भारतीय सेना को पहले हफ्ते में मालदीव से हटाएंगे… राष्ट्रपति बनने से पहले मोहम्मद मोइज्जू का ऐलान, बोले चीन की भाषा
Mohamed Muizzu: मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति भारतीय सेना को निकालने पर अड़े हैं। मोहम्मद मोइज्जू का कहना है कि वह राष्ट्रपति बनने के पहले ही दिन से भारत को सेना हटाने का अनुरोध करेंगे। वह चाहेंगे कि पहले ही हफ्ते में भारतीय सेना मालदीव की धरती छोड़ दे। मोहम्मद मोइज्जू का झुकाव चीन की तरफ है।
हाइलाइट्स
- मालदीव में चीन समर्थक मोहम्मद मोइज्जू राष्ट्रपति चुने गए
- अगले महीने वह औपचारिक तरीके से राष्ट्रपति बनेंगे
- मोहम्मद मोइज्जू का कहना है कि वह पहले दिन से भारतीय सेना को हटाएंगे
माले: मालदीव का चुनाव भारत और चीन के बीच वर्चस्व की लड़ाई को दिखा रहा था। इस चुनाव में विपक्षी नेता मोहम्मद मोइज्जू की जीत हुई है। राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह की चुनाव में हार हुई। मोहम्मद मोइज्जू की जीत के बाद से ही माना जा रहा था कि चीन का प्रभाव बढ़ेगा। लेकिन राष्ट्रपति बनने से पहले ही मोइज्जू ने भारत के खिलाफ चीन की भाषा बोलना शुरू कर दिया है। मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू देश से भारतीय सैनिकों को निकालने के अपने चुनावी वादे पर अड़े हैं।
उन्होंने अपनी बात को फिर दोहराया है। हालांकि उनका कहना है कि वह इस मुद्दे का हल राजनयिक तरीके से हल करेंगे। मोइज्जू अगले महीने औपचारिक रूप से राष्ट्रपति का पद संभालेंगे। उन्होंने कहा कि अगर संभव हुआ तो अपने राष्ट्रपति पद संभालने के पहले सप्ताह में ही भारतीय सैनिकों की वापसी देखेंगे। मोहम्मद मोइज्जू का झुकाव चीन की तरफ रहता है। उन्होंने अल जजीरा को एक इंटरव्यू में कहा कि अगर संभव हुआ तो वह राष्ट्रपति बनने के पहले दिन भारत से अपने सैनिकों को हटाने का अनुरोध करेंगे। यह उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
भारत को दी है जानकारी
पिछले महीने मोइज्जू ने इब्राहिम सोलिह को हराया, जिन्हें भारत के लिए अनुकूल माना जाता है। उन्होंने कहा, ‘मैं कुछ दिनों पहले भारतीय उच्चायुक्त से मिला था और उस बैठक के दौरान ही मैंने उल्लेख किया था कि हमें इसे अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बनाने की जरूरत है। उन्होंने इसे सकारात्मक तौर पर लिया और कहा कि वे मिलकर इस पर आगे का रास्ता खोजने के लिए साथ हैं।’ हालांकि उन्होंने यह स्वीकार किया कि उन्हें मालदीव में भारतीय सैन्य कर्मियों की संख्या की जानकारी नहीं है।
‘हम सुरक्षित महसूस नहीं करते’
मोइज्जू ने कहा, ‘सदियों से मालदीव एक शांतिपूर्ण देश रहा है। हमारी धरती पर कभी कोई विदेशी सेना नहीं रही। हमारे पास कोई बड़ा सैन्य ढांचा नहीं है और हमारी धरती पर किसी भी सेना के रहने से हम सुरक्षित महसूस नहीं करते।’ यह पूछे जाने पर कि क्या उनका झुकाव चीन की तरफ रहेगा? इस पर उन्होंने कहा कि वह मालदीव समर्थक नीति का पालन करेंगे। मुइज्जू ने कहा, ‘हम किसी भी देश को खुश करने के लिए उसका पक्ष नहीं लेंगे। हम चाहते हैं कि पहले हमारे पक्ष सुरक्षित हों। कोई भी देश जो इसका सम्मान करे वो हमारा अच्छा दोस्त है।’
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