी शुरू की जाएगी।
इससे पहले खर्रा ने मंच से शिक्षा पद्धति पर सवाल उठाते हुए कहा कि कहा कि एक समय था। जब दो तरह के गुरुकुल हुआ करते थे। एक गुरुकुल प्रत्येक बस्ती में था, उसका एक शिक्षक होता था। उस शिक्षक के सभी आवश्यकताओं की पूर्ति पूरा समाज मिलकर करता था। कुछ गुरुकुल जंगल में स्थित होते थे, जिसमें बच्चों को एक आयु वर्ग का होने पर गुरुकुल में डाला जाता था। 25 साल तक गुरुकुल में रहकर पढ़ाई करके किसी न किसी क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करता था।
आज जिस शिक्षा पद्धति के अनुसार पढ़ाई कर रहे हैं। इससे दो तरह के लोग बन रहे हैं, एक वाइट कॉलर और एक ब्लू कॉलर। ब्लू कॉलर के लोग मेहनत करके अपने आप को, अपने परिवार को और राष्ट्र को आगे बढ़ाने की सोचता है। जबकि व्हाइट कॉलर के बारे में ज्यादा टिप्पणी करने की जरूरत नहीं है।
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