बीकानेर : क्या ज्योतिषी के दिखाए सपने बने 5 सुसाइड की वजह?:कहा था- 5 साल काम मत करो, पैसा बरसेगा…लेकिन 3 सुसाइड नोट कह रहे अलग कहानी
बीकानेर
कहते हैं मरता हुआ आदमी झूठ नहीं बोलता…लेकिन बीकानेर में परिवार के 5 सदस्यों की आत्महत्या के केस में मिले 3 सुसाइड नोट सवालों और शक के दायरे में आ गए हैं।
बीकानेर शहर में परिवार के 5 सदस्यों ने साथ सुसाइड कर लिया। 14 दिसंबर को इसका खुलासा हुआ।
सुसाइड के दो दिन पहले से ये परिवार घर में ही बंद था, न दूध लिया और न ही अखबार। किसी का फोन तक रिसीव नहीं किया।
पहले दावा किया गया कि घर के मुखिया हनुमान सोनी ने पहले जहर खाया था और बाकी ने फंदा लगाया। बाद में सामने आया कि सभी ने एक साथ फंदा लगाया था।
पुलिस को घर के मुखिया, उसकी पत्नी और बेटे के लिखे हुए 3 सुसाइड नोट मिले। जिनमें सुसाइड की वजह पारिवारिक और प्रॉपर्टी विवाद बताया गया।
लेकिन पुलिस की जांच में इन तीनों सुसाइड नोट पर सवाल उठ रहे हैं। इस बीच पुलिस इंवेस्टिगेशन में सामने आया कि घर का मुखिया हनुमान किसी ज्योतिषी के संपर्क में भी था। जिसने उसने कहा था-पांच साल कोई काम मत करो, किस्मत बदल जाएगी। पैसा ही पैसा बरसेगा।
मामले में पैरेलल इंवेस्टिगेशन किया और सुसाइड के सच तक पहुंचने की काेशिश की।
पढ़िए पूरी रिपोर्ट…
हादसे के बाद तीन सुसाइड नोट मिले, लेकिन सभी की एक कहानी
हनुमान सोनी, उसकी पत्नी विमला और बेटे मोनू का सुसाइड नोट पुलिस को मिला था। इसमें विमला और मोनू का सुसाइड नोट घटना स्थल से ही बरामद हो गया था। वहीं, हनुमान का सुसाइड नोट पोस्टमार्टम के समय उसकी पेंट की जेब से मिला। पढ़िए, सुसाइड नोट में किसने क्या लिखा…
हनुमान : मुझे जायदाद में कोई हिस्सा नहीं दिया गया। परिजनों ने धमकाया और पचास लाख रुपए वापस नहीं लौटाए। मैं किसी को ये बात नहीं बता पाया कि परिजनों ने रुपए लिए हैं। साले चंपालाल ने भी मेरे परिवार का साथ देने के बजाय मेरे भाइयों का साथ दिया।
विमला : मैं पति के बिना एक मिनट भी नहीं जी सकती। सास विमला, ससुर गणेश, जेठ शंकर, जेठानी इंद्रा, ननद कौशल्या, सुमित्रा और भाई चंपालाल के कारण ये कदम उठाना पड़ रहा है। सास ससुर ने पचास लाख रुपए लिए जो वापस नहीं लौटाए। हमें जान से मारने की धमकी दी। जेठ-जेठानी को हमेशा हमारा सब कुछ चाहिए था।
मोनू : मम्मी-पापा को प्रॉपर्टी में हिस्सा नहीं मिला और इस वजह से जान दे रहे हैं। (दादा-दादी, ताऊ-ताई सहित अन्य परिजनों पर उसने भी ऐसे ही आरोप लगाए हैं।)
फोटो घटना के बाद का है। घर में बदबू आने की सूचना मिली तो पुलिस मौके पर पहुंची थी, जहां शव फंदे पर लटके हुए थे।
पुलिस का दावा: सुसाइड नोट कहानी गले नहीं उतर रही
इन सुसाइड नोट की जब पुलिस ने जांच शुरू की तो कहानी कुछ और ही सामने आई। पुलिस जांच में पता चला कि न तो 50 लाख की संपत्ति का बंटवारा हुआ था और न ही इनके बीच प्रॉपर्टी विवाद था। हनुमान सोनी ने एक मकान बेचा था, जिसके 24 लाख रुपए आए थे और उन्हीं रुपए से अब तक का खर्चा चल रहा था।
पहला आरोप : माता-पिता और भाइयों ने जायदाद में कोई हिस्सा नहीं दिया
पुलिस की जांच में चला कि हनुमान सोनी के पिता के पास ऐसी कोई जायदाद ही नहीं है, जिससे किसी को बेदखल किया गया हो या फिर चुपचाप हिस्सेदारी कर ली गई हो। ऐसी भी कोई जायदाद नहीं है, जिसका बंटवारा करने पर लाखों रुपए मिलने की उम्मीद हो।
दूसरा आरोप : पचास लाख रुपए किसी ने ले लिए
पुलिस जांच में अब तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है, जिसमें पचास लाख रुपए का बैंक ट्रांजैक्शन हुआ हो। उसके खुद के खाते से भी पिछले सालों में कभी भी पचास लाख रुपए निकालने की एंट्री भी पुलिस को नहीं मिली है। खुद हनुमान ऐसा काम नहीं करता था कि घर पर पचास लाख रुपए पड़े होने की कोई उम्मीद हो।
हनुमान सोनी पिछले कई सालों से इसी घर में रह रहा था। पांच में से केवल तीन सदस्य ही हर बार दिखते थे।
तीसरा आरोप : जायदाद में हिस्सा नहीं मिला
अब तक की जांच में सामने आया है कि हनुमान के पिता के पास ऐसी कोई संपत्ति नहीं है, जिसका बंटवारा करने पर पचास लाख रुपए का हिस्सा मिल सके। ऐसा भी नहीं है कि हनुमान के अन्य भाइयों को जायदाद का कोई हिस्सा दिया गया हो और उसे वंचित कर दिया गया हो। ऐसी किसी भी प्रॉपर्टी बंटवारे के डॉक्यूमेंट पुलिस को नहीं मिले हैं।
फिर सच आया सामने, ज्योतिष के कॉन्टैक्ट में था हनुमान
इस सनसनीखेज सुसाइड केस में एसआईटी बनाई गई और जांच सिटी एएसपी दीपक कुमार को दी। पुलिस की जांच में सामने आया कि हनुमान सोनी पिछले कुछ सालों से एक ज्योतिष के कॉन्टैक्ट में था। हनुमान का गहने गढ़ने का काम था। दावा किया जा रहा है कि इस ज्योतिष के कॉन्टैक्ट में आने के बाद हनुमान ने काम करना बंद कर दिया था। दूसरी वजह ये भी थी कि वह कमर दर्द से भी परेशान रहता था।
किसी ज्योतिष ने हनुमान को बोला था- पांच साल काम करने की जरूरत नहीं है। इसके बाद उसके दिन सुधर जाएंगे। ये भी दावा किया था कि इन पांच साल बाद उसके पास बहुत से रुपए आएंगे। हनुमान को ये उम्मीद थी कि पांच साल बाद उसके और परिवार के दिन बदल जाएंग।
इधर, जब पुलिस ने हनुमान की बैंक डिटेल खंगाली तो पूरी हकीकत सामने आ गई। बैंक डिटेल में केवल खाते से रुपए निकालने की ही जानकारी थी, पिछले कुछ सालों में हनुमान ने एक बार भी रुपए जमा नहीं करवाए थे। हनुमान सोनी जो रुपए निकाल रहा था, वह रुपए उसके बेचे हुए मकान के थे। उसने 10 साल पहले 24 लाख में मकान बेच दिया था।
पुलिस को एक के बाद एक तीन सुसाइड नोट मिले थे। इसमें सुसाइड का कारण प्रॉपर्टी विवाद और 50 लाख रुपए का कारण बताया था।
लाॅकडाउन के बाद बच्चों ने पढ़ाई छोड़ी, पत्नी पीहर नहीं जाती थी
हनुमान सोनी और उसका परिवार रिश्तेदारी के साथ अपने मां-बाप, भाई-बहनों से पूरी तरह से कटा हुआ था। जब टीम अंत्योदय नगर में हनुमान सोनी के मकान के पास पहुंची तो पड़ोसियों ने बताया कि उन्होंने कभी ऐसा नहीं देखा कि हनुमान का परिवार मोहल्ले के लोगों से मिल रहा है या बात कर रहा है।
पूरे दिन परिवार के लोग घर में ही बंद रहते थे। हनुमान ने लॉकडाउन के बाद से ही बच्चों की पढ़ाई छुड़वा दी थी। उसका बड़ा बेटा ऋषि 18, दूसरा बेटा मोनू 16 और बेटी गुड़िया 14 साल की थी। मोहल्ले के लोगों ने बताया कि ऋषि को तो कभी भूल कर भी बाहर नहीं देखा। मोनू मोहल्ले के लोगों से बात करता था। घर के सामने ही मंदिर बना हुआ है। वहां साफ-सफाई करना और पौधों को पानी देना मोनू का काम था। गुड़िया शाम के समय कभी-कभी बच्चों के साथ खेलने आ जाती थी।
हनुमान और उसकी पत्नी विमला की किसी से बोलचाल नहीं थी। पड़ोसियों ने बताया कि हम तो विमला को जानते तक नहीं थे। घर के तीन सदस्य ही हमेशा बाहर दिखते रहते थे। हनुमान न तो अपने परिवार से बात करता था और न ही पत्नी को पीहर जाने की परमिशन दे रखी थी। पड़ोसियों से भी बात करने के लिए मनाही थी।
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