पहले प्यार फिर हत्या, प्रेमजाल में फंसाने वाली प्रिया सेठ सहित 3 को उम्र कैद, यहां पढ़ें दुष्यंत हत्याकांड की पूरी कहानी
पांच साल पहले के मामले में जयपुर के डीजे कोर्ट ने एक युवती सहित तीन दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। प्रिया सेठ, दिक्षांत कामरा और लक्ष्य वालिया को यह सजा सुनाई गई। दुष्यंत शर्मा हत्याकांड में यह सभी शामिल थे और जिस फ्लैट पर हत्या की गई थी उसी फ्लैट से इन्हें गिरफ्तार भी किया गया था।
जयपुर : पांच साल पहले एक युवक की हत्या के आरोप में जयपुर की डीजे कोर्ट ने एक युवती सहित तीन दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। पांच साल से जेल में बंद तीन आरोपियों प्रिया सेठ, उसके प्रेमी दिक्षांत कामरा और लक्ष्य वालिया को एक दिन पहले ही कोर्ट ने दोषी करार दिया था। अब शुक्रवार 24 नवंबर की शाम साढ़े 4 बजे जयपुर जिला सेशन न्यायाधीश अजीत कुमार हिंगड़ ने दोषियों को सजा सुनाई। आजीवन कारावास की सजा सुनकर दीक्षांत और लक्ष्य के चेहरे लटके हुए थे जबकि प्रिया सेठ सुबक सुबक कर रोती रही।
पहले प्रेमजाल में फंसाया, फिर हत्या की
प्रिया सेठ ने टिंडर मोबाइल एप के जरिए जयपुर के झोटवाड़ा निवासी दुष्यंत सिंह से दोस्ती की। फिर मिलना जुलना शुरू हुआ। प्रिया को लगा कि दुष्यंत पैसे वाले परिवार से है। ऐसे में प्रिया ने अपने प्रेमी दीक्षांत कामरा का कर्जा चुकाने के लिए दुष्यंत का अपहरण करके फिरौती की साजिश रची। दोस्ती के बहाने 2 मई 2018 को प्रिया ने दुष्यंत को कॉल करके मिलने बुलाया। फिर उसे बजाज नगर स्थित एक फ्लैट में ले गई। फ्लैट में पहले से उसका प्रेमी दीक्षांत कामरा और एक अन्य युवक लक्ष्य वालिया मौजूद थे। इन तीनों ने दुष्यंत की हत्या कर दी।
10 लाख की फिरौती मांगी, 3 लाख दिए फिर भी हत्या कर दी
दुष्यंत को बंधक बनाने के बाद उसके पिता से 10 लाख रुपए की फिरौती मांगी गई। डर के मारे दुष्यंत के पिता ने पुलिस को सूचना देने के बजाय फिरौती का इंतजाम किया। उन्होंने 3 लाख रुपए प्रिया के बताए गए बैंक अकाउंट में जमा करा दिए। फिरौती की रकम मिलने के बाद प्रिया, दीक्षांत और लक्ष्य को लगा कि दुष्यंत को छोड़ने के बाद मामला पुलिस तक पहुंच सकता है और वे पकड़े जा सकते हैं। पकड़े जाने के डर से इन तीनों ने मिलकर दुष्यंत की गला घोंट कर हत्या कर दी। शक होने पर दीक्षांत की पत्नी ने अपने भाई को सूचना दी तो 3 मई को दीक्षांत के साले ने पुलिस को दीक्षांत के गायब होने की सूचना दी। बाद में पुलिस दीक्षांत के घर पहुंची और घटना की पूरी जानकारी ली।
सूटकेस में ठूंस कर शव को पहाड़ियों में फेंका
हत्या के कुछ देर बाद ही शव को बड़े सूटकेस में भरकर दिल्ली रोड स्थित आमेर की पहाड़ियों में फेंक दिया गया। शव ठिकाने लगाने से पहले दुष्यंत के चेहरे पर चाकू से कई हमले किए गए ताकि पुलिस उसकी पहचान नहीं कर सके। सबूत मिटाने के लिए फ्लैट को धोया गया लेकिन समय रहते पुलिस ने तीनों हत्यारों को उसी फ्लैट से दबोच लिया गया। 3 मई 2018 की रात को आमेर पुलिस को शव बरामद हुआ था। उसके कुछ घंटों बाद ही 4 मई को पुलिस ने प्रिया सेठ, दिक्षांत कामरा और लक्ष्य वालिया को उसी फ्लैट से दबोच लिया जहां दुष्यंत की हत्या की गई थी।
बॉयफ्रेंड का कर्जा उतारने के लिए रची साजिश
पुलिस जांच से पता चला कि दुष्यंत हत्याकांड की सूत्रधार प्रिया सेठ है। उसने अपने प्रेमी दीक्षांत कामरा का कर्जा उतारने के लिए दुष्यंत को प्रेमजाल में फंसाया। दुष्यंत की तरह कई युवकों को अपने प्रेमजाल में फंसाकर उनसे रुपए वसूल चुकी है। दुष्यंत के पिता से भी 3 लाख रुपए की फिरौती मिल गई लेकिन पुलिस में पकड़े जाने के डर से उसकी हत्या कर दी गई। प्रिया का प्रेमी दीक्षांत मुंबई में मॉडलिंग करता था। इस दौरान उस पर काफी कर्जा हो गया जिसे उतारने के लिए उन्हें लाखों रुपयों की जरूरत थी।
जज ने तीनों दोषियों को अपनी बात रखने की दी छूट
शुक्रवार 24 नवंबर को सजा सुनाने से पहले कोर्ट ने तीन दोषियों को अपनी बात रखने की छूट दी। उस दौरान प्रिया सेठ ने कुछ नहीं कहा। वह सुबक सुबक कर रोती रही। प्रिया के प्रेमी दीक्षांत ने कहा कि वह अपनी मां का इकलौता बेटा है। जवानी में उससे गलती हो गई, उस पर रहम किया जाए। एक गलती से उसका करियर खराब हो गया। तीसरा दोषी लक्ष्य वालिया बोला कि हत्या में उसका हाथ नहीं था। पुलिस की ओर से दबिश दिए जाने के दौरान वह फ्लैट में मिला तो उसे भी आरोपी बना दिया। लक्ष्य का कहना था कि पुलिस ने उसे झूठा फंसाया है। बाद में कोर्ट ने तमाम सबूतों और गवाहों के बयान के आधार पर तीनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
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