NATIONAL NEWS

जैन समाज ने मनाया पर्यूषण महापर्व:अणुव्रत चेतना दिवस के रूप में मनाया पांचवां दिन, अधिक तपस्या करने का किया आह्वान

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

जैन समाज ने मनाया पर्यूषण महापर्व:अणुव्रत चेतना दिवस के रूप में मनाया पांचवां दिन, अधिक तपस्या करने का किया आह्वान

नोखा

पर्यूषण महापर्व का पांचवां दिन शनिवार को तेरापंथ सभा भवन में अणुव्रत चेतना दिवस के रूप में मनाया गया।

इस अवसर पर शासन गौरव साध्वी राजमती ने कहा कि मानव में मानवता आए इसीलिए अणुव्रत की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जीवन कैसे जीए यह कला अणुव्रत सिखाती है। व्यक्ति का शरीर एक यात्री ट्रेन की तरह है, जहां पर सभी मेहमान है, उन्हें मेहमान बनकर ही जीना चाहिए। संसार के अंदर रहना चाहिए न की संसार हमारे अंदर रहे, उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि नाव अगर पानी में रहती है तो वह तैरती है वही पानी अगर नाव में चला जाता है तो वह डूब जाती है। इसी तरह हमारे मन के अंदर राग, द्वेष, वासना, कामना, तीव्र इच्छा शक्ति आदि पर अंकुश लगाने के लिए ही अणुव्रत की आचार संहिता बनाई गई है।

पर्यूषण महापर्व पर उन्होंने कहा कि तपस्या से प्रत्येक समस्या का समाधान है उन्होंने तपस्या के महत्व को विस्तार से बताते हुए अधिक से अधिक तपस्या करने का आह्वान किया। साध्वी श्री ने कहा कि अपने जीवन में पांच बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए जिससे व्यक्ति का जीवन सुखी बन जाता है जिसमें परिवार को जोड़ के रखना, पत्नी, पैसा, प्रतिष्ठा, वह स्वास्थ्य के प्रति हमेशा सजक व जागरूक रहना चाहिए। साध्वी विधि प्रभा,व महिला मंडल ने अलग-अलग गीतिकाएं प्रस्तुत की।

उपाध्यक्ष इंद्रचंद बैद ने बताया कि नमस्कार महामंत्र का अखंड जाप भाई बहनों द्वारा जारी है। उन्होंने बताया कि सीमा घीया के 9 की, निर्मल चोपड़ा के सात की, राजेंद्र डागा के पांच, महावीर नाहाटा के पांच, श्रीमती जयश्री भूरा पांच की, लाभचंद छाजेड़ के तीन की तपस्या जारी है। इस अवसर पर स्थानीय अणुव्रत समिति द्वारा अणुव्रत संकल्प पत्र भी उपस्थित श्रद्धालुओं को वितरित किए गए।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!