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बीकानेर ऊंट महोत्सव में सुमधुर स्वर लहरियों के बीच बीएसएफ के सेरेमोनियल केमल “गंगा” सहित युद्ध कौशल में पारंगत “सांचू केमल” ने किया शौर्य प्रदर्शन

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बीकानेर ऊंट महोत्सव में सुमधुर स्वर लहरियों के बीच बीएसएफ के सेरेमोनियल केमल “गंगा” सहित युद्ध कौशल में पारंगत “सांचू केमल” ने किया शौर्य प्रदर्शनबीकानेर।बीकानेर में आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय ऊंट महोत्सव में बीएसएफ के ऊंटों ने अपने शौर्य का प्रदर्शन कर आमजन का मन मोह लिया। तीन दिवस तक चले इस कार्यक्रम में बीएसएफ के बैंड सहित ऊंट दल के लवाजमे ने अपने करतबों से लोगों को अभिभूत कर दिया। कार्यक्रम में बीएसएफ डीआईजी बीकानेर पुष्पेंद्र सिंह राठौड़, कमांडेंट सुब्रतो रॉय की अगुआई में बीएसएफ ने प्रदर्शन किया। कार्यक्रम के समापन अवसर पर बीएसएफ सहित जिला प्रशासन के अधिकारियों ने मुक्त गगन में गुब्बारे उड़ाकर ऊंट महोत्सव के समापन की घोषणा की।उल्लेखनीय है कि ऊँट उत्सव में बीएसएफ के युद्ध कौशल में पारंगत सांचू केमल जिसने की हाल ही में अपनी ड्यूटी के दौरान बार्डर एरिया में अपने युद्ध कौशल का बेहतरीन प्रर्दशन किया था। इस युद्ध केमल का इस्तेमाल सीमा सुरक्षा बल द्वारा पाक सीमा से सटे सीमावर्ती क्षेत्रों में तस्करों व बार्डर क्राईम को रोकने के लिए किया जा रहा है साथ ही सेरेमोनियल केमल “गंगा” जो सीमा सुरक्षा बल में केमल बीकानेर महाराजा गंगा सिंह की देन है। गंगा रिशाला ने प्रथम व दित्तीय विश्व युद्ध में भाग लिया फिर आजादी के बाद केमल सीमा सुरक्षा बल में देश की सेवा कर रहें है। गंगा केमल अपने काम में निपुण केमल है जिसने गणतंत्र दिवस समारोह में कई बार अपना बेहतरीन प्रदर्शन किया है। ये दोनो ऊंट महोत्सव में आकर्षण का मुख्य केंद्र रहे।

बीकानेर ऊंट महोत्सव में  सुमधुर स्वर लहरियों के बीच बीएसएफ के सेरेमोनियल केमल "गंगा" सहित युद्ध कौशल
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