जयपुर।कोई तारीख पर तारीख नहीं सिर्फ नौ दिन में ट्रायल के बाद पॉक्सो अदालत ने दुष्कर्म के आरोपी को बीस साल की सजा सुना कर देश के सामने बेमिसाल मिसाल पेश की है।राजस्थान में इतिहास बन कर देश के लिए यह एक नजीर
साबित होगा। नवरात्रि के पहले इस फैसले में कानून ने आसुरी ताकतों को मुंहतोड़ जवाब देने की कोशिश की है।
जयपुर के कोटखावदा थाना क्षेत्र में 26 सितम्बर को दस वर्ष की बच्ची के साथ तब दुष्कर्म हुआ था जब समूचा पुलिस अमला रीट के इम्तिहान में अग्निपरीक्षा में बिजी था।पुलिस कंट्रोल को सूचना मिली और अगले ही दिन आरोपी पुलिस
की गिरफ्त में था।पुलिस ने सबूत जुटा कर तीसरे दिन आरोपी के खिलाफ चालान पेश किया और चार अक्टू. को अंतिम सुनवाई में आरोपी ने जुर्म कबूल लिया।कोर्ट ने अगले दिन इस समाज कंटक को बीस साल कैद व 2 लाख
के जुर्माने की सजा सुना कर यह इतिहास रच दिया।समाज में बच्चियों से बढ़ते दुष्कर्म की घटनाओं को रोकने की दिशा में यह फैसला स्वागत के योग्य है।इसके साथ ही जयपुर पुलिस भी बधाई की हकदार है जिसने राज्य के यशस्वी मुख्यमंत्री गहलोत के कार्यकाल में यह कारनामा दिखा कर प्रदेश में सुशासन के नारे को हकीकत में बदल दिया है।समाज है तो अपराध भी होंगे लेकिन ऐसे जघन्य अपराध में पुलिस ने कोई ढिलाई नहीं बरती।आनन फानन सब कुछ संभव हुआ तो इससे भी लोगों की कानून में आस्था ज्यादा बढ़ी है।फैसले से कानून के जिस बुलंद इकबाल की शिद्द्त से कमी महसूस हो रही थी,वो पूरी हुई है।
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