शिष्यों के घर-घर जाएंगे गुरुजी तो बनेंगे ‘करोड़पति’, जानिए कैसे…
बीकानेर. निजी स्कूलों के नक्शे कदम पर अब सरकारी स्कूल का स्टाफ भी चलेगा। ताकि स्कूलों में नामांकन संख्या को बढ़ाया जा सके। इसकी वजह यह है कि गत शिक्षा सत्र में सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या कम हो गई थी। जबकि सरकार ने विद्यार्थियों के लिए कई तरह की योजनाएं चला रखी हैं। जो शिक्षक अधिक नामांकन बढ़ाएगा, उसे प्रोत्साहन के रूप में सम्मानित भी किया जाएगा। नामांकन बढ़ाने के लिए वार्ड स्तर तक शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। ये शिक्षक निर्वाचक नामावली एवं हाउस होल्ड के आधार पर सर्वे करेंगे और 3 वर्ष से 18 वर्ष के चिन्हित अनामांकित बालक-बालिकाओं की सूची तैयार करेंगे।
एक करोड़ से अधिक का लक्क्ष्य
स्कूलाें में नामांकन संख्या एक करोड़ से अधिक करने का लक्क्ष्य है। कोविड के दौरान निजी स्कूल बंद होने तथा अभिभावकाें द्वारा फीस जमा नहीं कराने के कारण सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या एक करोड़ हो गई थी। लेकिन कोविड काल समाप्त होने के बाद वापस सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या 89 लाख तक सीमित हो गई। इससे शिक्षा विभाग चिंतित हो गया।शिक्षकों का होगा सम्मान
संस्था प्रधानों, शिक्षकों तथा अभिभावकों को प्रोत्साहन के लिए विद्यालय स्तर पर नामांकन के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वालेशिक्षकों को राष्ट्रीय दिवसों के कार्यक्रम में सम्मानित किया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक पंचायत समिति, नगर पालिका में उत्कृष्ट कार्य करने वाले तीन संस्था प्रधानों तथा शिक्षकों को उपखण्ड स्तर पर आयोजित राष्ट्रीय दिवस समारोह में सम्मानित किया जाएगा। साथ ही प्रत्येक जिले में श्रेष्ठ कार्य करने वाले पांच संस्थाप्रधानों एवं शिक्षकों को जिला स्तर पर आयोजित राष्ट्रीय दिवस समारोह में सम्मानित किया जाएगा। इसके अलावा राज्य स्तर पर शिक्षा संकुल में आयोजित राष्ट्रीय दिवस समारोह में प्रत्येक जिले से श्रेष्ठ कार्य करने वाले एक संस्था प्रधान को सम्मानित किया जाएगा।
आंगनबाड़ी जाने वाले बच्चों की भी होगी पहचान
प्रवेशोत्सव अभियान में स्कूलों के साथ-साथ आंगनबाड़ी में प्रवेश के योग्य आयुवर्ग के बच्चों का चिन्हीकरण भी किया जाएगा तथा ऐसे बच्चों को निकट के आंगनबाड़ी केंद्रों में प्रवेश दिलाया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी संस्था प्रधान तथा क्षेत्र के पीईईओ की होगी।
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