पन्नू केस, निखिल गुप्ता के संपर्क में भारत सरकार:विदेश मंत्रालय बोला- जेल में तीन बार राजनयिक पहुंच मिली, जरूरी सहयोग दे रहे
खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश के आरोपी निखिल गुप्ता को तीन बार कॉन्सुलर एक्सेस दिया गया। विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी। निखिल गुप्ता फिलहाल चेक रिपब्लिक की जेल में बंद है। उसे प्राग के एक एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था।
दरअसल, जब किसी देश का व्यक्ति किसी दूसरे देश की जेल में बंद होता है तो कॉन्सुलर एक्सेस के तहत जेल में बंद व्यक्ति के देश के राजनयिक या अधिकारी को उस कैदी से मिलने की इजाजत दी जाती है।
भारत सरकार ने 1 जुलाई 2020 को पन्नू को UAPA के तहत आतंकी घोषित किया था। पन्नू के पास कनाडा और अमेरिका की नागरिकता है।
कॉन्सुलर असिस्टेंस भी दे रही भारत सरकार
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा- एक भारतीय नागरिक फिलहाल चेक अधिकारियों की हिरासत में है और उसके अमेरिका में प्रत्यर्पण की प्रक्रिया लंबित है। हमें तीन मौकों पर कॉन्सुलर एक्सेस मिला। हम जरूरत के मुताबिक उस व्यक्ति को कॉन्सुलर असिस्टेंस भी दे रहे हैं।
उन्होंने कहा- इस व्यक्ति के परिवार ने मदद के लिए हमारे सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। फिलहाल हम इस मामले पर कुछ नहीं बोलेंगे, हम सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का इंतजार करेंगे।
परिवार ने कहा- निखिल को चेक में गैर कानूनी तरीके से कैद में रखा
पिछले हफ्ते पन्नू की हत्या की साजिश के आरोपी निखिल गुप्ता की ओर से उसके परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की। इसमें आरोप लगाया गया कि निखिल को प्राग (चेक रिपब्लिक) की जेल में गैर कानूनी तरीके से कैद करके रखा गया है। जेल में उसे खाने के लिए जबरन सुअर और गाय का मीट दिया गया, जो हिंदू रीति रिवाजों के खिलाफ है।
उसने अधिकारियों को इस बारे में बताया भी, लेकिन उसे शाकाहारी खाना नहीं मिला। प्राग के अधिकारियों ने उससे कहा था कि अमेरिका की इजाजत के बिना वह किसी को भी फोन नहीं कर सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, निखिल को पहली बार 19 जुलाई को भारतीय अधिकारी से संपर्क करने की इजाजत दी गई। तब तक उसकी गिरफ्तारी को 20 दिन हो चुके थे।
तस्वीर विदेश मंत्री एस जयशंकर (दाएं) और विदेश मंत्रालय के स्पोक्स पर्सन अरिंदम बागची की है। भारत सरकार ने इस पूरे मामले की जांच के लिए हाई लेवल कमेटी बनाई है। जांच के नतीजों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
हाईकोर्ट की दखल के बाद परिवार से बातचीत की इजाजत मिली
प्राग हाईकोर्ट के दखल के बाद ही उसे परिवार से बातचीत की इजाजत दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट में निखिल के परिजन ने दावा किया है कि चेक रिपब्लिक में निखिल के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है। साथ ही उसकी और उसके परिवार की जान को भी खतरा है।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने मामले को संबंधित देश की अदालत में उठाने को कहा है। साथ ही याचिकाकर्ता को अगली सुनवाई से पहले सरकार के पास याचिका की कॉपी फाइल करने का आदेश दिया है। मामले में अगली सुनवाई 4 जनवरी को होगी।
अमेरिकी ने भारत पर पन्नू की हत्या के आरोप लगाए हैं
अमेरिकी सरकार ने आरोप लगाया था कि न्यूयॉर्क में पन्नू पर जानलेवा हमले की साजिश रची गई थी। इसमें भारत का हाथ था। इस साजिश को नाकाम कर दिया गया। हालांकि, यह नहीं बताया गया कि हमला किस दिन होने वाला था।
जून 2023 में PM नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे के बाद ही अमेरिकी अधिकारियों ने भारत के सामने यह मुद्दा उठाया था। इस बात का खुलासा 22 नवंबर 2023 को पब्लिश हुई फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट में हुआ था।
अमेरिका में खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के मामले में 29 नवंबर को न्यूयॉर्क पुलिस की चार्जशीट सामने आई थी। इसमें भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर पन्नू की हत्या की साजिश का आरोप है। इसमें लिखा है- भारत के एक पूर्व CRPF अफसर ने उसे पन्नू की हत्या की प्लानिंग करने को कहा था।
तस्वीर में निखिल गुप्ता के खिलाफ लगाई गई चार्जशीट का पहला और आखिरी पेज नजर आ रहा है।
पन्नू की हत्या करने के लिए 83 लाख रुपए में डील हुई
चार्जशीट में लिखा है कि भारतीय अफसर के कहने पर निखिल ने एक अपराधी से पन्नू के मर्डर के लिए कॉन्टैक्ट किया, लेकिन असल में वह एक अमेरिकी एजेंट था। इस एजेंट ने निखिल की पहचान एक और अंडरकवर अधिकारी से कराई, जिसने पन्नू का मर्डर करने की बात कही। इसके लिए करीब 83 लाख रुपए में डील हुई थी।
ये तस्वीर न्यूयॉर्क पुलिस ने कोर्ट में पेश की गई चार्जशीट में लगाई है। चार्जशीट में कहा गया है कि यह रकम मर्डर के लिए एडवांस के तौर पर दी गई थी।
पन्नू बोला- मैं निखिल गुप्ता को नहीं जानता
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक आतंकी पन्नू ने कहा है कि वह न तो निखिल गुप्ता को जानता है और न ही उस भारतीय अधिकारी को जिस पर हत्या की साजिश रचने के आरोप लगे हैं। पन्नू ने कहा- मुझे मौत का डर नहीं है। हम बहादुरों के घर आजाद वतन अमेरिका में हैं। उसने कहा- मुझे मार देने से भी खालिस्तान की मांग पर असर नहीं पड़ेगा।
पन्नू मामले में कब, क्या हुआ चार्जशीट के मुताबिक पूरी टाइमलाइन
- मई 2023: अमेरिकी प्रॉसिक्यूटर के मुताबिक इसी वक्त एक भारतीय अधिकारी ने निखिल गुप्ता को हायर किया।
- 29 मई: निखिल गुप्ता ने किसी ऐसे शख्स की तलाश शुरू की जो पन्नू को मार सके। हालांकि जिसे पन्नू को मारने के लिए हायर किया गया वो अमेरिका का अंडर कवर एजेंट निकला। कुछ हफ्तों तक निखिल गुप्ता ने इस अंडर कवर एजेंट से पन्नू को मारने के तरीके और कीमत पर चर्चा की।
- 9 जून: गुप्ता ने पन्नू को मारने के लिए हायर किए गए हिटमैन को एक शख्स के जरिए 15 हजार डॉलर यानी 12 लाख 49 हजार रुपए का कैश भिजवाया। ये हत्या के लिए एडवांस पेमेंट थी।
- 11 जून: भारत के अधिकारी ने गुप्ता को कहा कि पन्नू को अभी नहीं मरवा सकते हैं। दरअसल, जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के दौरे पर गए थे। उस दौरान दोनों देशों के बीच डिप्लोमेटिक बैठकें हो रही थी। गुप्ता ने भी फोन पर कहा था कि 10 दिनों तक कुछ नहीं किया जा सकता है, नहीं तो प्रदर्शन शुरू हुए जाएंगे।
- 12 जून से 14 जून: गुप्ता ने फोन पर अपने साथी को कनाडा में किसी बड़े टारगेट के बारे में बताया। उसने कहा कि वो बाद में उसकी डिटेल्स शेयर करेगा।
- 18 जून: कुछ लोग कनाडा में आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कर देते हैं। कुछ ही महीनों बाद कनाडा इस हत्या का आरोप भारत पर लगाता है।
- 19 जून: गुप्ता निज्जर की हत्या का वीडियो अमेरिका में पन्नू की हत्या के लिए हायर किए हिटमैन को भेजता है। वो लिखता है- ये अच्छी खबर है, अब इंतजार करने की जरूरत नहीं है। गुप्ता ने हिटमैन को ये भी बताया था कि अब टारगेट और चौकन्ना रहेगा।
- 22 जून: अमेरिकी राष्ट्रपति भारत से संबंध बेहतर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्टेट डिनर के लिए बुलाते हैं।
- 24 जून से 29 जून: गुप्ता ने पन्नू का मारने का प्लान आगे बढ़वाया। उसकी निगरानी शुरू हुई।
- 30 जून: गुप्ता भारत से चेक रिपब्लिक गया, जहां अमेरिका के कहने पर उसे हिरासत में ले लिया गया।
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