बच्ची का जन्म हुआ तो लगा 2 सिर हैं:2 किलो की बड़ी गांठ निकली, 5 महीने की मासूम का SMS हॉस्पिटल में सफल ऑपरेशन
जयपुर
जयपुर के सवाई मान सिंह हॉस्पिटल में 5 महीने की बच्ची के सिर से 2 किलोग्राम की बड़ी गांठ निकाली गई है। जो बच्ची के जन्म लेने के साथ ही सिर से जुड़ी हुई थी। परिवार और गांव के लोगों को एक बार देखने पर ये लगा कि बच्ची के दो सिर हैं। डॉक्टरों का कहना है कि बच्ची के शरीर का जितना वजन था उसका 45 फीसदी वजन तो केवल इस गांठ का ही था। इस कारण से बच्ची न तो सीधे सो पाती थी और न ही उसके शरीर का मूवमेंट ठीक से हो पाता था।
इस गांठ के कारण बच्ची के माता-पिता काफी समय तक परेशान रहे। एसएमएस पहुंचे तो डॉक्टरों ने बच्ची की सर्जरी करने का निर्णय किया। एसएमएस में सीनियर प्रोफेसर डॉ. संजीव चोपड़ा के निर्देशन में प्रोफेसर डॉ. विनोद शर्मा, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. बी.एल. बैरवा, डॉ मोहित, डॉ. शोभा पुरोहित और डॉ. मीनू शर्मा ने ऑपरेशन किया। डॉ. बी.एल बैरवा ने बताया कि ऑपरेशन के बाद बच्ची को दो दिन एनआईसीयू में रख गया। अब वह ठीक है और उसे छुट्टी दे दी है।
ऑपरेशन से पहले बच्ची का सिर। इसी दो किलो की गांठ का ऑपरेशन किया गया।
5 माह पहले हुए था जन्म
डॉक्टरों ने बताया- अलवर निवासी महिला के आपरेशन से 5 माह पहले इस बच्ची का जन्म हुआ था। जन्म के दौरान ही बच्ची के दिमाग़ गांठ जुड़ी हुई थी। धीरे-धीरे ये गांठ शरीर बढ़ने के साथ तेजी से बढ़ती गई। परिवार और गांव के लोगों को एक बार देखने पर ये लगा कि बच्ची दो सिर हैं। इस कारण बच्ची न तो सीधा सो पाती थी और न ही उसके शरीर का ज्यादा मूवमेंट हो पाता था।
डॉक्टरों ने बताया- बच्ची के शरीर का कुल वजन 5 से 6 किलोग्राम के बीच था, जिसमें से 2 किलोग्राम वजन तो केवल गांठ का था। इसके बाद परिजन उसे अलवर में कई हॉस्पिटल लेकर गए, लेकिन सभी उन्हें जयपुर जाने की सलाह दी।
ऑपरेशन के बाद बच्ची के सिर से गांठ को हटाया गया।
गांठ में मौजूद ब्रेन का पार्ट निकालना बहुत जटिल
डॉ. बी.एल बैरवा ने बताया- बच्ची की तमाम जांचें करवाई और देखा की बच्ची के ब्रेन का कुछ पार्ट इस गांठ के अंदर चला गया है। ब्रेन के इस हिस्से को बिना नुकसान पहुंचाए गांठ को निकालना बड़ी चुनौती थी, क्योंकि कोई भी गलती या चूक होने पर बच्ची की जान जा सकती थी। इसके अलावा शरीर के कोई अंग के खराब होने का भी खतरा बहुत ज्यादा था।
बच्ची को 5 जनवरी को एसएमएस अस्पताल में भर्ती किया गया। तीन दिन ऑब्जर्वेशन में रखने के बाद 9 जनवरी को ऑपरेशन किया गया। सुबह 10 बजे से दोपहर करीब 2 बजे तक चले ऑपरेशन के बाद गांठ को सफलतापूर्वक निकाला गया। ऑपरेशन के बाद बच्ची अब दूध पीने लगी है। साथ ही सिर के सहारे सोना शुरू कर दिया है, जिससे सोने के दौरान उसका शरीर भी मूव करने लगा है।
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