बस के नीचे 20 मीटर तक घिसटते रहे 2 दोस्त:प्रत्यक्षदर्शी ने बताया- चादर में लपेट कर मॉर्च्युरी भेजा शव; फाइनेंस कंपनी से कलेक्शन लेकर लौट रहे थे
प्राइवेट बस ने 2 स्कूटी सवार दोस्तों शशि और युवराज को कुचल दिया। घटना इतनी दर्दनाक थी कि दोनों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। स्कूटी बस के नीचे घुस गई और दोनों ही युवक स्कूटी समेत इसके नीचे 20 मीटर तक घिसटते रहे। बस आगे जाकर सड़क से नीचे उतर कर पलटने से बच गई। मौके पर मौजूद लोगों ने ही दोनों के शवों को बाहर निकाला। हादसे में स्कूटी चला रहे युवराज का शव क्षत-विक्षत अवस्था में चादर में डाल कर मॉर्च्युरी पहुंचाया गया। वहीं स्कूटी को बस के नीचे से निकालने में आधे घंटे की मशक्कत करनी पड़ी।
युवराज और शशि ने 6 महीने पहले ही फाइनेंस कंपनी में काम शुरू किया था और कलेक्शन लेकर लौट रहे थे।
इस घटना के साक्षी रहे देवराज ने बताया घटना कैसे हुई थी-
पढ़िए प्रत्यक्षदर्शी की जुबानी इस दर्दनाक घटना की कहानी-
देवराज ने कहा- मैं लगभग 7 बजे अपने एक परिचित को तिराहे पर बैठाने के लिए आया था। इसी दौरान आसींद से अहमदाबाद जाने वाली बस आई। मुझे इसी बस में अपने परिचित को बैठना था। उन्हें अहमदाबाद जाना था। बस को यही रुकना था तो इसकी स्पीड लगभग 40-50 की रही होगी। तभी 2 स्कूटी सवार शशि और युवराज करेड़ा जाने वाली सड़क से आए। इसी दौरान इस इन्होंने एक गाड़ी को ओवरटेक किया। कुछ ही सैकंडों की बात होगी दोनों सवार इस बस से जा भिड़े। आमने-सामने हुई टक्कर में स्कूटी दोनों युवकों समेत बस के नीचे घुस गई। हादसा देख मेरे तो होश उड़ गए। लगभग 20 मीटर दूर जाकर बस भी सड़क से उतर गई और 40 डिग्री के एंगल पर टेढ़ी हो गई। अब तक स्कूटी सवार इसी बस के नीचे थे।
पुलिस ने बस को जब्त कर लिया है। इसी की डिग्गी में स्कूटी भी रखी गई है। स्कूटी पूरी तरह पिचक गई है।
शव को चादर में इकठ्ठा किया
देवराज ने बताया- हम दौड़ कर गए तो बस में लगभग 7-8 सवारियां ही थी। अंदर भी चीख-पुकार मची थी। नीचे झुक कर देखा तो युवक बुरी हालत में थे। उन्हें बस के नीचे से भीड़ ने खींच कर बाहर निकाला। एक युवक की बॉडी तो ठीक थी लेकिन एक युवक की बॉडी टुकड़ों में बिखर गई थी। उसे चद्दर में उठा कर बाहर रखा गया। बड़ा वीभत्स दृश्य था इसे देखकर भीड़ भी छंटने लगी थी। इसी दौरान भीड़ में से किसी ने पुलिस और एम्बुलेंस को फोन किया। 20 मिनट बाद पुलिस और एम्बुलेंस भी पहुंच गए। दोनों युवकों की मौके पर ही मौत हो चुकी थी।
स्कूटी के नीचे घुसते ही बस बेकाबू हो गई और 20 मीटर दूर जाकर सड़क से नीचे उतर गई। इस दौरान ड्राइवर को भी चोटें आई। बस का आगे का हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ है।
6 महीने पहले ही फाइनेंस कम्पनी जॉइन की थी
युवराज के परिचित ने बताया कि दोनों ही बचपन से बनेड़ा गांव में ही पढ़ें हैं। बचपन से इनकी दोस्ती थी। यहां 6 महीने पहले ही फाइनेंस कंपनी जॉइन की थी। किसी को मालूम नहीं था ऐसे दोनों साथ चले जाएंगे। ये दोनों की पहली नौकरी थी। युवराज 4 बहनों में अकेला भाई था और उसकी शादी 6 साल पहले ही हुई थी। युवराज के 6 साल का एक बेटा और 4 साल की बेटी है।
वहीं शशि के पिता जी की मौत 5 साल पहले हो चुकी थी। इसके बाद अब शशि भी चला गया। शशि 5 भाई-बहनों में सबसे छोटा था। जैसे ही शशि की मां को उसकी मौत का मालूम चला तो वे बेसुध हो गई।
गुरुवार सुबह परिजन मुआवजे की मांग पर अड़ गए और शव उठाने से इनकार कर दिया था। आखिर में, दोपहर 3 बजे सहमति बनी।
गुरुवार दोपहर 2 बजे शव उठाने पर राजी हुए परिजन
हादसे के बाद मांडल विधायक उदयलाल भड़ाना भी यहां पहुंचे थे। ग्रामीणों और युवकों के परिजनों ने फाइनेंस कंपनी से मुआवजे की मांग की थी। इसके बाद आज दोपहर 2 बजे मुआवजे पर आपसी सहमति बनी और परिजन शवों के पोस्टमॉर्टम के लिए राजी हुए।
फील्ड विजिट से लौट रहे थे
मांडल थाना प्रभारी लक्ष्मण राम विश्नोई के अनुसार, केरिया तिराहे पर प्राइवेट बस आसींद की ओर से आ रही थी। करेड़ा की ओर से स्कूटी पर शशि (32) पिता राधेश्याम डाकोत और युवराज (30) पिता लादू लाल प्रजापत आ रहे थे। बस ने उनकी स्कूटी को टक्कर मार दी। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। दोनों फाइनेंस कंपनी में काम करते थे। दोनों कंपनी की फील्ड विजिट से लौट रहे थे। बस को जब्त कर लिया गया है और ड्राइवर भी घायल था इसका इलाज करवाया जा रहा है। परिजनों की रिपोर्ट पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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