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बाल श्रम के विरुद्ध अभियान की प्रगति पर जिला कलक्टर ने जताया असंतोष, दिए सघन अभियान चलाने के निर्देश

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बाल श्रम के विरुद्ध अभियान की प्रगति पर जिला कलक्टर ने जताया असंतोष, दिए सघन अभियान चलाने के निर्देश
बीकानेर, 26 मई। जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने बाल श्रम की रोकथाम के लिए जिले में चल रहे अभियान पर असंतोष जताया तथा इसमें और गति लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए गठित टीमें प्रत्येक औद्योगिक इकाई, होटल एवं रेस्टोरेंट का औचक निरीक्षण करें तथा यदि कहीं बाल श्रमिक पाया जाता है, तो नियमानुसार कानूनी कार्यवाही की जाए।
जिला कलक्टर ने गुरुवार को बाल कल्याण समिति की बैठक में यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बाल श्रम के विरूद्ध जिले भर में सघन अभियान चलाया जाए। कार्यवाही के दौरान संबंधित थाने के चाइल्ड ऑफिसर भी साथ रहें। यह सुनिश्चित किया जाए कि जिले के किसी भी औद्योगिक प्रतिष्ठान में 18 वर्ष से कम आयु का श्रमिक नियोजित नहीं हो। यदि ऐसा पाया जाता है, तो संबंधित के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि सड़कों पर कचरा बीनने वाले और कच्ची बस्तियों में रहने वाले शिक्षा से वंचित बच्चों का सर्वे किया जाए तथा इन्हें शिक्षा से जोड़ा जाए। इन बच्चों को स्कूल अथवा आंगनबाड़ी केन्द्रों में प्रवेश दिलाया जाए।
जिला कलक्टर ने ‘गुड टच, बेड टच’ के प्रति जागरुकता के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए। बाल अधिकारिता विभाग की सहायक निदेशक कविता स्वामी को इसकी योजना बनाने के लिए निर्देशित किया। इस दौरान उन्होंने बाल श्रम और नशा मुक्ति के विरूद्ध प्रकाशित पोस्टर का विमोचन किया।
इस दौरान किशोर एवं संप्रेषण गृह अधीक्षक डॉ. अरविंद आचार्य, बालिका गृह अधीक्षक शारदा चौधरी, बाल कल्याण समिति अध्यक्ष डॉ. किरण सिंह, सदस्य एड. जुगल किशोर व्यास, हर्षवर्धन सिंह भाटी, किरण गौड़, किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य एड. अरविन्द सिंह सेंगर, चाइल्ड हेल्प लाइन के चेनाराम आदि मौजूद रहे।
पेंडिंग नहीं रहें प्रकरण
अनुसूचित जाति, जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत गठित जिला स्तरीय सतर्कता समिति की बैठक में जिला कलक्टर की अध्यक्षता में हुई। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक एलडी पंवार ने बताया कि पुलिस द्वारा प्राप्त सूचना के अनुसार जनवरी से अप्रैल तक जिले में 105 प्रकरण दर्ज हुए। इनमें से अनुसंधान स्तर पर 70 प्रकरण लंबित हैं। वहीं 20 प्रकरण दो माह से अधिक से तथा 21 पिछले वर्षों से लंबित हैं। उन्होंने बताया कि गत वर्ष अनुसूचित जाति अत्याचार के 528 प्रकरणों में 426.21 लाख तथा अनुसूचित जनजाति के अत्याचार के 21 प्रकरणों पीड़ितों को 11 लाख रुपये आर्थिक सहायता प्रदान की गई है।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर (नगर) पंकज शर्मा, सहायक निदेशक (अभियोजन) भगवान सिंह, विशिष्ठ लोक अभियोजक कुंदन व्यास, समिति के सदस्य सीताराम सोनगरा, डूंगरराम मेघवाल, मुरली पन्नू, पाबूराम नायक, भवनेश भाटी तथा शब्बीर खान आदि मौजूद रहे।

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