बीकानेर, 27 दिसंबर। जिला कलक्टर नमित मेहता ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि उत्सव के दौरान बीकानेर की बहुरंगी संस्कृति साकार हो, इसके मध्यनजर तीन दिवसीय समारोह का वृहद स्तर पर आयोजन किया जाएगा। इस दौरान कोविड-19 प्रोटोकोल की पालना भी सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऊंट उत्सव के तहत इस बार दरबारी झील और रायसर में भी कार्यक्रम होंगे। इसे देखते हुए इन स्थानों पर भी सभी आवश्यक तैयारियां कर ली जाएं। साथ ही शोभायात्रा मार्ग, सूरसागर, हेरिटेज रूट तथा डॉ करणी सिंह स्टेडियम में सभी आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए निर्देशित किया।
जिला कलक्टर ने बताया कि ऊंट उत्सव के पहले दिन 7 जनवरी को हेरिटेज वॉक का आयोजन होगा। लक्ष्मीनाथ मंदिर से रामपुरिया हवेलियों तक होने वाली यह वॉक अंदरूनी शहर की जीवन शैली तथा यहां की परंपराओं से देशी विदेशी पर्यटकों को रूबरू करवाएगी। हेरिटेज वॉक का आयोजन सांय 5:15 बजे से होगा। इसी दिन शाम 6:30 बजे से सूरसागर में सांस्कृतिक संध्या ‘झंकार’ का आयोजन होगा।
शोभायात्रा के साथ होगा दूसरे दिन के कार्यक्रमों का आगाज
जिला कलक्टर ने बताया कि 8 जनवरी को प्रातः 9 बजे जूनागढ़ के आगे से शोभायात्रा निकाली जाएगी। यह विभिन्न मार्गो से होती हुई डॉ. करणी सिंह स्टेडियम पहुंचेगी। स्टेडियम में मिस मरवण, मिस्टर बीकाणा, ऊंट सज्जा, ऊंट फ़र कटिंग तथा ऊंट नृत्य प्रतियोगिताएं होंगी। सांय 4:30 बजे दरबारी झील पर ‘रिदम ऑफ लाइफ’ कार्यक्रम होगा तथा सायं 6 बजे से डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में लोक नृत्य, मेगास्टार नाइट आयोजित की जाएगी तथा आतिशबाजी भी होगी।
रायसर के धोरों में थिरकेंगे ऊंट
जिला कलक्टर ने बताया कि तीसरे दिन के कार्यक्रमों की शुरुआत जोड़बीड़ कंजर्वेशन रिजर्व में बर्ड वाचिंग कार्यक्रम के साथ होगी। वहीं प्रातः 11:30 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक रायसर के धोरों में पुरुष और महिलाओं की रस्साकस्सी प्रतियोगिता, कुश्ती, ऊंट नृत्य जैसी प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा। सायं 4 से 4:30 बजे तक राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केंद्र में ऊंटों की दौड़ होगी। वहीं सायं 6 बजे से रायसर के धोरों में ही सांस्कृतिक संध्या तथा अग्नि नृत्य का आयोजन होगा।
बैठक में नगर निगम आयुक्त अभिषेक खन्ना, अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) बलदेव राम धोजक, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ओमप्रकाश, नगर विकास न्यास के सचिव नरेंद्र सिंह राजपुरोहित, पर्यटन विभाग के उपनिदेशक भानु प्रताप ढाका, पर्यटन अधिकारी पुष्पेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।
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