NATIONAL NEWS

बीकानेर एनआरसीसी की आईआरसी बैठक आयोजित

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare


एनआरसीसी की आईआरसी बैठक आयोजित
बीकानेर 07.06.2023 । भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसन्धान केन्द्र (एनआरसीसी) की आज दिनांक को वार्षिक संस्थान अनुसंधान समिति (आई.आर.सी.) बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में बतौर ऑब्जर्वर डॉ.रजनीश राणा, प्रधान वैज्ञानिक, भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद नई दिल्ली ने कहा कि आई.आर.सी.बैठक एक वैज्ञानिक उत्सव की भांति है जिसमें वैज्ञानिकों द्वारा किए जा रहे कार्यों के गहन चिंतन व मनन का समय होता है, निश्चित तौर पर विषयगत वैज्ञानिक प्रगति इसके साथ जुड़ी होती है। हमें अपने अनुसन्धान कार्यों के निष्पादन में एक उद्देश्‍य के साथ हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए कि हम अपने पशुपालकों एवं समाज को दीर्घावधि व अल्पावधि में किस प्रकार लक्ष्यबद्ध बेहतर सेवाएं दे सकते हैं। डॉ.राणा ने एनआरसीसी में चल रही भिन्न-2 परियोजनागत कार्यों को महत्वपूर्ण बताते हुए वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि ऊँट, एक अनूठी प्रजाति है अतः उपयोगिता की दृष्टि से इसे और अधिक बेहतर स्वरूप में सामने लाने का प्रयास किया जाए।
केन्द्र निदेशक एवं आई.आर.सी. बैठक के अध्यक्ष डॉ.आर्तबन्धु साहू ने अवसर को महत्वपूर्ण बताते हुए स्पष्ट किया कि गत वर्षों में एनआरसीसी द्वारा प्राप्त उपलब्धियों पर प्रतिपुष्टि (फीडबैक) अनुसार इस बैठक का कार्यवृत्त तैयार किया जाएगा। डॉ.साहू ने केन्द्र के अधिदेशों, विजन, मुख्य कार्यक्षेत्रों आदि को सदन के समक्ष प्रस्तुत करते हुए कहा कि एनआरसीसी ऊँटों की बहु आयामी उपयोगिताओं यथा- डेरी पशु, बायोमेडिकल अनुसंधान, इको-टूरिज्म आदि पर अपना अधिकाधिक ध्यान केन्द्रित कर रहा है ताकि इस प्रजाति के महत्व एवं संख्या में बढ़ोत्तरी संभव हो सके एवं उष्ट्र पालन व्यवसाय के माध्यम से ऊँट पालकों की आमदनी में बढ़ोत्तरी की जा सकें।
पूरे दिन चली इस बैठक कार्रवाई में सभी वैज्ञानिकों ने बारी-बारी से अपनी परियोजनाओं में गत वर्ष के दौरान किए गए कार्यों एवं भविष्य में होने वाले अनुसंधान परीक्षणों का ब्यौरा प्रस्तुत किया जिनकी समिति द्वारा विवेचना की गई एवं परियोजनाओं के बेहतर कार्यान्वयन तथा उद्देष्य पूर्ण लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु अपने सुझाव भी संप्रेषित किए। डॉ.राकेश रंजन, सदस्य सचिव द्वारा आई.आर.सी. की गत बैठक के निर्णयों संबंधी प्रतिवेदन प्रस्तुत की गई। बैठक के इस अवसर पर ऊँटनी के दूध से बने दुग्ध उत्पादों-पेड़ा एवं छाछ का रसास्वादन करवाया गया जिनके स्वाद की प्रशंसा की गई।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!