जयपुर के कानोता में होटल में घुसा लेपर्ड:डरकर बाहर निकले टूरिस्ट, डेढ़ घंटे बाद ट्रेंकुलाइज कर नाहरगढ़ रेस्क्यू सेंटर ले गई टीम
जयपुर
राजधानी जयपुर में आबादी इलाकों में लेपर्ड का मूवमेंट लगातार बढ़ रहा है। गुरुवार को जयपुर के कानोता स्थित होटल कानोता कैसल में लेपर्ड घुस गया। इस दौरान होटल में मौजूद टूरिस्ट होटल छोड़ कर बाहर भाग निकले। इसके बाद वहां मौजूद कर्मचारियों ने वन विभाग की टीम को इसकी जानकारी दी।
लेपर्ड ने होटल के स्टाफ रूम में सामान बिखेर दिया। रेस्क्यू टीम ने 1.30 घंटे कड़ी मशक्कत कर लेपर्ड को रेस्क्यू किया।
सूचना के बाद जयपुर चिड़ियाघर की टीम मौके पर पहुंची और 1.30 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद लेपर्ड को ट्रेंकुलाइज किया गया। फिलहाल लेपर्ड को नाहरगढ़ रेस्क्यू सेंटर ले जाया गया है, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे एक बार फिर वन क्षेत्र में छोड़ दिया जाएगा।
होटल में लेपर्ड के घुसने की खबर के बाद बड़ी संख्या में ग्रामीण और स्थानीय निवासी भी लेपर्ड देखने के लिए होटल के बाहर पहुंच गए। इसके बाद वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने ग्रामीणों को वहां से हटाया।
लेपर्ड को नाहरगढ़ रेस्क्यू सेंटर ले जाया गया है, जहां प्राथमिक इलाज और जांच के बाद एक बार फिर वन क्षेत्र में छोड़ दिया जाएगा।
कुत्तों के भौंकने से पता चला होटल में घुसा लेपर्ड
दरअसल, गुरुवार को होटल में मौजूद कुत्ते अचानक भौंकने लगे। होटल स्टाफ के कुत्तों को चुप कराने की कोशिश की, लेकिन वह रुके नहीं। इस दौरान वहां मौजूद एक पर्यटक ने लेपर्ड को देखा और होटल स्टाफ को इसकी जानकारी दी। इसके बाद होटल प्रबंधन ने वन विभाग की टीम को मौके पर बुलाया।
इस पूरे घटनाक्रम के दौरान होटल में मौजूद टूरिस्ट होटल छोड़कर बाहर निकल गए। लेपर्ड होटल स्टाफ के कमरे में घुस गया। इसके बाद वहां मौजूद कुछ लोगों ने कमरे में दरवाजा बाहर से बंद कर दिया। लेपर्ड ने कमरे में पूरा सामान बिखेर दिया। वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर लेपर्ड को ट्रेंकुलाइज किया तो होटल स्टाफ और टूरिस्ट ने राहत की सांस ली।
जयपुर चिड़ियाघर में देखरेख में रखा जाएगा
बस्सी रेंजर पृथ्वीराज मीणा ने बताया कि सुबह हमारे पास कानोता के एक होटल में लेपर्ड घुसने की सूचना आई थी। इसके बाद हमारी टीम और जयपुर चिड़ियाघर की टीम मौके पर पहुंची और लगभग डेढ़ घंटे में लेपर्ड को ट्रेंकुलाइज कर लिया गया। इस पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन में किसी तरह की जनहानि नहीं हुई है। फिलहाल लेपर्ड जयपुर चिड़ियाघर की देखरेख में रहेगा। इसके बाद आला अधिकारियों के आदेश के बाद उसे फिर से जंगल में छोड़ दिया जाएगा।
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