बीकानेर ।कृषि विज्ञान केंद्र जैसलमेर पर शनिवार 13 मई को ‘’खरीफ पूर्व कार्यशाला’’ का आयोजन किया गया जिसमें जैसलमेर क्षेत्र के 70 किसानों व कृषक महिलाओं ने भाग लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ अशोक कुमार सिंह, कुलपति, रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय झांसी एवं पूर्व महानिदेशक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली ने जैसलमेर की विषम कठिन परिस्थितियों में भावी टूरिज्म संभावनाओं के साथ-साथ यहां की कृषि को भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय साख बनाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया I उन्होंने जैसलमेर की पहचान बाजरा, केर, सांगरी, मौठ जैसे उत्पादों का मूल्य संवर्धन एवं प्रसंस्करण करके किसान उत्पाद संगठन के माध्यम से बाजारों में उत्पादों को पहुंचाने की आवश्यकता बताई I भविष्य में मोटे अनाज की बढ़ती मांग में जैसलमेर के बाजरा और इसके स्वाद को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने की दिशा में क्षेत्र के किसानों को काम करने के लिए आग्रह किया I कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ अरुण कुमार कुलपति, स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर ने किसानों को खरीफ में उन्नत बीज की बुवाई हेतु बीज कृषि विज्ञान केंद्र से प्राप्त करने के लिए संपर्क में रहने की बात कही ताकि आने वाले खरीफ में जैसलमेर के किसान उन्नत बीजों की खेती का क्षेत्र बढ़ा सकें। उन्होंने किसानों को किसान उत्पादक संगठन बनाकर अपनी फसल को सीधे बाजार में पहुंचा कर लाभ कमाने की दिशा में काम करने को कहा I डॉ सुभाष चंद्र, निदेशक प्रसार निदेशालय स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि वि वि बीकानेर ने किसानों को जैसलमेर में खेजड़ी की उन्नत किस्म थार शोभा का ज्यादा से ज्यादा रोपण करने का आग्रह किया ताकि इसका उत्पादन क्षेत्र बढाकर मूल्य संवर्धन एवं प्रसंस्करण में काम किया जा सके I केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ दीपक चतुर्वेदी ने जैसलमेर की परिस्थितियों में खडीन क्षेत्र में की जाने वाली खेती एवं इसके जैविक उत्पाद की पहुंच बनाने की दिशा में केंद्र द्वारा किए जा रहे प्रयासों से अवगत करवाया I कार्यक्रम में व्यवसायिक बकरी पालन प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किये गए I कार्यक्रम का संचालन डॉ चारू शर्मा व अतुल गालव द्वारा किया गया।
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