दीक्षार्थी मुमुक्षु बहिनों का अभिनंदन:नोखा के तेरापंथ भवन में हुआ आयोजन, साध्वी ने कहा-दीक्षा लेना विशेष बात
नोखा
भौतिकता और भोग से योग की ओर प्रस्थान ही दीक्षा है। यह विचार नोखा के महावीर चौक स्थित तेरापंथ भवन में साध्वी राजीमती ने दीक्षार्थी मुमुक्षु बहनों के अभिनंदन समारोह में रखें। साध्वी राजीमती ने कहा कि इस भौतिक विलासिता के युग में सांसारिक कार्यों से निवृत होकर वैराग्य पथ पर आरूढ़ हो, दीक्षा लेना विशेष बात है।
तेरापंथ में एक गुरु की आज्ञा में रहना, अनुशासन, मर्यादा, सेवा में रहना, सर्वोत्तममना समर्पण करना उच्च साधना होती है। दीक्षार्थी बहिनों के प्रति मंगल भावना है। इस अवसर पर तेरापंथ महिला मंडल द्वारा भावपूर्ण गीतिका प्रस्तुत की गई। अध्यक्ष सुमन मराठी ने सयंम ग्रहण करने पर मंगल भाव व्यक्त किया। साध्वी बहिनों का तिलक व माला पहनकर अभिनंदन खोल भरवाकर सभी महिला मंडल पदाधिकारियों ने भाव पर स्वागत किया।
मुमुक्षु मीनल, मुमुक्षु दीक्षिता, मुमुक्षु दीप्ति, मुमुक्षु मानवी, मुमुक्षु नूपुर, मुमुक्षु मीनाक्षी व मुमुक्षु खुशी, बोधार्थी भूमिका ने बैरागी के प्रति अपने-अपने से स्मरण एवं भावनाएं दीक्षा क्या है, क्यों, कैसे और परमाथिक संस्था में कैसा रहना आदि परिसंवाद करके परिषद को बताया एवं दीक्षा लेने की प्रेरणा दी।
आपको बता दें कि मुमुक्षु मानवी की दीक्षा नोखा शासन गौरव साध्वी राजमती प्रदान करेंगे। यह आचार्य महाश्रमण की घोषणा है। सभा अध्यक्ष इंदरचंद बैद, डॉ प्रेमसुख मरोठी, उपाध्यक्ष सुनील बैद, मनोज घीया, महिला मंडल मंत्री प्रीति मरोठी, कुसुम आंचलिया, युवक परिषद द्वारा गीतिका संगान उत्साह एवं मुमुक्षु बहिनों के प्रति मंगल भावांजली प्रस्तुत की। साध्वी प्रभात प्रभा ने सयंम की साधना नया जन्म बताया व ध्यान को अभिन्न अंग बताया। साध्वी समता श्री ने दीक्षा से परीक्षा में खरे उतरे। शांत सौम्य जीवन बनाने की प्रेरणा दी। संचालन अनुराग बैद ने किया
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