पहले टमाटर ने बिगाड़ा बजट, अब रुला रहा प्याज, समझिए महंगे प्याज का पूरा खेल
प्याज की बढ़ती कीमत के पीछे कई कारण हैं। इसकी पैदावार में कमी और महाराष्ट्र में खरीफ सीजन के प्याज का लेट होना इनमें से कुछ हैं। इससे प्याज की कीमत में तेजी आई है और लोगों के घर के बजट पर प्रभाव भी पड़ रहा है। सरकार की ओर से इसे नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए जा सकते हैं।
हाइलाइट्स
- प्याज की कीमत में तेजी के पीछे कई कारक जिम्मेदार
- दिल्ली में प्याज की कीमत 80 रुपये किलो के पार
- प्याज की पैदावार में देरी
नई दिल्ली: अभी महंगे टमाटर के बोझ से लोग उबर भी नहीं पाए थे कि प्याज की कीमत ने लोगों को रुलाना शुरू कर दिया। नवरात्रि खत्म होने के साथ ही प्याज की कीमत रॉकेट की रफ्तार से भागने लगी है। जो प्याज एक हफ्ता पहले तक 20 से 25 रुपये किलो बिक रहा था अब वो दिल्ली में 80-85 रुपये किलो प्याज बिक रहा है। यही हाल रहा तो आने वाले कुछ दिनों में प्याज की कीमत 100 रुपये के पार पहुंच जाएगी। प्याज की बढ़ी कीमत से लोगों में नाराजगी है। लोगों का कहना है कि लंबे वक्त तक टमाटर के बढ़े दामों की वजह से घर का बजट बिगाड़ा, जो अब तक ठीक भी नहीं हो सका, अब प्याज की महंगाई के रुलाने लगी है। प्याज की कीमत में आई इस तेजी के पीछे वजह क्या है आज इसे समझने की कोशिश करते हैं।
क्यों बढ़ रही प्याज की कीमत ?
सब्जी विक्रेताओं की माने तो बाजार में प्याज की कमी है,जिसका असर उसके दाम पर पड़ रहा है। अगले महीने नवंबर-दिसंबर तक बाजार में नया माल आ जाएगा। नए माल के आने तक प्याज की कीमत कम होने की उम्मीद नहीं है। प्याज की आमद कम होने की वजह से इसकी कीमत बढ़ रही है। जो प्याज अभी हफ्ते दिन पहले 20 से 30 रुपये किलोग्राम बिक रहा था, अचानक उसकी कीमत 80 रुपये के पार जा चुकी है। हालात ये है कि सरकार की कोशिशों के बाद भी प्याज की कीमत नियंत्रित नहीं हो पा रही है। दिवाली से पहले प्याज की बढ़ती कीमत ने लोगों के घर के बजट पर प्रभाव डालना शुरू कर दिया है। हालांकि उम्मीद है कि विधानसभा चुनावों को देखते हुए सरकार प्याज की कीमत को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाएगी।
प्याज की फसल में देरी
प्याज की कीमत में आई तेजी के पीछे एक वजह इसकी पैदावार पर पड़ने वाला असर भी है। मौसम की मार का असर प्याज की खेती पर पड़ा है। प्याज का उत्पादन 14,82,000 मीट्रिक टन कम हो गया है, जो कि साल 2022-23 में 17,41,000 हेक्टेयर थी। वहीं साल 2021-22 में 19,41,000 हेक्टेयर थी। यानी साल दर साल प्याज के पैदावार में कमी आ रही है। इतना ही नहीं प्याज की कीमत में आई तेजी के पीछे एक बड़ी वजह पैदावार का लेट होना भी है। प्याज की सबसे ज्यादा पैदावार महाराष्ट्र में होती है। महाराष्ट्र में खरीफ सीजन के प्याज का एक महीने लेट हो गया। मॉनसून की बारिश में देरी की वजह से खरीफ सीजन का प्याज बाजार में नहीं आया है। इस देरी की वजह से प्याज की कीमत में तेजी आई है।
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