सचिन पायलट ने 11 मई को अजमेर में आरपीएससी से जन संघर्ष पैदल यात्रा शुरू कर राजधानी जयपुर तक निकालने का एलान किया है। यह यात्रा पांच दिन में जयपुर आकर 15 मई को पूरी होगी। प्रदेश में भ्रष्टाचार, आरपीएससी भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक और युवाओं के मुद्दों पर पायलट इस यात्रा के जरिए अपनी ही कांग्रेस पार्टी की अशोक गहलोत सरकार को घेरेंगे। इससे पहले पायलट ने जयपुर के शहीद स्मारक पर 11 अप्रैल तारीख को ही एक दिन का अनशन किया था।
सचिन पायलट ने जन संकल्प यात्रा के पोस्टर में कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पंजे के निशान की जगह अपनी मुट्ठी बंद करके खिंचवाई गई फोटो लगाई है। इससे भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि पायलट क्या सियासी संकेत देने की कोशिश कर रहे हैं। राजस्थान में कांग्रेस पार्टी चुनाव मोड़ पर चल रही है और चुनावी वक़्त में जन संघर्ष यात्रा के पोस्टर में राहुल और प्रियंका गांधी के साथ पार्टी अध्यक्ष खरगे की फोटो न होना और कांग्रेस का चुनाव चिन्ह नहीं होना भी कई सवाल खड़े कर रहा है। अगर सचिन पायलट की नाराजगी सिर्फ अशोक गहलोत से है तो राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को क्यों दरकिनार किया गया है। सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि क्या अब राहुल और प्रियंका गांधी में भी पायलट को भरोसा नहीं रहा या उन्हें अब वह अपना नेता नहीं मानते हैं। क्या राहुल और प्रियंका गांधी की ओर से किया गया वादा पूरा नहीं होने के कारण पायलट ने यह नाराजगी जाहिर की है?
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