जयपुर में सड़क पर एक गलती पड़ेगी भारी:4 Km दूर वाहन पर भी नजर रखेगा ट्रैफिक पुलिस का जवान
जयपुर ट्रैफिक पुलिस ने नियमों का उलंघन करने वाले वाहन चालकों को कंट्रोल करने के लिए शहर में चार मुख्य चौराहों पर मिनी कंट्रोल रूम बना दिए हैं। इन कंट्रोल रूम पर लगे एलईडी में कंट्रोल रूम से 2 से 4 किलोमीटर दूर के वाहनों पर नजर रखी जा रही है। मुख्य मकसद यह है कि ट्रैफिक नियमों का उलंघन करने वाले वाहन चालकों को पकड़ा जाए। इससे दुर्घटना में कमी लाई जा सके।
यह मिनी कंट्रोल रूम नारायण सिंह सर्किल, त्रिमूर्ती चौराहा, धोबी घाट, स्टेशन रोड पर बनाए गए हैं। इस मिनी कंट्रोल रूम में चार एलईडी लगी हुई हैं। इसे आधा दर्जन कैमरों और लाउड स्पीकर से जोड़ा गया हैं। ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों और वाहन चालक को उसकी गलती माइक पर बोल कर समझा सकती है।
कार्रवाई के डर से लेन और नियम में चल रहे वाहन चालक
एडिशनल डीसीपी ट्रैफिक मुस्तफा अली जैदी ने बताया- इस कंट्रोल रूम में रहने वाले जवान की नजर हर समय नियमों को तोड़ने वाले वाहन चालकों पर रहती है। अधिकांश बार वाहन चालकों को समझाइश के बाद छोड़ दिया जाता है, लेकिन कई वाहन चालक ऐसे भी मिलते है जो पुलिस से ही उलझ जाते हैं। ऐसे में वाहन चालकों को उनकी गलती के बारे में बताया और दिखाया जाता है। इसके बाद उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाती हैं। मिनी कंट्रोल रूम का मुख्य फायदा यह है कि चौराहे पर खड़े ट्रैफिक पुलिसकर्मी को अब वाहन चालक की हरकत चौराहे से पहले ही दिख जाती हैं। इससे के खिलाफ एक्शन लेने में मदद मिलती हैं।
मिनी कंट्रोल रूम से यह है सुविधा
मिनी कंट्रोल रूम को चौराहे के पास में बनाया गया हैं। इन मिनी कंट्रोल रूम में एक से तीन एलईडी,माइक लगा रखा हैं। इस सिस्टम से बाहर लगे आधा दर्जन कैमरों को अटैच किया हुआ हैं। मुख्य मार्ग पर लाउड स्पीकर भी लगाए गए हैं। इससे कंट्रोल रूम से बैठा हुआ व्यक्ति माइक पर अनाउंस कर के लोगों को वाहन चलाने के दौरान की जा रही लापरवाही के बारे में बता सके। अगर कोई वाहन एम्बुलेंस को रास्ता नहीं दे रही तो उसे माइक पर बोल कर हटाने के निर्देश दिए जा सकेंगे। दुर्घटना होने पर वाहन चालकों को माइक पर अनाउंस कर उस जगह से दूर रहने के निर्देश भी दिए जा सकते हैं।
पहले फेज में चार, अच्छा रिजल्ट आने पर अन्य चौराहों पर भी बनेंगे मिनी कंट्रोल रूप
पहले फेज में चार मिनी कंट्रोल रूम बनाए गए हैं। अगर इन के प्रभाव से शहर के मुख्य मार्गों पर दुर्घटानाएं कम होती हैं तो इन्हें बाकी के चौराहे पर ही लगाया जाएगा। जैदी ने बताया- इस तरह से ट्रैफिक में इनोवेशन करने से वाहन चालक भी समझ सकते हैं कि अगर उनके द्वारा किसी भी प्रकार से ट्रैफिक का नियम तोड़ा गया तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। क्योंकी यहां से डिजिटली चालान चले जाते हैं। इसलिए पुलिस के जवान को फिल्ड में जाने की भी जरूरत नहीं है। वह केवल एक फोटो यादगार को भेज देगा तो वाहन मालिक के पास चालान और उनके द्वारा किए गए अपराध की फोटो उन्हे मिल जाएगी।
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