टीएम ऑडिटोरियम में गेसलाइट का मंचन,पूर्व डीजीपी सौरभ श्रीवास्तव के मंजे अभिनय के पाश में बंधे दर्शक
बीकानेर। अंग्रेजी के प्रसिद्ध नाटक गैस लाइट का हिंदी रूपांतरण अंधेरे रोशनी के का मंचन बीकानेर में टीम ऑडिटोरियम में किया गया पैट्रिक हैमिल्टन के लिखे इस नाटक पर बनी फिल्म ऑस्कर अवॉर्ड विनर रही है इस नाटक के हिंदी रूपांतरकार पूर्व डीजीपी और रंगकर्मी सौरभ श्रीवास्तव हैं। यह नाटक एक मनोवैज्ञानिक रहस्य गाथा की तरह है जिसमें काफी देर तक सस्पेंस बना रहता है और घटनाएं घटित होती चली जाती हैं तथा अपने अंत में यह कई रहस्य से पर्दा उठाता है।
बीकानेर में यह नाटक विरासत संवर्धन संस्थान के तत्वावधान में गंधर्व थियेटर जयपुर द्वारा सौरभ श्रीवास्तव के निर्देशन में मंचित किया गया।
इस अवसर पर पूर्व डीजीपी ने विशेष बातचीत में कहा कि रंग कर्म को बढ़ावा देने की आवश्यकता है उन्होंने माना कि आज का रंगकर्मी थिएटर के स्थान पर सिनेमा के लिए मुंबई की ओर प्रस्थान कर रहा है परंतु इसका बड़ा कारण थिएटर से आय ना होना है। उन्होंने बताया कि रिटायरमेंट के बाद वे अब पूरी तरह से रंगकर्म के साथ जुड़ गए हैं तथा रंगकर्म को बढ़ावा देने के लिए उनकी ओर से अब विशेष प्रयास किए जाएंगे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि रंगकर्म युवा के अंदर आत्मविश्वास को न केवल बढ़ाता है अपितु उसे पब्लिक स्पीकिंग जैसी चीजों के लिए भी तैयार करता है।उन्होंने आवश्यकता जताई कि युवाओं को महाविद्यालय एवं विद्यालयों के माध्यम से रंग कर्म की ओर जोड़ने की एक पहल आवश्यक है।
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