जेल की बैरकों में पढ़ने को मजबूर इंग्लिश मीडियम स्कूल के बच्चे, बैठने को जगह नहीं
महात्मा गांधी गवर्नमेंट इंग्लिश मीडियम स्कूल के लिए जेल भवन को स्कूल भवन में तब्दील करने के लिए काफी काम किया गया, लेकिन कक्षा कक्षाओं की कमी के कारण परेशानी सामने आ रही है. स्कूल में बरामदा नहीं होने के कारण बच्चों को बैठने में दिक्कत है.
karauli: जिला मुख्यालय स्थित महात्मा गांधी गवर्नमेंट इंग्लिश मीडियम स्कूल सीमित संसाधनों के चलते स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और शिक्षकों को परेशानी का कारण बना है. स्कूल में आवश्यकता अनुरूप कक्षा कक्ष नहीं है, तो वहीं अन्य सीमित संसाधनों के चलते स्कूल प्रबंधन भी संसाधनों की मांग कर रहा है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं, जिसके चलते परेशानी जस की तस बनी है.
पुरानी जेल में लग रहा स्कूल
जिला मुख्यालय पर एकमात्र इंग्लिश मीडियम स्कूल महात्मा गांधी गवर्नमेंट इंग्लिश मीडियम स्कूल के सत्र की शुरुआत 2020 से हुई. स्कूल के लिए शुरुआती दौर में भवन नहीं मिलने के कारण विद्यालय को सीताबाड़ी स्थित राजकीय कन्या पाठशाला स्कूल में शुरू किया गया, लेकिन पुराने भवन में कक्षा कक्षों की कमी, खेल मैदान सहित अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं होने के कारण सीमित संसाधनों के बीच इसे एक वर्ष उसी भवन में संचालित किया गया. बच्चों और शिक्षकों को हुई परेशानी के बाद क्षेत्रीय लोगों की मांग पर और तत्कालीन कलेक्टर की पैरवी के बाद महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल को शहर के गणेश गेट स्थित पुराने जेल भवन में संचालित करने की स्वीकृति पुलिस प्रशासन द्वारा दी गई.
कक्षाओं की कमी के कारण परेशानी
पुराने जेल भवन को विद्यालय भवन में परिवर्तित करने के लिए सौंदर्यीकरण का कार्य किया गया. लेकिन जेल भवन का प्रारूप वही रहा, जिसके चलते विद्यालय में कम चौड़ाई वाले कक्षा कक्ष उपलब्ध हो सके. वर्तमान में चल रही 14 कक्षाओं के लिए महज 10 कक्षा कक्ष होने के चलते बच्चों को और शिक्षकों के लिए परेशानी बनी हुई है. विद्यालय मे अगले सत्र से 12वीं कक्षा की शुरुआत होने के कारण 15 कक्षाओं के लिए केवल 10 कक्षा कक्ष ही उपलब्ध होंगे. ऐसे में बच्चों को बैठाने और पढ़ाने में परेशानी खड़ी हो जाएगी. विद्यालय के प्रधानाचार्य गोविंद सहाय ने बताया कि जेल भवन को स्कूल भवन में तब्दील करने के लिए काफी काम किया गया, लेकिन कक्षा कक्षाओं की कमी के कारण परेशानी सामने आ रही है. स्कूल में बरामदा नहीं होने के कारण बच्चों को बैठने में दिक्कत है.
जेल बैरकों को ही कक्षा बनाया
ऐसे में उन्होंने उच्च स्तर को स्कूल भवन में निर्माण कार्य कराने के लिए पत्र लिखा है. विद्यालय की शुरुआत में विधायक कोष से स्वीकृत राशि से जेल भवन को विद्यालय भवन में तब्दील किया गया, लेकिन पुराने जेल भवन के ढांचे में कोई बदलाव नहीं होने के कारण जेल बैरकों को ही कक्षा कक्ष बनाया गया ऐसे में कक्षाओं की चौड़ाई कम और लंबाई अधिक है जो भी परेशानी का कारण बनी हुई है. कक्षा कक्षों के बाहर बरामदा नहीं होने के चलते खुले मौसम की मार विद्यार्थियों पर पड़ती है, जो भी एक परेशानी है.
वहीं, विद्यालय में लैब इंस्ट्रूमेंट्स सहित विद्यार्थियों के लिए अन्य उपयोगी संसाधन भी उपलब्ध नहीं हो पाए हैं, जिसके चलते करौली जिला मुख्यालय पर स्थित एकमात्र राजकीय इंग्लिश मीडियम स्कूल के विकास में रुकावट आ रही है. महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम विद्यालय के प्रधानाचार्य गोविंद सहाय ने बताया कि कक्षा कक्षाओं की कमी के लिए विभाग को अवगत कराया गया है, जिसमें दूसरी मंजिल पर कक्षा कक्षाओं का निर्माण कराए जाने की मांग की गई है, वहीं, पहली मंजिल पर कक्षा कक्षाओं के बाहर बरामदे की मांग उनके द्वारा की जा रही है. जिससे बच्चों को बेहतर स्थान उपलब्ध हो सके साथ ही तेज धूप बारिश और सर्दी से भी बचाव हो सके.
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