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बर्फ से भी 40 गुना ज्यादा ठंडी:ड्राई आइस क्या है, जिसे खाकर गुरुग्राम में 5 लोगों के मुंह से निकला खून

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बर्फ से भी 40 गुना ज्यादा ठंडी:ड्राई आइस क्या है, जिसे खाकर गुरुग्राम में 5 लोगों के मुंह से निकला खून

सोशल मीडिया पर गुरुग्राम के एक रेस्टोरेंट का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक महिला रोते हुए अपने मुंह की तरफ इशारा कर रही है। 3-4 और लोग भी पानी से कुल्ला करते हुए अपनी जुबान की तरफ इशारा कर रहे हैं। उनकी जीभ बुरी तरह जख्मी है और उससे खून भी निकल रहा है। वीडियो में एक व्यक्ति पुलिस बुलाने की बात कहता है।

सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस का कहना है कि रेस्टोरेंट में माउथ फ्रेशनर की जगह ड्राई आइस दिया गया था, जिसके बाद सभी की हालत बिगड़ी। रेस्टोरेंट के खिलाफ FIR भी दर्ज कर ली गई है।

एक्सप्लेनर में इस वायरल वीडियो की पूरी कहानी जानेंगे। ड्राई आइस क्या है, इसका इस्तेमाल क्या है और इसको खाने से क्या नुकसान हो सकते हैं…

पूरा मामला क्या है?
ग्रेटर नोएडा के रहने वाले अंकित कुमार शनिवार को अपनी पत्नी और दोस्तों के साथ गुरुग्राम के लाफॉरेस्टा कैफे में एक दोस्त का जन्मदिन मनाने गए थे। अंकित बताते हैं कि खाना खाने के बाद एक वेट्रेस मिश्री जैसा माउथ फ्रेशनर लेकर आई। अंकित को छोड़कर सभी ने माउथ फ्रेशनर खाया और कुछ ही सेकेंड में उनके मुंह से खून निकलने लगा।

अंकित ने बताया, “किसी केमिकल रिएक्शन से सबके मुंह जल रहे थे और उनके मुंह से खून आ रहा था। हम चिल्लाए, लेकिन कोई मदद के लिए नहीं आया। रेस्टोरेंट के कर्मचारी वहां से भाग गए। हमने पुलिस को फोन किया। पुलिस ने एम्बुलेंस बुलाई, लेकिन मैंने और एक दोस्त की पत्नी प्रीतिका बिना इंतजार किए सबको दो कारों से सेक्टर 90 के एक अस्पताल ले गए।”

गुरुग्राम के सेक्टर 90 का लाफॉरेस्टा कैफे जहां शनिवार को ये घटना हुई।

गुरुग्राम के सेक्टर 90 का लाफॉरेस्टा कैफे जहां शनिवार को ये घटना हुई।

अंकित ने डॉक्टरों को दिखाने के लिए रेस्टोरेंट कर्मचारियों से जबरन वे क्रिस्टल ले लिए जिनको खाकर सबकी तबीयत बिगड़ी थी। डॉक्टर्स ने उनके ड्राई आइस होने का अंदेशा जताया जिसके बाद उसे पुलिस को दे दिया।

अंकित की शिकायत पर रविवार को पुलिस ने वेट्रेस और रेस्टोरेंट कर्मचारियों के खिलाफ IPC की धारा 120B (आपराधिक साजिश) और 328 (जहर से चोट पहुंचाना) के तहत FIR दर्ज की।

वहीं लाफॉरेस्टा कैफे के मैनेजर श्रीधर ने कहा कि ये घटना रेस्टोरेंट की इमेज खराब करने की साजिश हो सकती है। मुझे नहीं पता कि वेट्रेस ने कस्टमर्स को वास्तव में क्या दिया था।

ड्राई आइस क्या होती है?
कार्बन डाई ऑक्साइड (CO₂) गैस, ठोस रूप में ड्राई आइस होती है। फ्रांसीसी वैज्ञानिक एड्रियन जीन पियर थिलोरियर ने ड्राई आइस या शुष्क बर्फ का पहली बार 1835 में उत्पादन किया था। गैस का ये रूप बेहद ठंडा होता है।

सामान्य बर्फ का टेम्परेचर जहां -2 से -3 डिग्री सेल्सियस होता है, वहीं ड्राई आइस का टेम्परेचर -78 डिग्री सेल्सियस तक होता है। इस कारण ये बहुत नुकसानदायक साबित हो सकती है।

यह पिघलती नहीं है, मतलब लिक्विड फॉर्म में नहीं बदलती। ये अपने ठोस रूप से सीधे गैस में बदल जाती है। हमेशा सूखा रहने के कारण ही इसे ‘ड्राई आइस’ कहते हैं।

रेस्टोरेंट में ड्राई आइस का क्या इस्तेमाल है?
ड्राई आइस का इस्तेमाल आइसक्रीम और फ्रोजन डेजर्ट जैसे फूड आइटम्स को ठंडा रखने के लिए कूलिंग एजेंट के रूप में किया जाता है। इसके उपयोग से बिना रेफ्रिजरेटर के चीजों को ठंडा रखा जा सकता है।

ड्राई आइस, नॉर्मल आइस की तुलना में 40 गुना ज्यादा ठंडी होती है। इसे खुले हाथों यानी बिना ग्लव्स के छूना खतरनाक हो सकता है।

ड्राई आइस, नॉर्मल आइस की तुलना में 40 गुना ज्यादा ठंडी होती है। इसे खुले हाथों यानी बिना ग्लव्स के छूना खतरनाक हो सकता है।

ड्राई आइस का उपयोग कोल्ड ड्रिंक्स और सोडा को कार्बोनेट करने के साथ ही बार या रेस्टोरेंट में ड्रिंक्स और फूड आइटम्स को परोसते समय अट्रैक्टिव स्मोकी इफेक्ट देने में भी किया जाता है।

फूड सेफ्टी एंड सिक्योरिटी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) के अनुसार ठीक से इस्तेमाल न करने पर ये खतरनाक साबित हो सकती है। इसके अलावा ये पिघलती नहीं है, बल्कि सीधे गैस में बदलकर हवा में उड़ जाती है।

इसलिए एजेंसी की गाइडलाइन के मुताबिक इसका उपयोग खुली हवा या किसी हवादार कमरे में ही किया जाना चाहिए। बंद कमरे में इसका उपयोग करने से सांस फूलने (हाइपरकेनिया) का खतरा हो सकता है।

अगर ड्राई आइस खा ली जाए तो क्या होगा?
इसका टेम्पेरेचर काफी कम होता है। इस कारण इसे खाना और खुले हाथ से छूना भी खतरनाक हो सकता है। US सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार ड्राई आइस खाना जानलेवा हो सकता है। ये आपके फूड पाइप को जला सकती है और अंदरूनी अंगों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती हैे।

इसे खाने से शरीर में कार्बन डाई ऑक्साइड की अधिकता के कारण सांस लेने से दिक्कत हो सकती है। शरीर में ऑक्सीजन की कमी से ‘हाइपोक्सिया’ हो सकता है, जिससे आपके जरूरी अंग जैसे हार्ट, लंग्स, ब्रेन आदि काम करना बंद कर सकते हैं।

साथ ही खून में ऑक्सीजन की कमी के चलते ‘हाइपोक्सिमिया’ हो सकता है। इससे आपका दम भी घुट सकता है। इसे खाने के बाद चक्कर आना, थकान, मतली, शरीर में झनझनाहट महसूस हो सकती है। गंभीर हाइपोक्सिया की स्थिति में भ्रम की स्थिति, व्यवहार में बदलाव, गंभीर सिरदर्द, बेहोशी और लो ब्लड प्रेशर से मौत तक हो सकती है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अगस्त 2018 में अमेरिका के पियर्स काउंटी में दो महिलाओं को एक कार में बेहोश पाया गया। कार में ड्राई आइस रखी हुई थी। उनमें से 77 वर्षीय एक महिला की कथित तौर पर दम घुटने से मौत हो गई थी।

कूलिंग एजेंट के अलावा इसका क्या उपयोग है?
ड्राई आइस, फार्मास्यूटिकल्स और बायलॉजिकल सैंपल्स जैसे जल्दी खराब होने वाले सामानों की शिपिंग के लिए बड़े पैमाने पर उपयोग की जाती है। साथ ही मेडिकल क्षेत्र में वैक्सीन, लैब सैंपल और ट्रांसप्लांट के लिए अंगों के संरक्षण व शिपिंग के लिए महत्वपूर्ण है। अल्ट्रा-लो टेम्परेचर की वजह से सेंसिटिव मेडिकल मटेरियल को लंबे समय तक सुरक्षित रखने और कहीं भी लाने-ले जाने में इससे मदद मिलती है।

ड्राई आइस को जब पानी में रखा जाता है, तो इसकी गैस में बदलने की प्रक्रिया तेज हो जाती है। इस तरह से इसका उपयोग नाइटक्लब और थिएटर प्रेजेंटेशन में किया जाता है।

ड्राई आइस को जब पानी में रखा जाता है, तो इसकी गैस में बदलने की प्रक्रिया तेज हो जाती है। इस तरह से इसका उपयोग नाइटक्लब और थिएटर प्रेजेंटेशन में किया जाता है।

एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में भी इसका भरपूर प्रयोग होता है। डीजे नाइट, डिस्को आदि में कोहरे या स्मोक इफेक्ट पैदा करने के लिए इसका उपयोग करते हैं।

इंडस्ट्रियल प्रयोग की बात करें तो ‘ब्लास्टिंग’ (मशीनों को साफ करने का एक तरीका) में मशीनों की सेंसिटिव सरफेस और पार्ट्स को बिना नुकसान पहुंचाए सफाई में होता है।

ड्राई आइस से हुए नुकसान से रिकवर होने में कितना समय लग सकता है?
गांधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल में रेस्पिरेटरी डिपार्टमेंट के HOD प्रो. (डॉ.) निशांत श्रीवास्तव बताते हैं कि अगर इसे खुले हाथ से छूते हैं तो एक्स्ट्रीम कोल्ड होने की वजह से ड्राई बर्न हो सकता है। ये बिल्कुल वैसा ही होता है जैसे किसी बहुत गर्म चीज को छूने या खाने से होता है। स्टेरॉयड्स के इस्तेमाल से प्रभावित अंगों में आई सूजन को कम करने में मदद मिलती है।

वे बताते हैं कि इससे कोई स्थायी नुकसान नहीं होता है, बस बर्निंग मार्क्स रह सकते हैं, लेकिन ज्यादा मात्रा में ड्राई आइस खा ली जाए तो नुकसान घातक हो सकता है। पेट में कार्बन डाइ ऑक्साइड बढ़ने से पेट फट भी सकता है।

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