जयपुर, 2 जनवरी। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना संक्रमण रोकने के लिए जरूरी है कि जो सतर्कता और सजगता हमने पहली एवं दूसरी लहर के समय बरती उसे निरंतर बरकरार रखें। उन्होंने तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर लोगों से अपील की है कि वे कोविड प्रोटोकॉल की पालना आवश्यक रूप से करें। श्री गहलोत ने कहा कि अब तक सब के सहयोग से हमारा कोरोना प्रबंधन पूरे देश में शानदार रहा है। आगे भी हर के सुझाव और सहयोग से ही हम इस जंग को जीतेंगे और कोरोना से बचाव के लिए हरसंभव कदम उठाएंगे।
श्री गहलोत रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोचिड-19 को लेकर धर्मगुरूओं, जनप्रतिनिधियों एवं राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, सोशल एक्टिविस्टों तथा गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जब कोरोना संक्रमण आया तो सभी वर्गों ने आगे बढ़कर इस चुनौती से सामना करने में सहयोग किया। इसी का परिणाम रहा कि राजस्थान कोविड से निपटने में सबसे आगे रहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरी लहर में डेल्टा वायरस के कारण पूरी दुनिया ने भयावह स्थिति का सामना किया। लोगों को ऑक्सीजन, बैड और जीवनरक्षक दवाओं कमी से जूझना पड़ा। इस विपरीत समय में भी राजस्थान ने बेहतर प्रबंधन करते हुए लोगों की जान बचाई। चार्टर प्लेन तक से दवाइयां मंगवाई गई। ऑक्सीजन के प्रबंधन के लिए मंत्री समूह को दिल्ली भेजा गया। हर स्थिति की उच्च स्तरीय मॉनिटरिंग की गई। इसी का नतीजा रहा कि हम लोगों का जीवन बचाने में कामयाब हो सके।
श्री गहलोत ने कहा कि बीते कुछ दिनों में दुनिया के 125 से अधिक देशों में ओमिकोन वैरिएंट का संक्रमण फैल चुका है। अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों में तो लाखों की संख्या में इसके मामले सामने आ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस वैरिएंट की आर वैल्यू काफी अधिक होने से यह तेजी से फैलता है और कब यह अपना मिजाज बदलकर घातक हो जाए कहा नहीं जा सकता, क्योंकि दूसरी लहर के समय भी अल्फा वैरिएंट म्यूटेट होकर डेल्टा में बदल गया और पूरी दुनिया में तबाही मचा दी। ऐसे में हमें ओमिकोन वैरिएंट के प्रति पूरी सजगता और सतर्कता रखनी होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है कि जीवन रक्षा के साथ-साथ हमारी आजीविका सुचारू रूप से चलती रहे, इसके लिए जरूरी है कि हम सभी सोशल डिस्टेसिंग, मास्क पहनने, जैसे कोविड अनुशासन की आवश्यक रूप से पालना सुनिश्चित करें। साथ ही सभी पात्र लोग आवश्यक रूप से वैक्सीनेशन कराएं।
चिकित्सा मंत्री श्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि राजस्थान की ओर से केन्द्र को 15 से 18 वर्ष आयु वर्ग के वैक्सीनेशन की आयु सीमा 12 से 18 वर्ष किए जाने का सुझाव दिया गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा बच्चों को संक्रमण से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि चिकित्सा
विभाग किसी भी स्थिति निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
गृह राज्यमंत्री श्री राजेन्द्र यादव ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह आशंका व्यक्त की है कि आगामी समय में ऑभिकोन का संक्रमण सुनामी के रूप में सामने आ सकता है। लोगों में इस वायरस की घातकता को लेकर भ्रांति को दूर करने की जरूरत है ताकि वे सजग एवं सतर्क रहें।
नेता प्रतिपक्ष श्री गुलाबचन्द कटारिया ने कहा कि संक्रमण से बचाव के दृष्टिगत सभी पात्र लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज और बूस्टर डोज भी लगाई जाए। उन्होंने विवाह आदि समारोह के लिए व्यक्तियों की संख्या को सीमित करने का सुझाव दिया। साथ ही स्कूल, कॉलेज आदि शिक्षण संस्थाओं के संबंध में भी उचित कदम उठाए जाने की बात कही।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष श्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि वैक्सीनेशन की गति और बढ़ाई जाए। लोग मास्क अनिवार्य रूप से लगाएं। साथ ही शादी एवं अन्य समारोह और धर्म स्थलों पर भीड़-भाड़ को सीमित किया जाए।
उप नेता प्रतिपक्ष श्री राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए
धार्मिक स्थलों पर भीड़-भाड़ को नियंत्रित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ऑमिक्रोन
वायरस 5 गुना तेजी से फैलता है। इसे देखते हुए विशेष एहतियात बरतने की आवश्यकता है।
वैक्सीनेशन का प्रतिशत बढ़ाने के लिए डोर-टू-डोर अभियान चलाया जाए।
आयुर्वेद राज्यमंत्री एवं आरएलडी विधायक डॉ सुभाष गर्ग ने कहा कि पॉजिटिव केस की
बढ़ती संख्या को देखते हुए कुछ सख्त फैसले किए जाना जरूरी है, ताकि समय रहते संक्रमण
को नियंत्रित किया जा सके।
सचिव सीपीएम श्री अमराराम ने कहा कि विदेशों से आने वाले यात्रियों की प्रभावी स्क्रीनिंग की जाए। सीपीआईएम विधायक श्री बलवान पूनिया ने कहा कि प्रदेशभर में पहली और दूसरी लहर की तरह कोविड अप्रोप्रिएट बिहेवियर की प्रभावी पालना कराई जाए। बीटीपी विधायक श्री रामप्रसाद ने कहा कि संक्रमण की रोकथाम के लिए भीड़ को नियंत्रित करना जरूरी है। किसान मोर्चा के श्री रामपाल जाट ने कहा कि व्यावसायिक, धार्मिक, वैवाहिक एवं अन्य भीड़-भाड़ वाली गतिविधियों को सीमित रूप से ही अनुमत किया जाए।
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