पाकिस्तान में ईसाई महिला की हत्या:धर्म बदलने का दबाव डाल रहे थे कट्टरपंथी, एक साल पहले पति का भी कत्ल हुआ था
ईसाई महिला शाजिया रहमान पेशे से नर्स थी। उसके तीन बच्चे हैं।
पाकिस्तान के लाहौर में एक ईसाई महिला की इस्लाम न अपनाने पर हत्या कर दी गई। महिला के तीन बच्चे हैं और वो एक सरकारी अस्पताल में नर्स थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- विक्टिम का नाम शाजिया इमरान था।
एक साल पहले शाजिया के पति का भी कत्ल कर दिया गया और अब तक उसके कातिलों का कोई सुराग नहीं लग सका है। कुछ खबरों में कहा गया है कि शाजिया की रेप के बाद हत्या की गई है। इसके पहले उस पर एसिड अटैक भी हुआ था।
शादी करने का दबाव डाल रहा था आरोपी
- रिपोर्ट्स के मुताबिक- शाजिया का कत्ल मंगलवार को किया गया। उस वक्त वो अपने घर में तीन बच्चों के साथ मौजूद थी। घटना लाहौर के मेहर टाउन इलाके की है। यह इलाका काफी पॉश माना जाता है।
- विक्टिम के भाई जफर ने कहा- मेरी बहन घटना के वक्त घर में अकेली थी। पहले उसे अगवा किया गया। इसके बाद रेप हुआ और आखिर में कातिलों ने एसिड डालकर उसे जला दिया। यह कत्ल मानी गुज्जर और उसके साथियों ने किया है। वो इस इलाके का बड़ा नेता है। मानी कई दिनों से मेरी बहन पर इस्लाम में कन्वर्ट होने और उससे निकाह का दबाव डाल रहा था।
- जफर ने आगे कहा- शाजिया ने मानी गुज्जर के डर के चलते मुझे कभी इस मामले की सच्चाई नहीं बताई। उसको लगता था कि इससे पूरी फैमिली तबाह कर दी जाएगी। शाजिया के पति इमरान का एक साल पहले मर्डर हुआ था और यह भी मानी ने ही किया था।
पिछले साल खैबर पख्तूनख्वार प्रांत की राजधानी पेशावर में दो प्रीस्ट्स की हत्या की गई थी। इनके नाम सिराज (बाएं) नसीम (दाएं) थे।
धर्मांतरण का बढ़ता दबाव
हाल ही में लाहौर के एक सोशल ग्रुप ने कन्वर्जन पर रिपोर्ट जारी की थी। इसमें कहा गया था कि 2022 में 124 मामले ऐसे थे, जिनमें मजहब बदलने के लिए लोगों को अगवा किया गया था।
इनमें 81 हिंदू, 42 ईसाई और एक सिख शामिल था। इनमें ज्यादातर लड़कियां थीं और इससे भी ज्यादा हैरानी की बात यह है कि सभी लड़कियों की उम्र 14 साल से कम थी। सिर्फ 12% लड़कियां एडल्ट यानी वयस्क थीं। ज्यादातर मामलों में पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया। पिछले हफ्ते एक ईसाई लड़की को घर से अगवा किया गया था। बाद में उसके किडनैपर ने धर्म बदलवाकर उससे निकाह कर लिया था।
यह फोटो पिछले साल मई में पाकिस्तान के एक जर्नलिस्ट ने सोशल मीडिया पर शेयर की थी। जर्नलिस्ट के मुताबिक, गरीब पाकिस्तानी पैसे के लालच में अपनी बेटियों की शादी चीनी नागरिकों से करते हैं। कुछ महीनों बाद यह शादियां टूट जाती हैं। (फाइल)
पिछले साल दो प्रीस्ट का कत्ल हुआ था
- फरवरी 2022 में पेशावर में बाइक सवार दो लोगों ने शहर के सबसे बड़े चर्च के प्रीस्ट की गोली मारकर हत्या कर दी। उनके साथी प्रीस्ट गंभीर रूप से घायल हुए थे, बाद में उनकी भी मौत हो गई थी। कत्ल को अंजाम देने के बाद दोनों हमलावर बड़ी आसानी से शहर के मेन रोड से भाग निकले।
- चर्च ऑफ पाकिस्तान के सीनियर बिशप आजाद मशाल ने तब कहा था- पाकिस्तान की कोई भी सरकार ईसाई समुदाय के लोगों की हिफाजत करने में नाकाम रही है। मुल्क में उस वक्त इमरान खान की सरकार थी।
- पेशावर में 2013 में एक चर्च पर सुसाइड बम अटैक हुआ था और इसमें कई लोग मारे गए थे। इसकी साजिश रचने वाले लोगों को कभी नहीं पकड़ा जा सका।
- मुस्लिम बहुसंख्यक पाकिस्तान में हिंदुओं के बाद ईसाई सरा सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समूह है। पाकिस्तान की लगभग 22 करोड़ की आबादी में करीब 1 फीसदी ही ईसाई बचे हैं। ज्यादातर ईसाई परिवार बेहद गरीबी की हालत में जिंदगी गुजार रहे हैं।
फोटो 14 अप्रैल 2019 की है। इसमें नजर आ रही लड़की का नाम महक लियाकत है। इस ईसाई लड़की की शादी जबरदस्ती चीनी पुरुष से कराई गई थी। महक को उस व्यक्ति ने घर से निकाल दिया। पाकिस्तान में हजारों लड़कियां हर साल इस नाइंसाफी का शिकार होती हैं।
चीनियों से शादी करने का भी दबाव
- तीन साल पहले अमेरिकी डिप्लोमैट सैमुअल ब्राउनबैक ने एक रिपोर्ट जारी की थी। इसके मुताबिक- पाकिस्तान हिंदू और ईसाई लड़कियों को चीन में दासी बताकर उनकी मार्केटिंग करता है। यह आरोप ने लगाया है। सैमुअल यूएस एडमिनिस्ट्रेशन में रिलीजियस फ्रीडम डिपार्टमेंट के अफसर हैं।
- सैमुअल ने पाकिस्तान को लेकर हैरान करने वाले खुलासे किए थे। उनके मुताबिक- अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं को चीन के लोगों से शादी के लिए मजबूर किया जाता है। उन्हें चीन में दासी के तौर पर पेश किया जाता है और उनकी मार्केटिंग की जाती है। यह इसलिए होता है क्योंकि इन महिलाओं के पास कोई सपोर्ट नहीं है और पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों से घिनौने स्तर पर भेदभाव किया जाता है।
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